NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
यूपी: कौन देगा पत्रकार की हत्या का जवाब, किससे मांगें महिला की (आत्म)हत्या का हिसाब
गाज़ियाबाद में 22 जुलाई को बदमाशों की गोली से घायल पत्रकार विक्रम जोशी की आज मौत हो गई। वहीं लखनऊ में आत्मदाह का प्रयास करने वाली मां-बेटी में से मां ने भी मंगलवार की रात दम तोड़ दिया।
असद रिज़वी
22 Jul 2020
यूपी: कौन देगा पत्रकार की हत्या का जवाब, किससे मांगें महिला की (आत्म)हत्या का हिसाब

ग़ाज़ियाबाद में पत्रकार की हत्या और लखनऊ में मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने आत्महत्या का प्रयास करने वाली महिला की मौत के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार कानून-व्यवस्था के प्रश्न पर फिर घिरती नज़र आ रही है। विपक्ष और नागरिक संगठनों का कहना है की प्रदेश में आम नागरिकों विशेषकर महिलाओं की सुनवाई नहीं हो रही है। इसी कारण अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और लगातार अपराध बढ़ता चला जा रहा है।

 उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 22 जुलाई को बदमाशों की गोली से घायल पत्रकार विक्रम जोशी की आज मौत हो गई। वहीं राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी के कार्यालय के बाहर आत्महत्या का प्रयास करने वाली मां-बेटी में से मां ने मंगलवार की रात दम तोड़ दिया। इन दोनों मौतों से देश के सबसे बड़े राज्य में सनसनी फैल गई।

 विपक्ष और नागरिक समाज ने आरोप लगाया की प्रदेश के प्रत्येक ज़िले में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। आम नागरिकों की पुलिस-प्रशासन में सुनवाई नहीं हो रही है। नागरिक संगठन कहते हैं कि कुलदीप सिंह सेंगर और चिन्मयानंद मामलों में अपराधियों को कथित तौर पर सत्ता पक्ष से मिली मदद के कारण महिलाओं के विरुद्ध अपराध में बढ़ावा आया है।

 उत्तर प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी का कहना है की राजधानी लखनऊ से लेकर एनसीआर ग़ाज़ियाबाद तक कहीं भी आम जनता की शिकायतों पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। पार्टी की वरिष्ठ नेता जूही सिंह ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा की पत्रकार विक्रम जोशी ने भांजी के साथ छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई थी। अगर उस पर वक़्त रहते कार्रवाई होती तो अपराधी के हौसले पस्त होते, और सरेआम एक पत्रकार की हत्या नहीं होती। उनके अनुसार अगर अमेठी में माँ-बेटी की सुनवाई हो जाती तो उनको लखनऊ आकर आत्महत्या जैसा क़दम नहीं उठाना पड़ता। जूही सिंह कहती हैं कि योगी सरकार अपराध को क़ाबू में करने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है।

 वहीं बहुजन समाज पार्टी ने भी योगी सरकार पर प्रदेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर हमला बोला है। बीएसपी की अध्यक्ष मायावती ने कहा है उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से ज्यादा 'क्राइम वायरस' का असर नज़र आ रहा है। प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के अनुसार योगी सरकार में  हत्या और महिला असुरक्षा सहित जिस तरह से हर प्रकार के गंभीर अपराधों की बाढ़ लगातार जारी है उससे स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज नहीं, बल्कि जंगलराज चल रहा है। पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या के हवाले से उन्होंने कहा अपराधियों के बढ़े हौसलों से जनता त्रस्त है, और सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।

 कांग्रेस ने भी उत्तर प्रदेश सरकार को पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या और महिला सुरक्षा के मुद्दे पर घेरा है। कांग्रेस के नेता अमरनाथ अग्रवाल का कहना है की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिला सुरक्षा को लेकर गम्भीर नहीं है। भांजी के साथ छेड़छाड़ की शिकायत करने वाले को बदमाश बीच सड़क पर गोली मार हत्या देते हैं और एक महिला अमेठी में सुनवाई के लिए दर-दर भटकती रही और अंत में लखनऊ में मुख्यमंत्री कार्यालय के पास और विधानसभा आत्महत्या का प्रयास करती है।

अमरनाथ अग्रवाल कहते हैं ऐसा लगता है कि उत्तर प्रदेश में सरकार है ही नहीं है, यहाँ केवल गुंडाराज चल रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सरकर महिला सुरक्षा को लेकर गम्भीर होती तो प्रदेश में महिला हेल्पलाइन 181 कभी ख़त्म होती।

 उत्तर प्रदेश की राजनीति पर नज़र रखने वाले कहते हैं कि मुख्यमंत्री कुछ भी दावे करें लेकिन पुलिस का रवैया आम जनता के प्रति अच्छा नहीं है। टाइम्स ऑफ इंडिया के संपादक रहे अतुल चंद्र प्रश्न करते हैं कि महिलाओं के विरुद्ध अपराध बढ़ रहे हैं अब कहा हैं उत्तर प्रदेश सरकार का “एंटी रोमियो स्कॉट”? अतुल चंद्र कहते हैं इस वक़्त किसी की सुनवाई नहीं हो रही है विशेषकर महिलाओं और आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों की बात सुनने वाला कोई नहीं है। वह कहते हैं अगर पत्रकार की शिकायत पर कार्रवाई नहीं हो रही है तो सोचिए आम जनता को इंसाफ़ के लिए कितना भटकना पड़ रहा होगा।

 महिला संगठनों का कहना है की यह महिलाओं के लिए काफ़ी कठिन समय है। जब थाने से लेकर कलेक्टर तक किया कोई महिलाओं की शिकायते सुनने वाला कोई नहीं है। अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) की मीना सिंह कहती हैं कि कुलदीप सिंह सेंगर और चिन्मयानंद मामले में सरकार ने जो मॉडल बनाया उस पर अमल हो रहा है। अमेठी पुलिस ने भी महिला कि शिकायत को नज़रअन्दाज़ किया और  ग़ाज़ियाबाद पुलिस ने भी छेड़छाड़ के मामले को गम्भीरता से नहीं लिया। इसके नतीजे में दो जाने चली गईं।

 अखिल भारतीय जनवादी समिति का कहना है कि थाने, कोतवाली कहीं भी पुलिस महिलाओं की बात नहीं सुन रही है। समिति की सदस्य मधु गर्ग के अनुसार थाने पर जाओ तो शिकायत सुनने में लिए भी कोई नहीं होता है। पुलिस के आला अधिकारियों के फ़ोन उठते नहीं है। मधु गर्ग कहती हैं अगर पुलिस पत्रकार की शिकायत पर भी कार्रवाई नहीं कर रही है तो सोचिए हालात कितने ख़राब हो चुके हैं। वह कहती हैं अगर उत्तर पुलिस विक्रम जोशी और अमेठी की महिला की शिकायत पर करवाई करती, तो एक पत्रकार की हत्या नहीं होती और महिला आत्महत्या पर मजबूर नहीं होती।

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को योगी के कार्यालय “लोकभवन” और विधानसभा के बीच अमेठी से आई माँ और बेटी ने आग लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी। घटना के तुरंत बाद मां बेटी को अस्पताल में भर्ती किया गया था। मां की हालत ज्यादा नाजुक थी। एक जमीन विवाद को लेकर कार्रवाई नहीं होने से परेशान माँ-बेटी ने यह कोशिश की थी।

सिविल अस्पताल के सुपरिटेंडेंट आशुतोष दुबे ने बताया माँ जो क़रीब 70 प्रतिशत जल थी उसकी मौत हो है। हालाँकि बेटी की तबियत में सुधार आया है।

ग़ाज़ियाबाद के पत्रकार विक्रम जोशी की भी आज सुबह मौत हो गई है। सोमवार को बदमाशों ने विजयनगर इलाक़े में उनके सिर पर गोली मार दी थी। उन्होंने भांजी के साथ छेड़छाड़ के ख़िलाफ़ स्थानीय पुलिस को तहरीर दी थी। आरोप है पुलिस से उनकी तहरीर पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। मुख्यमंत्री ने उनके परिवार को 10 लाख रुपये मुआवज़ा देने कि घोषणा की है।

UP
murder of journalist
yogi sarkar
attack on journalists
BJP

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

रुड़की से ग्राउंड रिपोर्ट : डाडा जलालपुर में अभी भी तनाव, कई मुस्लिम परिवारों ने किया पलायन

हिमाचल प्रदेश के ऊना में 'धर्म संसद', यति नरसिंहानंद सहित हरिद्वार धर्म संसद के मुख्य आरोपी शामिल 

ग़ाज़ीपुर; मस्जिद पर भगवा झंडा लहराने का मामला: एक नाबालिग गिरफ़्तार, मुस्लिम समाज में डर

लखीमपुर हिंसा:आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने के लिए एसआईटी की रिपोर्ट पर न्यायालय ने उप्र सरकार से मांगा जवाब

टीएमसी नेताओं ने माना कि रामपुरहाट की घटना ने पार्टी को दाग़दार बना दिया है

चुनाव के रंग: कहीं विधायक ने दी धमकी तो कहीं लगाई उठक-बैठक, कई जगह मतदान का बहिष्कार

यूपी में मीडिया का दमन: 5 साल में पत्रकारों के उत्पीड़न के 138 मामले

कौन हैं ओवैसी पर गोली चलाने वाले दोनों युवक?, भाजपा के कई नेताओं संग तस्वीर वायरल


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License