NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
उत्पीड़न
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
अर्बन कंपनी से जुड़ी महिला कर्मचारियों ने किया अपना धरना ख़त्म, कर्मचारियों ने कहा- संघर्ष रहेगा जारी!
शोषणकारी कामकाजी परिस्थितियों का आरोप लगाते हुए सोमवार 20 दिसंबर से हड़ताल पर चली गईं थीं। ये महिला कर्मचारी गुरुग्राम स्थित अर्बन कंपनी के मुख्यालय के सामने बैठी हुईं थीं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
22 Dec 2021
Urban
प्रदर्शन करती महिला कर्मचारी

अर्बन कंपनी(Urban Company) से जुड़ी महिला कर्मचारियों ने तीन दिन के अपने धरने के बाद बुधवार को कंपनी गेट से अपना धरना उठा लिया है। हालाँकि उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने यहाँ से अपना धरना उठाया है संघर्ष अभी जारी है।

आपको बता दें कि शोषणकारी कामकाजी परिस्थितियों का आरोप लगाते हुए सोमवार 20 दिसंबर से हड़ताल पर चली गईं थीं। ये कर्मचारी गुड़गांव स्थति अर्बन कंपनी के मुख्यालय के सामने बैठी हुईं थीं। उन्होंने भीषण ठंड के बावजूद भी वहीं खुले आसमान के नीचे दो रात बिताई और अब ये हड़ताली कर्मचारी वापस अपने घर को लौट गई हैं। परन्तु अभी भी बड़ी संख्या में ये कर्मचारी अपने काम पर वापस नहीं आए हैं।

इस बीच मंगलवार को कंपनी ने इन कर्मचारियों के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज करवाया था और हड़ताली कर्मचारी के खिलाफ नोटिस जारी किया था। जिसके बाद प्रशासन ने कंपनी गेट और उसके आस पास धार 144 होने का दावा किया जिसके बाद ये हड़ताली कर्मचारियों ने अपना धरना यहाँ से हटा लिया है।

आज इन कर्मचारियों को कोर्ट में अपना पक्ष रखना था परन्तु कोई भी कर्मचारी जिन्हे नोटिस आया था उन्होंने उसे लेने से मना कर दिया। कोई भी कर्मचारी कोर्ट में पेश नहीं हुआ।

एक हड़ताली कर्मचारी ने नाम न छपने की शर्त पर न्यूज़क्लिक को फोन पर बताया कि प्रशासन हम से बात करके हमारी मांगे सुनने की बजाए तानशाह की तरह हम पर मुकदमा कर रहा है। जो पूरी तरह गलत है सभी कर्मचारी हमारे साथ हैं हम अपना संघर्ष एकजुटता के साथ लड़ेंगे।

आपको बता दें कि अर्बन कंपनी ने अपनी ही महिला गिग वर्कर्स के साथ बात कर मुद्दे का हल करने के बजाए उनके खिलाफ अदालत जाने का विकल्प चुना। कंपनी अपनी याचिका में, कंपनी ने प्रदर्शनकारियों के कार्यों को "अवैध" और "गैरकानूनी" कहा है। इनकी याचिका न्यूज़क्लिक ने प्राप्त की है।

प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गुड़गांव जिला न्यायालय में मामला दर्ज किया गया है, जिसने उन्हें बुधवार सुबह तलब किया था। याचिका में, कंपनी ने विशेष रूप से चार कर्मचारियों का नाम लिया था, यह आरोप लगाते हुए कि वे अन्य प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे थे, वहां प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में हैं इसलिए सब पर मुक़दमा नहीं किया जा सकता है।

अपनी याचिका में, कंपनी ने अदालत से प्रार्थना की कि वह प्रदर्शनकारियों को अपना परिसर खाली करने का निर्देश दे और उन्हें अन्य बातों के अलावा अपने कार्यालय परिसर के सामने विरोध न करने का निर्देश दे। हालाँकि हड़ताली कर्मचारी ने बुधवार को प्रशासन के कहने के बाद खुद ही धरना स्थल खाली कर दिया।

इस पूरी याचिका पर सबसे पहले समाचार पोर्टल इंटरकर( Entrackr) ने रिपोर्ट किया था। उसके मुताबिक उसने कंपनी से भी उसका पक्ष जानने की कोशिश की लेकिन उसे अभी तक कोई जबाब नहीं मिला।

दिल्ली एनसीआर स्थित ऑनलाइन गिग्स मार्केटप्लेस अर्बन कंपनी पहले भी विवादों में रही है क्योंकि इसके कई साझेदार, ज्यादातर ब्यूटीशियन अतीत में भी प्रदर्शन कर चुके हैं, और वर्तमान में नई कार्य नीतियों के ख़िलाफ़ अपने मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कंपनी अब हम से प्ल्टेफोर्म फीस वसूलना चाहती है। जोकि 3000 तक है। पहले हम अपनी मर्जी से काम करने के लिए स्वतंत्र थे परन्तु नई नीति हम पर कई ग़ैरजरूरी पाबन्दी लगाती है। जैसे मैं पहले स्वतंत्र थी कि मैं एक महीने में कितने काम लूँ लेकिन अब नई नीति में कंपनी तय करेगी की हम कितना काम करेंगे। इसमें सबसे ख़तरनाक है जुर्माने का प्रावधान है।

इसके अलावा, विरोध कर रहे कर्मचारियों ने यह भी दावा किया कि अर्बन कंपनी ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों से ग्राहकों को उनकी कमाई के 10 प्रतिशत की छूट देने के लिए कहा है। जिसपर कर्मचारियों ने कहा है कि छूट एक कंपनी द्वारा ग्राहकों को प्रदान किया जाने वाला प्रोत्साहन है और इन छूटों को प्रदान करने का बोझ हम पर नहीं डाला जाना चाहिए।

ये भी पढ़ें: अर्बन कंपनी की महिला कर्मचारी नई कार्यप्रणाली के ख़िलाफ़ कर रहीं प्रदर्शन

Urban Company
Gig Economy (34200
workers protest
Workers Strike

Related Stories

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?

लुधियाना: PRTC के संविदा कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

#Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान

दिल्ली: बर्ख़ास्त किए गए आंगनवाड़ी कर्मियों की बहाली के लिए सीटू की यूनियन ने किया प्रदर्शन

देशव्यापी हड़ताल को मिला कलाकारों का समर्थन, इप्टा ने दिखाया सरकारी 'मकड़जाल'

स्कीम वर्कर्स संसद मार्च: लड़ाई मूलभूत अधिकारों के लिए है

मध्य प्रदेश : आशा ऊषा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन से पहले पुलिस ने किया यूनियन नेताओं को गिरफ़्तार

झारखंड: हेमंत सरकार की वादाख़िलाफ़ी के विरोध में, भूख हड़ताल पर पोषण सखी

अधिकारों की लड़ाई लड़ रही स्कीम वर्कर्स


बाकी खबरें

  • protest
    न्यूज़क्लिक टीम
    दक्षिणी गुजरात में सिंचाई परियोजना के लिए आदिवासियों का विस्थापन
    22 May 2022
    गुजरात के दक्षिणी हिस्से वलसाड, नवसारी, डांग जिलों में बहुत से लोग विस्थापन के भय में जी रहे हैं। विवादास्पद पार-तापी-नर्मदा नदी लिंक परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। लेकिन इसे पूरी तरह से…
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: 2047 की बात है
    22 May 2022
    अब सुनते हैं कि जीएसटी काउंसिल ने सरकार जी के बढ़ते हुए खर्चों को देखते हुए सांस लेने पर भी जीएसटी लगाने का सुझाव दिया है।
  • विजय विनीत
    बनारस में ये हैं इंसानियत की भाषा सिखाने वाले मज़हबी मरकज़
    22 May 2022
    बनारस का संकटमोचन मंदिर ऐसा धार्मिक स्थल है जो गंगा-जमुनी तहज़ीब को जिंदा रखने के लिए हमेशा नई गाथा लिखता रहा है। सांप्रदायिक सौहार्द की अद्भुत मिसाल पेश करने वाले इस मंदिर में हर साल गीत-संगीत की…
  • संजय रॉय
    महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 
    22 May 2022
    पेट्रोलियम उत्पादों पर हर प्रकार के केंद्रीय उपकरों को हटा देने और सरकार के इस कथन को खारिज करने यही सबसे उचित समय है कि अमीरों की तुलना में गरीबों को उच्चतर कीमतों से कम नुकसान होता है।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: महंगाई, बेकारी भुलाओ, मस्जिद से मंदिर निकलवाओ! 
    21 May 2022
    अठारह घंटे से बढ़ाकर अब से दिन में बीस-बीस घंटा लगाएंगेे, तब कहीं जाकर 2025 में मोदी जी नये इंडिया का उद्ïघाटन कर पाएंगे। तब तक महंगाई, बेकारी वगैरह का शोर मचाकर, जो इस साधना में बाधा डालते पाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License