NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अब उदित राज पर एफ़आईआर
उन्‍नाव मामले में अफ़वाह फैलाने के आरोप में पूर्व सांसद उदित राज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उदित राज ने इसे सरकार का दमन और सच की आवाज़ दबाना कहा है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
20 Feb 2021
udit raj

उन्नाव/ लखनऊ:  उन्‍नाव जिले की पुलिस ने असोहा थाने के बबुरहा में दलित लड़कियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में ट्विटर पर ‘भ्रामक और अफवाह फैलाने’ वाली पोस्‍ट करने के आरोप में पूर्व सांसद एवं कांग्रेस नेता उदित राज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

इस मामले में उदित राज ने 'पीटीआई-भाषा' से बातचीत में सरकार पर दमन करने और सच की आवाज दबाने का आरोप लगाया है। उल्लेखनीय है कि उदित राज 2014 से 2019 तक दिल्ली से भाजपा के सांसद रह चुके हैं और इस समय कांग्रेस के सदस्य हैं।

आपको मालूम है कि असोहा थाना इलाके के बबुरहा गांव में गत 17 फरवरी की शाम खेतों पर घास लेने गईं तीन दलित किशोरियों के एक खेत में संदिग्‍ध अवस्‍था में बेसुध पाए जाने के बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था। चिकित्‍सकों ने दो लड़कियों को मृत घोषित कर दिया था, जबकि एक लड़की को गंभीर हालत में उन्‍नाव अस्‍पताल ले जाया गया और बाद में कानपुर रेफर कर दिया गया।

उन्‍नाव पुलिस द्वारा शनिवार को जारी विज्ञप्ति के मुताबिक जिले के असोहा थानांतर्गत बबुरहा में 17 फरवरी की घटना के संबंध में उदित राज नामक ट्विटर हैण्डल से गलत, भ्रामक और आम जनमानस में आक्रोश फैलाने वाली कथित पोस्ट की गई थी। इस मामले को लेकर पुलिस ने मामला पंजीकृत किया है।

उन्‍नाव के पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी ने दावा किया, ‘‘उदित राज नामक ट्विटर अकाउंट से वास्तविक तथ्यों से परे पोस्टमार्टम आदि साक्ष्यों की उपेक्षा करते हुए मृत लड़कियों के साथ बलात्कार होने तथा उनके शवों को घर वालों की मर्जी के खिलाफ जला दिये जाने संबंधी अफवाह से आम जनमानस में आक्रोश उत्पन्न करने का प्रयास किया गया था।’’

कुलकर्णी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों लड़कियों के साथ किसी प्रकार के बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है एवं परिजनों द्वारा बिना किसी दबाव के लड़कियों का अंतिम संस्कार किया गया है।

उन्होंने कहा कि उपरोक्त कथित ट्वीट द्वारा जानबूझकर मनगढ़ंत एवं फर्जी खबरों को सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया, जिसके चलते ही ट्वीटकर्ता (उदित राज) के विरुद्ध थाना कोतवाली में भारतीय दंड विधान और आईटी अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत अभियोग पंजीकृत करके विधिक कार्रवाई की जा रही है।

इस बीच कांग्रेस के प्रवक्‍ता एवं पूर्व सांसद डा. उदित राज ने कहा, ‘‘पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले वहां गई थी और उनसे बातचीत के बाद हमने ट्वीट किया। हमने अपने ट्वीट में पूर्व सांसद का हवाला भी दिया है।' उदित राज ने कहा, ‘‘उत्‍तर प्रदेश में जो भी आवाज़ उठाये, उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। हाथरस में अधिकारियों ने अफ़वाह फैलाई तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। लेकिन हम सच के साथ खड़े हैं और हमारी आवाज कोई दबा नहीं सकता है।'

आपको बता दें कि हाथरस में दलित युवती से बलात्कार और हत्या के मामले में भी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे थे। उस दौरान पुलिस-प्रशासन ने रात के अंधेरे में लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया था, जिसकी काफी आलोचना हुई थी। परिवार जनों का कहना था कि उनकी सहमति और उपस्थिति के बिना ही उनकी लड़की को जला दिया गया। अब इस पूरे मामले की सीबीआई जांच चल रही है। लेकिन उस समय इस मामले के तूल पकड़ने पर अंतर्राष्ट्रीय साज़िश तक की बात कही गईं। यही नहीं केरल के एक पत्रकार सिद्दीक कप्पन को भी पुलिस ने हाथरस जाते समय रास्ते में गिरफ्तार किया था। पीएफआई के साथ कथित जुड़ाव के आरोप में कप्पन को पिछले साल पांच अक्टूबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था। अब जाकर उच्चतम न्यायालय से उन्हें अपनी बीमार मां से मिलने जाने के लिए सोमवार को पांच दिन की जमानत मिली।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

unnao
Unnao Case
Uttar pradesh
udit raj
UP police

Related Stories

आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

यूपी : आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की साख़ बचेगी या बीजेपी सेंध मारेगी?

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह प्रकरण में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल

ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन

जौनपुर: कालेज प्रबंधक पर प्रोफ़ेसर को जूते से पीटने का आरोप, लीपापोती में जुटी पुलिस

उपचुनाव:  6 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में 23 जून को मतदान

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?

उत्तर प्रदेश विधानसभा में भारी बवाल


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License