NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका
अमेरिकी आदिवासी समूह ने तांबे की खान को लेकर मंज़ूरी रोकने के लिए मुकदमा दायर किया
एरिज़ोना प्रांत में अपाचे आदिवासी ओक फ्लैट में एक नियोजित तांबे की खान के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ते आ रहे हैं जिसमें उनकी पवित्र भूमि शामिल है।

पीपल्स डिस्पैच
13 Jan 2021
अमेरिकी आदिवासी समूह

संयुक्त राज्य अमेरिका में एक आदिवासी समूह ने तांबे की खान के खिलाफ लंबे समय से चल रही लड़ाई को लेकर अदालतों का दरवाजा खटखटाया है। डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन द्वारा एरिजोना में तांबे की खान के लिए फास्ट ट्रैक स्वीकृति के प्रयासों को रोकने के लिए मंगलवार 11 जनवरी को अपाचे स्ट्रॉन्गहोल्ड ने एक संघीय अदालत में मुकदमा दायर किया। एरिजोना में यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दायर किया गया ये मुकदमा शुक्रवार को जारी होने वाले टोंटो नेशनल फॉरेस्ट द्वारा एक पर्यावरण समीक्षा से कुछ दिन पहले आया है।

एरिजोना प्रांत के आदिवासी नेताओं ने आरोप लगाया है कि ट्रम्प प्रशासन ओक फ़्लैट लैंड में लगभग 10 वर्ग किलोमीटर या 2,400 एकड़ भूमि को पृथक करने के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति देने की योजना बना रहा है जो टोंटो नेशलन फॉरेस्ट के अधीन आता है। नियोजित खदान एरिजोना में अपाचे जनजातियों के पवित्र भूमि पर स्थित भूमि होगी।

इस भूमि को रिज़ॉल्यूशन कॉपर द्वारा संचालित कॉपर माइन को दिया जाएगा जो ऑस्ट्रेलियन माइनिंग कॉर्पोरेशन रियो टिंटो और बीएचपी समूह का संयुक्त उद्यम है। रियो टिंटो इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया में एक खदान के विस्तार को लेकर 46,000 साल पुराने आदिवासी स्थल को नष्ट करने के एक बड़े विवाद में शामिल था।

सरकार और रियो टिंटो द्वारा खदान के लिए जल्दबाजी में मंजूरी के आरोपों से इनकार करने के बावजूद, हाल ही में जारी किए गए सरकारी दस्तावेज कुछ और बयां करते हैं। सितंबर में इस क्षेत्र के लिए अंतिम पर्यावरणीय प्रभाव सर्वेक्षण के पूरा होने की तारीख को एक पूरे वर्ष यानी दिसंबर 2020 तक आगे बढ़ा दिया गया था। यूनाइटेड स्टेट फॉरेस्ट सर्विस के माध्यम से संघीय सरकार द्वारा सीधे प्रशासित किए गए टोंटो नेशनल फॉरेस्ट इस सप्ताह रिपोर्ट जारी करेगी।

आदिवासी एक्टिविस्ट और पर्यावरण के मामलों से जुड़े समूहों ने लगातार इस जमीन पर गतिविधियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। यदि ईआईएस की अंतिम रिपोर्ट इस साल के अंत तक पूरी हो जाती है तो यह ट्रम्प प्रशासन को खदान को मंजूरी देने के लिए हरी झंडी दे देगा।

America
apache tribe
oak flat arizona
American tribals

Related Stories

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

लखनऊ में नागरिक प्रदर्शन: रूस युद्ध रोके और नेटो-अमेरिका अपनी दख़लअंदाज़ी बंद करें

यूक्रेन पर रूस के हमले से जुड़ा अहम घटनाक्रम

यूक्रेन की बर्बादी का कारण रूस नहीं अमेरिका है!

कोविड -19 के टीके का उत्पादन, निर्यात और मुनाफ़ा

आओ पूरी दुनिया को बताएँ कि इस दुनिया में दक्षिणी गोलार्ध के देश भी मौजूद हैं: चौथा न्यूज़लेटर (2022)

क्या पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर के लिए भारत की संप्रभुता को गिरवी रख दिया गया है?


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में फिर से हो रही कोरोना के मामले बढ़ोतरी 
    20 May 2022
    देश में दो दिनों तक गिरावट के बाद फिर से कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी होने लगी है। देश में पिछले 24 घंटो में कोरोना के 2,259 नए मामले सामने आए हैं। 
  • पारस नाथ सिंह
    राज्यपाल प्रतीकात्मक है, राज्य सरकार वास्तविकता है: उच्चतम न्यायालय
    20 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड के एक दोषी एजी पेरारिवलन को रिहा कर दिया, क्योंकि तमिलनाडु के राज्यपाल ने राज्य मंत्रिमंडल की सज़ा को माफ़ करने की सलाह को बाध्यकारी नहीं माना।
  • विजय विनीत
    मुद्दा: ज्ञानवापी मस्जिद का शिवलिंग असली है तो विश्वनाथ मंदिर में 250 सालों से जिसकी पूजा हो रही वह क्या है?
    20 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े सवालों का जवाब ढूंढने के लिए ‘न्यूज़क्लिक’ के लिए बनारस में ऐसे लोगों से सीधी बात की, जिन्होंने अपना बचपन इसी धार्मिक स्थल पर गुज़ारा।
  • पार्थ एस घोष
    पीएम मोदी को नेहरू से इतनी दिक़्क़त क्यों है?
    19 May 2022
    यह हो सकता है कि आरएसएस के प्रचारक के रूप में उनके प्रशिक्षण में ही नेहरू के लिए अपार नफ़रत को समाहित कर दी गई हो। फिर भी देश के प्रधानमंत्री के रूप में किए गए कार्यों की जवाबदेही तो मोदी की है। अगर…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी, ताज, क़ुतुब पर बहस? महंगाई-बेरोज़गारी से क्यों भटकाया जा रहा ?
    19 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार शर्मा सवाल उठा रहे हैं कि आखिर क्यों जनता को महंगाई, बेरोज़गारी आदि मुद्दों से भटकाया जा रहा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License