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अमेरिका : कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बावजूद राज्य दे रहे हैं लॉकडाउन में ढील
स्वास्थ्य एक्सपर्ट की सलाह को नज़रअंदाज़ करते हुए ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के विभिन्न गवर्नर राज्यों में लगी पाबंदियों में ढील दे रहे हैं।
पीपल्स डिस्पैच
27 Apr 2020
USA
अमेरिका के दक्षिणपंथी संगठन कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन का लगातार विरोध कर रहे हैं।(फ़ोटो Reuters)

अमेरिका में सार्वजनिक स्वास्थ्य एक्सपर्ट की सलाह के बावजूद 5 और राज्य बिज़नेस और पब्लिक गतिविधियों पर लगी पाबंदियों में ढील देने की तैयारी में हैं। 27 अप्रैल को कोलोराडो, मिसिसिप्पी, मोंटाना, मिनेसोटा और टेनेसी ने विभिन्न क्षेत्रों को खोलने का निर्णय लिया है, जिन्हें लॉकडाउन के दौरान बंद किया गया था।

कोलोराडो के राज्य प्रशासन ने रविवार को ही धार्मिक गतिविधियों को चालू कर दिया था, जबकि आज से वहाँ रिटेल दुकानें और बिज़नेस खुल जाएंगे। प्रशासन ने 7 मई को पूरी तरह से लॉकडाउन ख़त्म करने का निर्णय लिया है।

मिसिसिपी ने स्टे एट होम के आदेशों को बढ़ाने के ख़िलाफ़ निर्णय लिया है। यह आदेश सोमवार को ख़त्म होने वाले हैं। मोंटाना और टेनेसी छोटे व्यवसायों को अनुमति देंगे, बशर्ते वह सामाजिक दूरी का पालन करें। जबकि मिनेसोटा औद्योगिक गतिविधियों को शूरू कर रहा है, और 100,000 कर्मचारियों को काम पर वापस भेज रहा है।

अमेरिका में कोविड 19 संक्रमण की बढ़त को देखते हुए कई लोगों ने इस तरह से लॉकडाउन हटाये जाने पर सवाल उठाए हैं।

अभी तक जिन राज्यों से लॉकडाउन नियमों में ढील दी गई है, वहाँ रिपब्लिकन पार्टी के गवर्नर हैं। अमेरिका के दक्षिणपंथी और कंज़र्वेटिव्स ने लगातार लॉकडाउन हटाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किए हैं और कहा है कि इससे बिज़नेस का नुकसान हो रहा है।

अमेरिका में बेरोज़गारी में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। 26 मिलियन कर्मचारियों ने लॉकडाउन के दौरान नौकरी जाने की अर्ज़ी दी है। इसकी वजह से बेरोज़गारी दर 16% हो गई है।

वहीं दूसरी तरफ़ पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स ने लगातार राज्य प्रशासन को बिना मास स्क्रीनिंग और टेस्ट के लॉकडाउन हटाने से मना किया है। अमेरिका कोरोना से सबसे ज़्यादा प्रभावित देश है। यहाँ 27 अप्रैल सुबह 8 बजे तक कोरोना के 987,000 से ज़्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं और 55000 से ज़्यादा मौतें हो चुकी हैं।

साभार : पीपल्स डिस्पैच 

Coronavirus
USA
United States
Corona Crisis
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