NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अक्षय ऊर्जा योजना की आड़ में कंपनियों ने कब्ज़ा ली सरकारी और ग्रामीणों की ज़मीनें
गांव वालों की तरफ से शिकायत से जुड़ी सारी प्रक्रिया पूरा करने के बाद भी जिलाधिकारी का कहना है कि उन्हें मामले का पता ही नहीं है।
अजीत सिंह
23 Sep 2021
Uttarakhand

उत्तराखंड में अक्षय ऊर्जा योजना के नाम पर सोलर पावर प्लांट लगाने वाली प्राइवेट कंपनियां ग्रामीणों की नाप भूमि, पशुओं के चारागाह, केसर हिन्द और सरकारी भूमि का अतिक्रमण करते हुए उन्हें कब्ज़ाने का काम कर रही हैं, उधर जनपद के प्रशासनिक अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी जानबूझ कर अनजान बने हैं, वहीं सरकार और शासन की कंपनियों के साथ मिलीभगत के चलते वे इन भूमाफिया कंपनियों पर कोई भी कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं। जिसका फ़ायदा उठाकर ये कंपनियां करोड़ों रुपये कमा रही हैं।

उत्तराखंड में डबल इंजिन की भाजपा सरकार को क़रीब साढ़े चार साल हो गए हैं, केंद्र हो या फ़िर राज्य। भाजपा की सरकारें हमेशा ज़ीरो टॉलरेंस की बात करती रहीं हैं। लेक़िन भाजपा सरकारों की यह ज़ीरो टॉलरेंस की नीति वास्तव में हकीक़त से कोसों दूर नज़र आती है। उत्तराखंड राज्य में भाजपा हाईकमान ने राज्य के मुख्यमंत्रियों की कारगुजारियों से नाखुशी और नाराज़गी दिखाते हुए, पिछले साढ़े चार साल में उत्तराखंड में तीन मुख्यमंत्री बदले हैं। लेक़िन कोई भी मुख्यमंत्री उत्तराखंड की समस्याओं से आम जनता को निज़ात दिलाना तो दूर, राज्य में फैले भूमाफियों पर भी नकेल कसने में नाकामयाब रहा हैं। ग्रामीणों द्वारा शिकायत करने पर भी राजनीतिक पहुंच रखने वाली इन कंपनियों और उनके मालिकों पर जिला प्रशासन भी हाथ डालने से कतराता है और कोई भी  कार्यवाही करने से गुरेज़ करता है। जिसके चलते राजनीतिक रसूख़ रखने वाली ये भूमाफिया कंपनी अपने मंसूबों में कामयाब होती रही हैं।

गौरतलब है कि उत्तराखंड राज्य में अक्षय ऊर्जा योजना के तहत राज्य के कई अलग - अलग जनपदों में प्राइवेट कंपनियों द्वारा सोलर एनर्जी प्लांट लगाए जा रहे हैं। जो सोलर ऊर्जा का उत्पादन कर रही हैं और उत्पादित बिजली सरकार को बेचकर मुनाफ़ा कमाने का काम कर रही हैं। पौड़ी गढ़वाल जिले की सतपुली तहसील के अंर्तगत, एकेश्वर प्रखण्ड में सतपुली - एकेश्वर और सतपुली - पोखड़ा मार्ग पर भी प्राइवेट कंपनियां अक्षय ऊर्जा योजना के तहत सोलर प्लांट लगा रही हैं। इन कंपनियों ने अक्षय ऊर्जा योजना के नाम पर ग्रामीणों की जमीनों के साथ - साथ सरकारी भूमि पर भी जबरदस्ती अपना कब्ज़ा करते हुए सोलर पैनल लगा दिए हैं। जिसके चलते ग्रामीणों के रास्ते बंद हो गए है ग्रामीणों के पालतू जानवरों के चारागाह और केसर हिन्द की जमीनों के साथ साथ राजनीतिक संरक्षण की छत्र छाया में फ़लफूल रही, इन भूमाफिया कंपनियों ने सरकारी भूमि को भी नही बख्शा है और उन जमीनों का भी अतिक्रमण करते हुए उन्हें कब्ज़ा लिया है।

डांडा मल्ला के ग्राम प्रधान नरेश घिल्डियाल का कहना है कि सोलर पावर प्लांट लगाने वाली कंपनी ने ग्राम ध्याड़ी और डांडा मल्ला के ग्रामीणों की जमीनों पर कब्ज़ा करते हुए, रास्तों और गौचर भूमि और केसर हिन्द भूमि पर सोलर पैनल लगा दिये हैं। जिसकी शिक़ायत करते हुए उन्होंने और ग्राम वासियों ने तहसीलदार सतपुली को आपत्ति पत्र सौंपा था।जिसकी जांच करने कानूनगो और हल्के के पटवारी आये थे। जांच में कानूनगो और पटवारी ने ग्रामीणों की भूमि के साथ साथ सरकारी भूमि पर भी सोलर पैनल लगे पाये। जिस बाबत राजस्व विभाग की तरफ़ से कंपनी को नोटिस भेजा गया है। जवाब ना आने पर सरकारी भूमि और ग्रामीणों की जमीनों को ख़ाली कराने के लिए चालान और पेनल्टी की कार्यवाही की जाएगी।

उधर मित्तल मशीनरी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा लगाए जा रहे सोलर पावर प्लांट का काम देख रहे प्रोजेक्ट मैनेजर प्रभात त्यागी का कहना है कि भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार बिजली का उत्पादन बढ़ाने के लिए सोलर एनर्जी को बढ़ावा दे रही हैं जिसके लिए सरकार ने योजना चला रखी है, जिसके तहत उनकी कंपनी 15 मेगावाट बिजली के उत्पादन का सोलर पॉवर प्लांट लगा रही है, जो लगभग पूरा हो गया है, उनका सोलर प्लांट से बिजली की सप्लाई भी चालू कर दी गयी है। अभी थोड़ा सा काम बारिश के कारण धीमा हुआ है, जो फाइनल स्टेज में है और कुछ ही दिन में पूरा हो जायेगा। ग्रामीणों की जमीनों पर कब्ज़ा करके सोलर प्लांट लगाने के मामले में प्रभात त्यागी ने बताया कि जब कंपनी ने सोलर प्लांट के लिए जमीन खरीदी थी, तब किसानों की तरफ़ से ऐसी कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन अब अगर किसानों को कोई भी आपत्ति है तो उसे किसानों और प्रशासन के साथ मिलकर हल कर लिया जाएगा।

क्षेत्रीय किसानों द्वारा उनकी जमीनों पर सोलर पैनल लगाए जाने की शिकायत तहसील स्तर पर किये जाने के बारे में प्रोजेक्ट मैनेजर त्यागी ने बताया कि इस मामले में क्षेत्र के पटवारी और कानूनगो सोलर प्लांट पर आए थे, जिनसे हमनें किसानों की जमीनों को चिन्हित करने के लिए कहा है, और यह काम भी उन्हीं का है, वही चिन्हित करके बताएंगे। वह प्रशासन से किसानों की जमीनों को चिन्हित कराने में सहयोग करेंगे, जो भी होगा सामने आ जाएगा। और जो भी ग्रामीण अपनी जमीनों पर सोलर पैनल लाग है, ऐसा बता रहे हैं उनसे भी बात कर ली जाएगी।

उधर मौ.दांडस्यू क्षेत्र के पटवारी वेद प्रकाश ने बताया कि डांडा मल्ला क्षेत्र के ग्रामीणों ने इस बाबत एक प्रतिवेदन तहसीलदार सतपुली को सौंपा है, जिस पर हल्का के पटवारी और कानूनगो ने मौके पर पहुंच कर जांच की है। हल्के के पटवारी का कहना है कि गाँव ध्याड़ी और डांडा मल्ला इलाके के ग्रामीणों ने, सोलर पावर प्लांट लगाने वाली कंपनी मित्तल मशीनरी प्राइवेट लिमिटेड पर आरोप लगाते हुए आपत्ति पत्र सौंपा है कि कंपनी द्वारा उनकी जमीनों, चरागाहों, रास्तों और केसर हिन्द भूमि को कब्ज़ाते हुए उन पर सोलर पावर प्लांट लगाये जा रहे हैं। जिन्हें ख़ाली कराया जाना चाहिए। वहीं इस मामले में हल्के के लेखपाल का कहना है कि उन्होंने जांच में पाया है कि कंपनी ने ग्रामीणों की ज़मीन के साथ - साथ सरकारी भूमि का भी अतिक्रमण कर रखा है और ग्रामीणों की जमीनों और उनके पालतू जानवरों के चरागाहों को कब्ज़ाते हुए सोलर पैनल लगा दिए हैं। क्योंकि जिस ज़मीन पर सोलर पैनल लगे हैं उसका क्षेत्रफल काफ़ी बड़ा है जिसकी नपाई की जा रही है। लेकिन अभी तक की जांच में ग्रामीणों की और सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर सोलर पैनल लगाने का मामला सामने आया है, जिस बाबत राजस्व विभाग की तरफ़ से मित्तल मशीनरी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को नोटिस भेजा गया है, जिसमें हिदायत दी गयी कि नोटिस प्राप्ति के बाद से 15 दिनों के भीतर शीघ्र से शीघ्र सरकारी ज़मीन को ख़ाली करने के साथ ही ग्रामीणों के रास्ते, पशुओं के चारागाह और केसर हिन्द की भूमि को भी मुक्त करते हुए अपना कब्ज़ा हटाया जाए।

वहीं सोलर पावर प्लांट लगाने वाली कंपनी मित्तल मशीनरी प्राइवेट लिमिटेड को निर्देशित किया है कि अग़र वो सरकारी भूमि से अपना अतिक्रमण और रास्तों और चरागाहों को कब्ज़ा मुक्त नही करती है तो उचित वैधानिक कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। लेक़िन नोटिस की समय सीमा के अंतर्गत अभी तक कंपनी की तरफ़ से कोई जवाब नही आया है। इसलिए अब कंपनी के खिलाफ़ चालान और पेनल्टी की कार्यवाही की जा चुकी है। और रिपोर्ट एसडीएम सतपुली को सौंप दी है। मामला एसडीएम कोर्ट में विचाराधीन है।

उधर पौड़ी गढ़वाल जनपद के जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदण्डे का कहना है कि अभी ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में नही आया है। अगर किसी व्यक्ति या कंपनी ने किसी की व्यक्तिगत भूमि पर कब्ज़ा या अतिक्रमण कर लिया है तो उसे पहले तहसील स्तर पर प्रार्थना पत्र देना चाहिए, जिसकी जांच कराई जाएगी और अग़र जांच में तथ्य सही पाये जाएंगे, तो जरूर कार्यवाही की जाएगी।

UTTARAKHAND
Solar Schemes
BJP
renewable energy

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License