NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
उत्तराखंड: कोरोना से डर या जनता के सवालों से बचने के लिए एक दिन का विधानसभा सत्र!
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना कहते हैं कि राज्य में कई जरूरी मुद्दों पर इस समय सरकार से सवाल करने हैं। ये ठीक नहीं है कि चुनी हुई सरकार कोरोना का सहारा लेकर इन सवालों से बचने की कोशिश करे।
वर्षा सिंह
18 Sep 2020
उत्तराखंड: कोरोना से डर या जनता के सवालों से बचने के लिए एक दिन का विधानसभा सत्र!

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के साथ बढ़ती बेरोजगारी के पिछले सभी रिकॉर्ड भी टूट रहे हैं। उत्तराखंड में ये समस्या कहीं ज्यादा विकराल है। छात्र, किसान, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, कर्मचारी सभी अपनी समस्याओं को लेकर सरकार से सवाल पूछ रहे हैं। सड़क पर पूछे जा रहे ये सवाल सदन के अंदर भी दस्तक दें, इसके लिए विधानसभा सत्र का इंतज़ार था। 23 सितंबर से उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र तीन दिनों के लिए प्रस्तावित था। 17 सितंबर को हुई कैबिनेट बैठक में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए विधानसभा सत्र औपचारिक तौर पर एक दिन चलाने की मांग की गई। जिस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को फ़ैसला लेना है।

देश के दूसरे राज्यों में एक दिन के सत्र का हवाला देते हुए, कोरोना संक्रमण से डरे विधायक चाहते हैं कि एक दिन के मानसून सत्र की औपचारिकता पूरी कर ली जाए। क्योंकि दो सत्र के बीच छह महीने से अधिक समय का अंतराल नहीं हो सकता।

बेरोजगारी के मुद्दे पर 17 सितंबर को एनएसयूआई का विरोध प्रदर्शन.jpeg

कोरोना में जब परीक्षाएं नहीं रुकी, सत्र तो ज़्यादा ज़रूरी है!

श्रीनगर गढ़वाल विश्वविद्यालय के आइसा से जुड़े छात्र नेता अंकित उछोली कहते हैं कि भारी विरोध के बावजूद फाइनल ईयर के छात्रों को परीक्षा देने के लिए विवश होना पड़ा। बढ़ते कोरोना संक्रमण के बावजूद उन्हें देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में सफ़र करना पड़ा। भारी-भरकम खर्च पर टैक्सी, रेल और हवाई सेवाओं का सहारा लेना पड़ा। स्टुडेंट्स चाहते थे कि औसत अंकों के आधार पर ही उनके नतीजे घोषित कर दिए जाएं। जेईई-नीट की परीक्षाएं भी आयोजित की गई।

अंकित कहते हैं कि उत्तराखंड में तो सिर्फ 70 विधायक हैं। जिनके पास अपनी सुरक्षा का पूरा सामर्थ्य है। इलाज की सुविधा है। सेनेटाइजेशन की पूरी व्यवस्था है। जबकि छात्र कोरोना के मुश्किल समय में जोखिम मोल लेते हुए परीक्षाएं देने को मजबूर हुए। गढ़वाल विश्वविद्यालय से सम्बद्ध पांच हज़ार छात्र देश के दूसरे राज्यों के हैं। बहुत से छात्र एक जिले से दूसरे जिले परीक्षा देने के लिए रहे हैं। उनके रहने-खाने तक की व्यवस्थाएं बहुत दुरुस्त नहीं है। छात्रों के लिए परीक्षाएं जरूरी हैं। विधायकों के लिए भी तो विधानसभा सत्र जरूरी है। 70 विधायक एक दिन के विधानसभा सत्र की औपचारिकता निभाएं, ये बात हजम नहीं होती। गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में आज से फाइनल ईयर की परीक्षाएं शुरू हो गई हैं।

कांग्रेस ने की थी सत्र बढ़ाने की मांग

16 सितंबर को ही पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और जागेश्वर से कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने विधानसभा सत्र को तीन दिन से अधिक किए जाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि तीन दिन के सत्र में किसी भी मुद्दे पर सही तरीके से चर्चा ही नहीं हो पाती है। हमें महंगाई, बेरोजगारी, कोरोना संक्रमितों के इलाज की व्यवस्था जैसे जरूरी मुद्दों पर सरकार से सवाल करने हैं।

कोरोना की आड़ में जनता के सवालों से बचने की कोशिश!

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना कहते हैं कि राज्य में कई जरूरी मुद्दों पर इस समय सरकार से सवाल करने हैं। ये ठीक नहीं है कि चुनी हुई सरकार कोरोना का सहारा लेकर इन सवालों से बचने की कोशिश करे। वह राज्य की मौजूदा समस्याएं गिनाते हैं कि त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में 13 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। इस समय किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा है। उनका कर्ज माफ नहीं किया जा रहा। गन्ने के बकाये के भुगतान का मुद्दा है। राज्य में पहले ही साढ़े सात लाख बेरोजगार युवा थे। अभी करीब तीन लाख प्रवासी वापस लौटे हैं। साढ़े तीन साल से भर्तियां नहीं निकाली गई। उपनल में भर्ती का एक आदेश जारी होता है, फिर बदल दिया जाता है। चारों धामों के तीर्थ पुरोहित आंदोलन कर रहे हैं।

सूर्यकांत धस्माना का आरोप है कि सरकार कोरोना की आड़ लेकर जानबूझ कर सत्र का समय कम करना चाहती है ताकि जनता के मुद्दे न उठाए जा सकें।

uttarakhand vidhansabha (1).jpg

औपचारिकता निभाने के लिए विधानसभा सत्र

सीपीआई-एमएल के राज्य सचिव राजा बहुगुणा भी एक दिन का सत्र आहूत करने को सही नहीं ठहराते। उनका कहना है कि विधानसभा सत्र मात्र औपचारिकता रह गई है। जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों को जनता के सवालों का जवाब देना चाहिए। उनकी जवाबदेही लगभग शून्य हो गई। वह कहते हैं कि मुख्यमंत्री इतने सारी योजनाओं का हवाला देते हैं लेकिन वास्तविकता में उनका कहीं पता नहीं चल रहा।

एक तरफ मुद्दे हैं, समस्याएं हैं, दूसरी ओर उपलब्धियों भरा रिपोर्ट कार्ड है

छात्र परेशान हैं। बेरोज़गार परेशान हैं। स्वास्थ्यकर्मी परेशान हैं। नौकरीपेशा परेशान हैं। व्यापारी परेशान हैं। विधानसभा में इस पर बातें हों या नहीं। फिलहाल सरकार अपने साढ़े तीन साल के कामकाज के एक्सलेंट रिपोर्ट कार्ड के साथ हाज़िर है। आज ही त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के कामकाज का साढ़े तीन साल पूरा हुआ है। इस अवसर पर एक नया रिपोर्ट कार्ड जारी किया गया है।

त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने बताया कि अप्रैल 2017 से अब तक 7 लाख 12 हजार से अधिक लोगों को रोजगार दिया गया है। इसमें से नियमित रोजगार मात्र 16 हज़ार को मिला है। बाकी आउटसोर्स, स्वयं उद्यमिता से जुड़े लोग हैं। मनरेगा में हर साल 6 लाख लोगों को रोजगार दिया जाता है। सरकार का कहना है कि जनता से किए गए 85 फीसदी वादे पूरे किए जा चुके हैं।

(वर्षा सिंह स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

Uttrakhand
Uttarakhand Legislative Assembly
Coronavirus
COVID-19
BJP
Trivendra Singh Rawat
Congress
modi sarkar
Narendra modi

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है


बाकी खबरें

  • language
    न्यूज़क्लिक टीम
    बहुभाषी भारत में केवल एक राष्ट्र भाषा नहीं हो सकती
    05 May 2022
    क्या हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा देना चाहिए? भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष से लेकर अब तक हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की जद्दोजहद कैसी रही है? अगर हिंदी राष्ट्रभाषा के तौर पर नहीं बनेगी तो अंग्रेजी का…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    "राजनीतिक रोटी" सेकने के लिए लाउडस्पीकर को बनाया जा रहा मुद्दा?
    05 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार सवाल उठा रहे हैं कि देश में बढ़ते साम्प्रदायिकता से आखिर फ़ायदा किसका हो रहा है।
  • चमन लाल
    भगत सिंह पर लिखी नई पुस्तक औपनिवेशिक भारत में बर्तानवी कानून के शासन को झूठा करार देती है 
    05 May 2022
    द एग्ज़िक्युशन ऑफ़ भगत सिंह: लीगल हेरेसीज़ ऑफ़ द राज में महान स्वतंत्रता सेनानी के झूठे मुकदमे का पर्दाफ़ाश किया गया है। 
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    गर्भपात प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट के लीक हुए ड्राफ़्ट से अमेरिका में आया भूचाल
    05 May 2022
    राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अगर गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने वाला फ़ैसला आता है, तो एक ही जेंडर में शादी करने जैसे दूसरे अधिकार भी ख़तरे में पड़ सकते हैं।
  • संदीपन तालुकदार
    अंकुश के बावजूद ओजोन-नष्ट करने वाले हाइड्रो क्लोरोफ्लोरोकार्बन की वायुमंडल में वृद्धि
    05 May 2022
    हाल के एक आकलन में कहा गया है कि 2017 और 2021 की अवधि के बीच हर साल एचसीएफसी-141बी का उत्सर्जन बढ़ा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License