NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
पर्यावरण
भारत
बिहारः सेहत के लिए ख़तरनाक 'यूरेनियम' ग्राउंडवाटर में मिला, लोगों की चिंताएं बढ़ी
डब्ल्यूएचओ के मानक के मुताबिक पानी में इसकी मात्रा 30 माइक्रो ग्राम प्रति लीटर या इससे कम होनी चाहिए लेकिन बिहार के इन छह जिलों में इसकी मात्रा 85 माइक्रो ग्राम प्रति लीटर तक पाई गई है जिससे सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
13 Oct 2021
बिहारः सेहत के लिए ख़तरनाक 'यूरेनियम' ग्राउंडवाटर में मिला, लोगों की चिंताएं बढ़ी
साभारःबिजनेस स्टैंडर्ड

एक शोध में पाया गया है कि सेहत के लिए बेहद ख़तरनाक यूरेनियम बिहार के छह जिलों के ग्राउंड वाटर में है, जिससे लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं। पानी में इसकी मात्रा मानक से दोगुना ज्यादा है। इसकी मात्रा अधिक होने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं। डब्ल्यूएचओ के मानक के मुताबिक पानी में इसकी मात्रा 30 माइक्रो ग्राम प्रति लीटर या इससे कम होनी चाहिए लेकिन इन छह जिलों में इसकी मात्रा 85 माइक्रो ग्राम प्रति लीटर पाई गई है जिससे सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। यूरेनियम का ये उच्च स्तर गंडक नदी के पूर्व दक्षिण गंगा की तरफ पाया गया है।

बिहार के सीवान, गोपालगंज, सारण, पटना, नालंदा और नवादा में इसका स्तर 30 से अधिक पाया गया है। इसका स्तर अधिक होने से कैंसर और लीवर संबंधी खतरा बढ़ सकता है। ये शोध बिहार की राजधानी पटना स्थित महावीर कैंसर संस्थान और यूके की यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर द्वारा संयुक्त रुप से किया गया। ये अनुसंधान पिछले एक वर्ष से किया जा रहा था। आर्सेनिक और यूरेनियम के लिए किए गए अध्ययन का शीर्षक डिस्ट्रीब्यूशन एंड जियोकेमिकल कंट्रोल्स ऑफ आर्सेनिक एंड यूरेनियम इन ग्राउंडवाटर-डिराइव्ड ड्रिंकिंग वाटर इन बिहार है।

पहली बार मिला यूरेनियम

राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के अध्यक्ष तथा महावीर संस्थान में शोध करने वाले वैज्ञानिक अशोक कुमार घोष ने मीडिया को बताया कि पानी में आर्सेनिक की मात्रा मिलती रही है लेकिन बिहार में यूरेनियम का पाया जाना पहली घटना है। उन्होंने कहा कि वह काफी दिनों से बिहार में ग्राउंडवाटर पर शोध कर रहे हैं। बिहार में 2004-05 में आर्सेनिक पर काम करना शुरू किया गया और अब तक करीब 46 हजार हैंडपंपों की जांच कर चुके हैं। पिछले दो-तीन वर्षों के शोध में आर्सेनिक के अलावा दूसरे तत्वों को लेकर भी काम शुरू किया गया। 

शोध में कई संस्थान हुए शामिल

पहले ऐसा माना जाता था कि बिहार में यूरेनियम की मौजूदगी नहीं है लेकिन पहली बार एक साथ दो रिपोर्ट आने के बाद यह सामने आया कि यहां यूरेनियम भी है। पूरे बिहार में आर्सेनिक और यूरेनियम के लिए सर्वे किया गया। अशोक घोष का कहना है कि महावीर कैंसर संस्थान के साथ-साथ इस शोध में यूके के यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर, ब्रिटिश जियोलॉजिकल सोसायटी, यूनिवर्सिटी ऑफ बरमिंघम, आईआईटी खडगपुर और नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी के वैज्ञानिक शामिल हुए। इन वैज्ञानिकों के शोध में यह चौंकाने वाला मामला सामने आया है। 

शोध में यह पाया गया कि एक ही हैंडपंप में दोनों तत्व एक साथ नहीं पाए गए जो अब शोध का विषय बन गया है। जहां यूरेनियम बहुत उच्च स्तर में पाया गया वहां आर्सेनिक की मात्रा कम थी और जहां आर्सेनिक अधिक था वहां यूरेनियम की मात्रा कम थी। अब इसको लेकर अध्ययन किया जाएगा कि यूरेनियम का स्रोत क्या है और कहां से है।

साधारण आरओ में यूरेनियम को अलग करने की क्षमता नहीं 

अशोक घोष का कहना है कि हालांकि, सभी हैंडपंप में यूरेनियम नहीं पाया गया है लेकिन क़रीब 10 प्रतिशत हैंडपंप में इसकी मात्रा पाई गई है। उन्होंने कहा कि घर में साधरण वाटर फिल्टर से भी यूरेनियम दूर नहीं होगा। इसके लिए अलग से एक खास तरह का मेमरेन तैयार किया जाता है। साधारण वाटर फिल्टर और आरओ में यूरेनियम को अलग करने की क्षमता नहीं होती है चाहे इसके लिए जितना भी दावा कर लिया जाए।

अशोक कुमार घोष ने कहा कि इस अध्ययन के आधार पर आईआईटी खड़गपुर और रुड़की के साथ उनके शोधकर्ताओं की टीम ने यूरेनियम और आर्सेनिक वाले ग्राउंड वाटर के जियोलौजिकल ओरिजिन पर काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, "हमने ड्रिलिंग के लिए तीन स्थानों की पहचान की है जिसमें पटना में मनेर भागलपुर और भोजपुर जिले शामिल हैं।"

 

 

 

 

Bihar
Uranium
Drinking Water
Gopalganj
Saran
Siwan
Nalanda
PATNA
Nawada

Related Stories

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

बिहार की राजधानी पटना देश में सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहर

लोगों को समय से पहले बूढ़ा बना रहा है फ्लोराइड युक्त पानी

बिहारः गर्मी बढ़ने के साथ गहराने लगा जल संकट, ग्राउंड वाटर लेवल में तेज़ी से गिरावट

ग्राउंड रिपोर्ट: राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित बिहार की धनौती नदी के अस्तित्व पर संकट !

बिहार में ज़हरीली हवा से बढ़ी चिंता, पटना का AQI 366 पहुंचा


बाकी खबरें

  • cartoon
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ख़बर भी-नज़र भी: दुनिया को खाद्य आपूर्ति का दावा और गेहूं निर्यात पर रोक
    14 May 2022
    एक तरफ़ अभी कुछ दिन पहले हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दावा करते हैं कि अगर विश्व व्यापार संगठन (WTO) भारत को अनुमति देता है, तो हमारा देश अपने खाद्य भंडार से दुनिया को खाद्य आपूर्ति कर सकता है,…
  • aadhar
    भाषा
    आधार को मतदाता सूची से जोड़ने पर नियम जल्द जारी हो सकते हैं : मुख्य निर्वाचन आयुक्त
    14 May 2022
    "यह स्वैच्छिक होगा। लेकिन मतदाताओं को अपना आधार नंबर न देने के लिए पर्याप्त वजह बतानी होगी।"
  • IPC
    सारा थानावाला
    LIC IPO: कैसे भारत का सबसे बड़ा निजीकरण घोटाला है!
    14 May 2022
    वी. श्रीधर, सार्वजनिक क्षेत्र और सार्वजनिक सेवाओं पर जन आयोग के सदस्य साक्षात्कार के माध्यम से बता रहे हैं कि एलआईसी आईपीओ कैसे सबसे बड़ा निजीकरण घोटाला है।
  • congress
    रवि शंकर दुबे
    इतिहास कहता है- ‘’चिंतन शिविर’’ भी नहीं बदल सका कांग्रेस की किस्मत
    14 May 2022
    देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस चुनावों में जीत के लिए पहले भी चिंतन शिविर करती रही है, लेकिन ये शिविर कांग्रेस के लिए इतने कारगर नहीं रहे हैं।
  • asianet
    श्याम मीरा सिंह
    लता के अंतिम संस्कार में शाहरुख़, शिवकुमार की अंत्येष्टि में ज़ाकिर की तस्वीरें, कुछ लोगों को क्यों चुभती हैं?
    14 May 2022
    “बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख़, मशहूर गायिका लता मंगेशकर के अंत्येष्टि कार्यक्रम में श्रद्धांजलि देने गए हुए थे। ऐसे माहौल में जबकि सारी व्याख्याएँ व्यक्ति के धर्म के नज़रिए से की जा रही हैं, वैसे में…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License