NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका
अमेरिका : कोरोना वायरस रोकथाम में बाधा बन रहे दक्षिणपंथी प्रदर्शनकारी
देश भर में स्टे-एट-होम के आदेशों और डेमोक्रेटिक पार्टी के गवर्नरों के ख़िलाफ़ होने वाले इन प्रदर्शनों को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन प्राप्त है।
पीपल्स डिस्पैच
20 Apr 2020
USA

19 अप्रैल रविवार को अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में 2000 से ज़्यादा लोग जमा हो गए और देश भर कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लागू किये गए लॉकडाउन का विरोध करने लगे। दक्षिणपंथी और रूढ़िवादी संगठन राज्य सरकारों का इस तरह से विरोध करके कोरोना की रोकथाम के लिए हो रहे प्रयासों को चुनौती दे रहे हैं।

यह प्रदर्शन 15 अप्रैल को मिशिगन में हुए प्रदर्शन जैसा ही था। यह संगठन लॉकडाउन हटाने की मांग कर रहे हैं और कोरोना वायरस के ख़तरे के बावजूद काम फिर से शुरू करना चाह रहे हैं। अभी तक टेक्सास, फ़्लोरिडा, ऑहियो, मिनेसोटा, मेरीलैंड और वर्जिनिया में दक्षिणपंथी संगठनों ने इस तरह के विरोध प्रदर्शन किए हैं।

मिशिगन में हुआ प्रदर्शन मिशिगन कंज़र्वेटिव गठबंधन द्वारा आयोजित किया गया था, जो कि मिशिगन फ़्रीडम फ़ंड द्वारा समर्थित है। ग़ौरतलब है कि रिपब्लिकन नेता और अमेरिकी स्वास्थ्य सचिव, और उनकी पत्नी इस फ़ंड से सबसे बड़े दानकर्ता हैं।

इनमें से ज़्यादातर राज्यों में डेमोक्रेटिक पार्टी के गवर्नर हैं, या फिर यह 'स्विंग' राज्य हैं, जिनके वोट नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में निर्णायक साबित हो सकते हैं। प्रदर्शन करने वाले ज़्यादातर संगठन या तो या सीधे तौर पर ट्रंप प्रशासन से जुड़े हैं, या रिपब्लिकन पार्टी के किसी नेता से।

इन प्रदर्शनों को ट्रंप प्रशासन का समर्थन मिला है, जो डेमोक्रेटिक पार्टी गवर्नरों का विरोधी है। शुक्रवार 17 अप्रैल से ट्रंप ने एक से ज़्यादा बार लॉकडाउन हटाने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शनों का समर्थन किया है। उन्होंने आने ट्विटर एकाउंट पर मिशिगन, वर्जिनिया और मिनेसोटा को 'आज़ाद' करने की बात कही थी।

अमेरिका कोरोना वायरस से सबसे ज़्यादा प्रभावित है। यहाँ अब 760,000 से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं, और 40,000 लोगों की मौत हो चुकी है। लॉकडाउन की वजह से बेरोज़गारी में भी बढ़ोतरी हुई है, और पिछले महीने से बेरोज़गारी भत्ते के लिए 22 मिलियन से ज़्यादा लोगों ने अपना नाम भरा है।

साभार :पीपल्स डिस्पैच

Coronavirus
COVID-19
Corona Crisis
USA
Donand Trump
Right-wing protesters

Related Stories

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव

अमेरिकी आधिपत्य का मुकाबला करने के लिए प्रगतिशील नज़रिया देता पीपल्स समिट फ़ॉर डेमोक्रेसी

महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां

विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान

महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां

कोविड मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर मोदी सरकार का रवैया चिंताजनक

महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 

जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License