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अमेरिका की सुनियोजित योजना: पाबंदी के ज़रिए गला घोंटना
‘शायद यह सभी विडंबनाओं की एक विडम्बना है कि वेनेजुएला के विरुद्ध पाबंदियां या प्रतिबंध, उसके प्रति होने वाले संभावित अत्याचार से बचाव करने अथवा उससे मुक्त रखने के नाम पर लगाये गए हैं। अमेरिकी तर्ज की मुक्ति या आज़ादी एकदम अनोखी होती है। जब एक देश यंत्रणा से गुज़र रहा हो या पीड़ा में हो, तो उसकी तड़प कम करने के बदले, उसे और बढ़ा दो,...’
यानिस इकबाल
22 Jan 2021
अमेरिका की सुनियोजित योजना: पाबंदी के ज़रिए गला घोंटना
प्रतीकात्मक चित्र। चित्र सौजन्य : कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ कनाडा 

अमेरिका के वित्त मंत्रालय के मातहत ऑफिस ऑफ फॉरेन एसेट्स कंट्रोल (ओएफएसी) ने 19 जनवरी 2021 को वेनेजुएला में वैध तरीके से चुनी गई निकोलस मादुरो की सरकार को उसके तेल क्षेत्र में अमेरिकी प्रतिबंध लगाने में मदद के लिए तीन व्यक्तियों, 14 इकाइयों, और 6 जहाजों को नामित किया है। 

प्रतिबंधों के परिणामस्वरूप, निर्दिष्ठ सभी इकाइयों और व्यक्तियों की परिसम्पत्तियों पर रोक लगा दी जाएगी और उन्हें ओएफएसी को सूचित करना अपरिहार्य होगा। इन निर्दिष्ठ व्यक्तियों या इकाइयों द्वारा परोक्ष या अपरोक्ष तरीके से किये जाने वाले किसी भी कारोबार में 50 फीसद या इससे अधिक की हिस्सेदारी वाले व्यवसाय को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। इस प्रतिबंध के दायरे में वे व्यावसायिक गतिविधियां भी आएंगी, जो अमेरिका में संचालित की जाती हैं। 

मानवीय साम्राज्यवाद

अमेरिका के विदेश मंत्री (अब पूर्व) माइक पोम्पियो इस अमानवीय प्रकृति की पाबंदियों के मकसद की कैफियत देते समय बेहद सावधान थे: “इस कार्रवाई का मकसद अंतरराष्ट्रीय जहाजरानी इकाइयों को वेनेजुएला के तेल क्षेत्र से अलग-थलग करना था और इसके अलावा, अवैधानिक मादुरो सरकार को तेल बेचने के विकल्पों में कतर-ब्योंत करना था। हम एक बार फिर से मुक्त, समृद्ध और स्थिर वेनेजुएला के शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण के लिए अपनी पूरी अमेरिकी आर्थिक और राजनयिक ताकत लगातार लगाते रहेंगे।” इसे अन्य शब्दों में कहें तो, अमेरिका मादुरो की सरकार का गला दबा देना चाहता है और उसे अपदस्थ कर देना चाहता है।

‘शायद यह सभी विडंबनाओं की विडम्बना है कि वेनेजुएला के विरुद्ध पाबंदियां या प्रतिबंधों को उसके प्रति होने वाले संभावित अत्याचार से रक्षा करने अथवा उससे मुक्त रखने के नाम पर लगाये गए हैं। अमेरिकी तर्ज की मुक्ति या आजादी अनोखे मिजाज की होती है। जब कोई देश यंत्रणा से गुजर रहा हो, या पीड़ा में हो, तो उसकी तड़प को कम करने के बजाय, उसे और बढ़ा दो। एक देश में खाने-पीने की कमी है; तो उसे खाद्यान्न का आयात करने से रोक दो। लब्बोलुआब, यह कि किसी देश को बचाना है तो उसका तरीका है कि पहले उसे बर्बाद कर दो। एक ‘मुक्त वेनेजुएला’ को हासिल करने का पोम्पियों के संकुचित मकसद में हम अमेरिकी वित्त मंत्री स्टीवन टी म्नुचिन के बेतुके दावे को भी जोड़ सकते हैं: “संयुक्त राज्य अमेरिका मादुरो की सत्ता को वेनेजुएला के प्राकृतिक संसाधनों का बेजा इस्तेमाल रोकने पर पूरी तरह आमादा है।”

स्टीवन का विलेन से हीरो के जैसे लडने-भिड़ने के ऊच्च-सिद्धांतों का लक्ष्य स्वयं अमेरिकी प्रशासन की महत्त्वाकांक्षा के विपरीत जा पड़ता है। अपने ओवल ऑफिस में, 2017 को हुई एक मीटिंग में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था, “वेनेजुएला एक ऐसा देश है, जिसके साथ हमें युद्ध करना चाहिए।” उनके पास सारा का सारा तेल है और वे हमारे ठीक पिछवाड़े में है।”

तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने जनवरी 2019 में फॉक्स न्यूज से कहा था,: “यह अमेरिका में आर्थिक रूप से बहुत बड़ा बदलाव लाएगा, अगर हम वेनेजुएला में अमेरिकी तेल कम्पनियों को वहां निवेश करने दें और उन्हें अपनी क्षमता भर तेल का उत्पादन करने दें।” तब क्या हम इसका यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि अमेरिका वेनेजुएला के नैसर्गिक संसाधनों का लूटपाट करके ही उसे “बचा” सकता है?

गुएडो : एक अमेरीकी अनुचर

जिस दिन पाबंदियां थोपी गईं, उसी दिन पोम्पियो ने अमेरिका के इशारे पर नाचने वाले राजनीतिक जुआन गुएडो से बातचीत की, जिसे वेनेजुएला की 83 फीसदी आबादी ने ठुकरा दिया है। प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टगस ने कहा कि पोम्पियो और गुएडो ने “वेनेजुएला तथा अमेरिका में लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण के साझा मकसदों को लेकर बातचीत की’’, उनके नेतृत्त्व तथा वेनेजुएला के सभी नागरिकों की मुक्ति एवं सम्मान के प्रति अपना अटूट समर्थन दिया। अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पियो ने वेनेजुएला के अंतरिम राष्ट्रपति गुएडो की “वेनेजुएला के लाखों लोगों के सुनहले भविष्य को सुनिश्चित करने वाले प्रेरणास्पद नेतृत्व के लिए तथा मुक्ति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता” के लिए निजी तौर पर आदर दिया व उनकी सराहना की।

लोकतांत्रिक हस्तांतरण? आजादी? मान-प्रतिष्ठा? गुएडो इनमें से किसी गुण या आचरण का प्रतिनिधित्व नहीं करते। वह अपने निर्लज्ज आपराधिक आचरणों: देश में सैन्य हस्तक्षेप के लिए विदेश सेना बुलाने; वेनेजुएला के विदेशी संसाधनों के दोहन करने; सार्वजनिक सेवाओं को महत्वहीन करने; खून-खराबे के साथ तख्तापलट की कोशिश करने; खाद्यान्न का संकट पैदा करने; अवैध तरीके से सत्ता में बने रहने, जिसके वे हकदार नहीं थे; अर्धसैनिक मादक द्रव्य के प्रभुओं से सांठगांठ करने; दवाओं के आयात रोकने, खास कर कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौरान; तथा देश के लोगों के संसाधनों की कीमत पर खुद को अमीर बनाने जैसे कुकृत्यों के बारे में जाने जाते हैं। वेनेजुएला के लेखा नियंत्रक एल्विस अमोरोसो ने पाया है कि गुएडो यूरोप के बैंक खातों में दो बिलियन यूरो जमा हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका में 77 फुट लम्बा एक पोत है।

अमानवीयता के विरुद्ध युद्ध 

गुएडो के ह्रदय में विध्वंसकारी तख्तापलट की पल रही संडांध का खुलासा वैक्सिनेशन के संदर्भ में उनकी कारगुजारियों से हुआ। उनकी टीम ने गावी वित्तीय कार्यक्रम, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के जरिये गरीब देशों में वैक्सिनेशन कार्यक्रम को बढ़ावा देता है, के तहत कोरोना से बचाव के लिए वैक्सिन खरीदने के लिए ब्रिटेन में 120 मिलियन अमेरिकी डॉलर की अवरुद्ध आस्तियां (फ्रोजन एसेट्स) को मुक्त करने के लिए वेनेजुएला सेंट्रल बैंक (वीसीबी) के अनुरोध को ठुकरा दिया। 

गुएडो एवं उनकी टीम के अमानवीय रवैये के विपरीत, मादुरो की सरकार ने “लैटिनी अमेरिकी एकजुटता सबसे पहले, बाद में और कुछ” के बैनर तले मनौस-ब्राजील के प्रांत अमेजन की राजधानी-में कोविड-19 के प्रकोप का सामना करने में ब्राजील सरकार की मदद की थी। मनौस में श्वसन की कमी से जूझ रहे मरीजों के लिए ऑक्सीजन की रिकॉर्ड खपत हुई थी, जो रोजाना 5,000 क्यूबिक से लेकर 72,00 क्यूबिक तक पहुंच गई थी।

वेनेजुएला से ऑक्सीजन सिलिंडर से लदे ट्रक 18 जनवरी 2021 को पहुंच गए थे। इन 6 टैंकर ट्रकों की कुल ऑक्सीजन वहन क्षमता 136,000 लीटर थी, जो 14,000 सिलिंडर्स के बराबर है। वेनेजुएला के बोलिवर स्टेट के गवर्नर जस्टो नोगुएरा पिएत्री ने अपने राज्य की सीमा पर ये ट्रक ब्राजील के राज्य रोरिमा के सीनेटर तेलमारियो मोत्ता को सुपुर्द किया। पिएत्री ने पुष्टि की कि ब्राजील को ऑक्सीजन की जब तक जरूरत होगी, वेनेजुएला सरकार इसकी आपूर्ति करेगी।

जैसा कि ऊपर वर्णित दो मामलों से स्पष्ट है, वेनेजुएला बोलिवेरियाई मानवता और साम्राज्यवादी अमानवीयता के बीच लड़ाई का गवाह है। जहां पहला मामला, शोषित जन, राष्ट्रीय सम्प्रभुता, विकास, सृजनात्मक-साम्प्रदायिक काम, मुक्ति, शांति और पूंजीवाद का प्रतिनिधित्व करता है, वहीं दूसरा, गुटीय स्वार्थों, अमेरिकी हस्तक्षेप, अल्प विकास, तोड़फोड़, प्रति-क्रांतिकारी आतंक, भूख, अभिजन विशेषाधिकार, किराये के टट्टू, अतिग्रहण और पूंजीवाद का। यह प्रत्येक क्रांतिकारी का फर्ज है कि वह समाजवादी परियोजना को अपना सक्रिय समर्थन दे और साम्राज्यवादी पूंजीवाद की अमानवीयता के विरुद्ध युद्ध करे।

इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें। 

USA’s Game Plan in Venezuela: Strangulation through Sanctions

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