NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
उत्तराखंड: आंगनबाड़ी कार्यकर्ती एवं सेविका कर्मचारी यूनियन का विधानसभा कूच 
“उत्तराखंड में आंगनबाड़ी कार्यकर्ती को 7,500 रुपये, आंगनबाड़ी सहायिका को 3,750 रुपये और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ती को 4,500 रुपये प्रति माह मानदेय सरकार की ओर से मिलता है जो मंहगाई के इस दौर में बहुत ही कम है।”
सत्यम कुमार
28 Aug 2021
विधानसभा कूच करती आंगनबाड़ी कार्यकर्तीयां; फोटो-सत्यम कुमार
विधानसभा कूच करती आंगनबाड़ी कार्यकर्तीयां; फोटो-सत्यम कुमार

लम्बे समय से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों का विधानसभा सत्र के दौरान जोरदार प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं पर विचार करने का आश्वासन भी दिया।

मुख्यमंत्री को ज्ञापन देते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ती; फोटो-चित्रकला 

26 अगस्त 2021 को सेंटर ऑफ ट्रेड यूनियन (CITU) से सम्बंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ती एवं सेविका कर्मचारी यूनियन द्वारा अपनी मांगो को लेकर, LIC ऑफिस से विधानसभा के लिये कूच किया गया, विधानसभा से पहले ही पुलिस के द्वारा बैरीकेडिंग लगाकर रैली को रोक दिया गया, इस पर सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्तीयों ने आम सभा की, जिस में आंगनबाड़ी कार्यकर्तीयों का कहना था कि वे पिछले काफी समय से लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं, किंतु सरकार कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, आंदोलन जारी रखा जाएगा। इस के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों के द्वारा मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र को प्रशासन को सौंपा गया।

प्रशासनिक अधिकारी को मांग पत्र सौंपते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्तियां, फोटो-सत्यम कुमार 

आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों की मुख्य मांगें 

  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ती और आंगनबाड़ी सहायिका को कर्मचारी घोषित किया जाए और कार्यकर्ती को ग्रेड 3 तथा सहायिका को ग्रेड 4 का दर्जा दिया जाय
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ती को 21 हजार रूपये और सहायिका को 18 हजार रूपये दिया जाये
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों की बेटियों को नन्दादेवी /गौरादेवी योजनाओं का लाभ दिया जाये
  • मिनी आंगनबाड़ी को समान कार्य का समान वेतन दिया जाये
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ती और सहायिका को 100 प्रतिशत पदोन्नति तथा आयु सीमा हटायी जाये
  • महाराष्ट्र राज्य की तरह ग्रेच्युटी और ईएसआई सुविधा लागू की जाये 

विधानसभा कूच करती आंगनबाड़ी कार्यकर्तीयां; फोटो-सत्यम कुमार 

सरकारी आकड़ों के अनुसार राज्य में कुल 14,945 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है, जिन में 14,586 आंगनबाड़ी कार्यकर्ती और 14,339 आंगनबाड़ी सहायिका कार्यरत हैं। इस के अतरिक्त राज्य में कुल 5,102 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र हैं जिन में कुल 4,976 मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ती कार्यत है। सैयद नासिर हुसैन द्वारा 18 मार्च 2021 राज्यसभा में पूछे गये अतारांकित प्रश्न संख्या 2713 के उत्तर में महिला एव बाल विकास मंत्री जुबेन ईरानी ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्तीयों के अंतिम बार मानदेय में बढ़ोतरी 1 अक्टूबर 2018 को की गयी थी जिस के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ती को 4,500 रुपये, आंगनबाड़ी सहायिका को 2250 रुपये और मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों की आंगनबाड़ी कार्यकर्ती को 3,500 रुपये भुगतान केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है और आंगनबाड़ी सहायिकाय 250 रुपये प्रति माह के निष्पादन सम्बद्ध प्रोत्साहन के लिए भी हक़दार हैं। इस के अतरिक्त अधिकांश राज्य सरकारों के द्वारा अपने कोष से भी अतरिक्त राशि का भुगतान किया जाता है।

पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद सड़क पर बैठ कर सभा करती आंगनबाड़ी कार्यकर्तीयां: फोटो:सत्यम कुमार 

आंगनबाड़ी कार्यकर्ती एवं सेविका कर्मचारी यूनियन प्रान्तीय महामंत्री चित्रकला का कहना है कि उत्तराखंड में आंगनबाड़ी कार्यकर्ती को 7,500 रुपये, आंगनबाड़ी सहायिका को 3,750 रुपये और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ती को 4,500 रुपये प्रति माह मानदेय सरकार की ओर से मिलता है जो मंहगाई के इस दौर में बहुत ही कम है, अतः जब तक सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों का वेतन 21 हजार रुपये नहीं करती तब तक हमारे कार्य को देखते हुए एक सम्मान जनक राशि हम को दी जाये। आगे चित्रकला ने बताया कि प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री की ओर से वार्ता के लिए बुलाया गया था। काफी देर तक हुई वार्ता के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हमारी समस्याओं पर विचार करने का आश्वासन हमें दिया। 

आंगनबाड़ी कार्यकर्ती एवं सेविका कर्मचारी यूनियन देहरादून की जिला महामंत्री रजनी गुलेरिया का कहना है कि ऐसी बहुत सी आंगनबाड़ी कार्यकर्तीया ऐसी है जो तलाक सुदा है या फिर उन के पतियों की मृत्यु हो चुकी है, इन की बारहवीं पास लड़कीयो को नंदादेवी/गौरा देवी जैसी योजनाओ से बंचित रखा जाता है इस के अतरिक्त कोविड के समय एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ती ने दिनरात कार्य किया जिस का हमे कोई अतरिक्त पैसा नहीं मिला इस सभी के बाबजूद हमे इतना कम मानदेय मिलता है जब की दिल्ली में एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ती को लगभग 14 हजार रुपये मिलते है, उत्तराखंड सरकार को भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ती यो की ओर ध्यान देना चाहीये और जल्द से जल्द हमारे मानदेय को बढ़ाया जाना चाहिये।

सीटू देहरादून के जिला सचिव लेखराज का कहना है कि इंटरनेशनल लेबर आर्गेनाईजेशन (ILO) के 45 और 46 वे सम्मलेन में सिफारिश की गयी थी की सभी योजना कर्मियों को कर्मचारी घोषित किया जाये। हमारी यूनियन के द्वारा सम्पूर्ण भारत देश में योजना कर्मियों को कर्मचारी घोषित करने को लेकर आंदोलन किये जा रहे हैं। उत्तराखंड में आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों की सभी मांगें जायज़ है, जिस के लिये वह पिछले काफी समय से आंदोलन कर रही हैं। लेकिन प्रशासन के द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों पर दबाव बनाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों का मानदेय काटा गया और कार्य करने से रोका गया जिस कारण बहुत सी आंगनबाड़ी कार्यकर्ती की पदोन्नति की दावेदारी समाप्त हो चुकी है। अतः सरकार को यह रोक वापिस लेनी चाहिये, इस के अतरिक्त सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों की मांगों पर जल्द से जल्द अपनी प्रतिक्रिया दे। अंत में लेखराज ने कहा कि जब तक सरकार की ओर  से कोई संतोषजनक आदेश नहीं आ जाता, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

लेखक देहरादून स्थित स्वतंत्र पत्रकार हैं। 

UTTARAKHAND
aanganwadi workers
Aanganwadi Protest
Sevika Employees Union
Pushkar Singh Dhami
CITU

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने क्यों कर रखा है आप और भाजपा की "नाक में दम”?

सार्वजनिक संपदा को बचाने के लिए पूर्वांचल में दूसरे दिन भी सड़क पर उतरे श्रमिक और बैंक-बीमा कर्मचारी

झारखंड: केंद्र सरकार की मज़दूर-विरोधी नीतियों और निजीकरण के ख़िलाफ़ मज़दूर-कर्मचारी सड़कों पर उतरे!

दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल को मिला व्यापक जनसमर्थन, मज़दूरों के साथ किसान-छात्र-महिलाओं ने भी किया प्रदर्शन

देशव्यापी हड़ताल का दूसरा दिन, जगह-जगह धरना-प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License