NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
भूख, मौत और अयोध्या की दिवाली... यानी दीपक तले अंधेरा
बीजेपी की योगी आदित्यनाथ सरकार सत्ता में आने के बाद से ही अयोध्या में हर साल दिए जलाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दिए की रौशनी में अपना नाम रौशन करने में लगी है।
सुनील कुमार
02 Nov 2019
Ayodhya diwali and poor man

जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना
अंधेरा धरा पर कहीं रह न जाए।

गोपाल दास 'नीरज' की कविता की यह पंक्तियां योगी सरकार ने शाब्दिक तौर पर तो समझीं लेकिन इसका अर्थ या मर्म नहीं समझा। योगी सरकार सत्ता में आने के बाद से ही अयोध्या में हर साल दिए (दीप) जलाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दिए की रौशनी में अपना नाम रौशन करने में लगी है।

सबसे पहले दिए जलाने का विश्व रिकॉर्ड डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के नाम था, जो कि  23 सितम्बर, 2016 को 1,50,009 दिए जलाकर बनाया गया था। इस रिकॉर्ड को योगी सरकार ने 18 अक्टूबर, 2017 को सरयू तट पर 1,87,213 दिए जलाकर तोड़ा और साथ ही, 135 करोड़ रुपये की परियोजना अयोध्या में लगाने की घोषणा की।

योगी सरकार ने 6 नवम्बर, 2018 को 3,01,152 दिए जला कर अपने पिछले साल के रिकॉर्ड को तोड़ा और साथ ही ज़िला फ़ैज़ाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया। उस समय घोषणा की गई कि अयोध्या में एयरपोर्ट बनेगा जिसका नाम राम रखा जायेगा और एक मेडिकल कॉलेज बनेगा उसका नाम राजा दशरथ के नाम पर रखा जायेगा।

योगी सरकार ने अपनी तीसरी दीपावली पर 26 अक्टूबर, 2019 को 5,51,000 दिए जलाकर अपने 2017 और 2018 के रिकॉर्ड को ध्वस्त कर नया ‘कीर्तिमान’ स्थापित किया और फिर से गिनीज बुक रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया। योगी ने अयोध्या में 226 करोड़ रुपये की परियोजनओं का शिलान्यास भी किया। 26 अक्टूबर, 2019 के शो में 1.33 करोड़ रुपये खर्च किये गये।
girl.JPG
देखा जाए तो दिए जलाकर नाम रौशन करने वाले गुरु राम रहीम सिंह के कारनामें हम सभी के सामने आ चुके हैं। उनका रिकॉर्ड ध्वस्त करने वाली योगी सरकार लगातार अपने ही रिकॉर्ड को ध्वस्त कर हर साल नये रिकॉर्ड बनाने में लगी हुई है।

योगी सरकार गोपाल दास नीरज की उस पंक्ति का मर्म नहीं समझ पाई जिसमें वह कह रहे हैं कि ‘‘जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना, अंधेरा धरा पर कहीं रह न जाए’’। योगी सरकार जिस जगह दिए जला कर विश्व रिकॉर्ड कायम करने में लगी है उसके पास ही धरा पर अंधेरा है।
sitapurcrime3-1572353591.jpg
अयोध्या से 200 किमी. दूर सीतापुर जिले के मजलिसपुर गांव में राकेश की 14 साल की बेटी रोहिणी ने भूख बर्दाश्त नहीं होने पर 10 अक्टूबर, 2019 को खुद को आग लगा ली। बताया जाता है कि 70 प्रतिशत जली रोहिणी को अस्पताल ले जाने के बाद डॉक्टरों ने बाहर से दवा लिख दी। पेट की भूख न मिटा सकने वाला राकेश का परिवार बेटी को घर वापस लेकर आ गया, आख़िरकार रोहिणी 17 अक्टूबर, 2019 को चिराग़ तले अंधेरी दुनिया को छोड़ कर चली गई।  यह केवल सीतापुर अस्पताल का ही मामला नहीं है, प्रदेश के और अस्पतालों में बुखार जैसी साधारण दवा की भी किल्लत हो रही है।

अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में भूख से मरने की रोहिणी जैसी कई घटनाएं घट चुकी हैं, जिसके कुछ उदाहरण  इस तरह हैं- (हालांकि शासन-प्रशासन इन्हें कुपोषण, बीमारी इत्यादि से होने वाली मौतें बताता है।)

5 जनवरी, 2018 को बरेली जिले के इख्लासपुर गांव के 42 साल के नेमचन्द की भूख से मौत हो गई।

6 जुलाई, 2018 को बरेली जिले के अतरछेड़ी गांव में राजवती (60) और बेटी रानी ने जहर खाकर जान दे दी, क्योंकि उनके पास खाने को कुछ नहीं था। उनका बीपीएल राशन कार्ड भी निरस्त कर दिया गया था।

13 सितम्बर, 2018 को यूपी के कुशीनगर जिले में संगीता (30) और उनके बेटे सूरज (8) की मौत भूख से हो गई। संगीता के घर में यह पहली मौत नहीं थी, इससे पहले 11 सितम्बर को संगीता के 2 माह की बेटी की मौत हो गई। बेटी की मौत पर भी प्रशासन नहीं जगा और संगीता के घर का दीपक बुझ गया। यूपी सरकार ने इस मौत को डाइरिया और फूड प्वॉइजनिंग से होना बताया, जबकि संगीता के घर में अनाज का एक दाना भी नहीं था।

13 और 14 सितम्बर, 2018 को कुशीनगर जिले के खिरकिया गांव वासी फेकू और पप्पू दो भाईयों की मौत 16 घंटे के अंदर हो गई। फेकू और पप्पू की मां सोमवा ने बताया कि परिवार कई दिनों से भूखा था। सोमवा कहती हैं कि डॉक्टर ने पहले डेंगू बताया, फिर मुख्य चिकत्साधिकारी ने टीबी बताया लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र में हार्ट फेल होना बताया गया है।

30 दिसम्बर, 2018 को रायबरेली जिले के डलमऊ में सरजू देई की मौत भूख से हो गई।

31 अगस्त, 2019 को कासगंज में 5 दिन से भूख से पीड़ित पूरन सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पूरन सिंह ने पत्नी सुनीता, बेटी गुड़िया एवं हेमलता और बेटा छत्रपाल को भूखा देखकर 5वें दिन खुदकुशी कर ली।

इस तरह से और भी भूख से मरने के कई उदाहरण मिल सकते हैं।

सरकार के 100 दिन, एक साल, दो साल, ढाई साल पूरे होने पर उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश के रूप में चमचमाने के दावे करते हुए विज्ञापन दिल्ली की सड़कों, बस स्टैंडो इत्यादि जगह दिख जाते हैं। उस पर योगी जी का मुस्कुराता हुआ चेहरा होता है लेकिन इस मुस्कुराते चेहरे के पीछे लाखों मुरझाये हुए चेहरे मिलेंगे।

इन मुरझाए हुए चेहरों को जानने के लिए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के आंकड़ों पर नजर डालनी होगी, जिसमें कहा गया है कि यूपी में कुपोषण का दर 39.5 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय औसत दर 35.8 प्रतिशत है। शिशु मृत्यु दर (1000 बच्चों में  28 दिन के अंदर) 64 है, जबकि राष्ट्रीय दर 41 है।

इतने पिछड़ने के बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार में दिए जलाकर प्रतिवर्ष रिकॉर्ड बनाए जा रहे हैं। हमें देखना होगा कि दिए जलाकर रिकॉर्ड बनाने वाली सरकार दिए जलाते समय किए गए वादों को पूरा कर पा रही है कि नहीं।

यूपी सरकार जिस तरह से दिए जलाकर विश्व में उत्तम दिखाने की कोशिश कर रही है वैसे ही अपराध में भी उत्तम है। 2017 के नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि पूरे देश में जो अपराध हुए हैं उसमें यूपी का हिस्सा 10.1 प्रतिशत है। यूपी में 2017 में 4,324 हत्या, 2,524 दहेज हत्या, 15,941 सड़क हादसे, 19,921 अपहरण के मामले रिकॉर्ड किए गए। 2016 में बच्चों के खिलाफ अपराध की घटनायें 1,06,858 थीं जो कि 2017 में बढ़कर 1,29,032 हो गईं।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर होम गार्ड का दैनिक वेतन 500 से बढ़कर 672 रुपये करने की बात आई तो एक ही बैठक में 41 हजार होम गार्ड जवानों को बाहर का रास्ता दिखाने का निर्देश आ गया। जब यह बात मीडिया में आई तो सरकार ने कहा, किसी की नौकरी नहीं जायेगी, सबको ड्यूटी में एडजेस्ट किया जायेगा। होम गार्ड को अब 25 दिन की जगह 15 दिन की ड्यूटी दी जायेगी जिसका मतलब है कि जो होमगार्ड पहले 12,500  रुपये महीने कमाता था अब 10,080 रुपये कमायेगा यानी प्रत्येक होमगार्ड सैलरी बढ़ने के बावजूद 2,420 रुपये कम घर ले जायेगा।

यूपी में लगभग 90 हजार होमगार्ड हैं तो सरकार प्रति माह 21 करोड़ 78 लाख रुपये होमगार्ड जवानों को दिये जाने वाले पैसा बचायेगी। उसी पैसे से दिए जलाकर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराएगी और अपने मुस्कुराते हुए चेहरे को दिखाने के लिए विज्ञापन में खर्च करेगी। जब इनके खिलाफ कोई बोलता है, लिखता है तो उसको फर्जी केसों में फंसाकर सरकार अन्दर कर दे रही है, जैसे कि मिड डे मील में बच्चों को अच्छा खाना नहीं दिये जाने की बात लिखने वाले पत्रकार को झूठे केसों में फंसा कर जेल में डाल दिया गया। दिए जला कर कीर्तिमान बनाने वालों गोपाल दास नीरज की पूरी कविता को याद रखो-

‘‘सृजन है अधूरा अगर विश्व भर में,
कहीं भी किसी द्वार पर है उदासी,
मनुजता नहीं पूर्ण तब तक बनेगी,
कि जब तक लहू के लिए भमि प्यासी,
चलेगा सदा नाश का खेल यूं ही,
भले ही दिवाली यहाँ रोज आए
जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना
अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए।"

UttarPradesh
Poverty Hunger and death
Ayodhya Diwali
BJP
Yogi Adityanath
yogi sarkar
Government schemes
Increasing crime rate in UP
Malnutrition in UP

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • मनोलो डी लॉस सैंटॉस
    क्यूबाई गुटनिरपेक्षता: शांति और समाजवाद की विदेश नीति
    03 Jun 2022
    क्यूबा में ‘गुट-निरपेक्षता’ का अर्थ कभी भी तटस्थता का नहीं रहा है और हमेशा से इसका आशय मानवता को विभाजित करने की कुचेष्टाओं के विरोध में खड़े होने को माना गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट
    03 Jun 2022
    जस्टिस अजय रस्तोगी और बीवी नागरत्ना की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आर्यसमाज का काम और अधिकार क्षेत्र विवाह प्रमाणपत्र जारी करना नहीं है।
  • सोनिया यादव
    भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल
    03 Jun 2022
    दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता पर जारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट भारत के संदर्भ में चिंताजनक है। इसमें देश में हाल के दिनों में त्रिपुरा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में मुस्लिमों के साथ हुई…
  • बी. सिवरामन
    भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति
    03 Jun 2022
    गेहूं और चीनी के निर्यात पर रोक ने अटकलों को जन्म दिया है कि चावल के निर्यात पर भी अंकुश लगाया जा सकता है।
  • अनीस ज़रगर
    कश्मीर: एक और लक्षित हत्या से बढ़ा पलायन, बदतर हुई स्थिति
    03 Jun 2022
    मई के बाद से कश्मीरी पंडितों को राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास के लिए  प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत घाटी में काम करने वाले कम से कम 165 कर्मचारी अपने परिवारों के साथ जा चुके हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License