NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
विधानसभा चुनाव
भारत
राजनीति
उत्तराखंडः 5 सीटें ऐसी जिन पर 1 हज़ार से कम वोटों से हुई हार-जीत
प्रदेश की पांच ऐसी सीटें हैं जहां एक हज़ार से कम वोटों के अंतर से प्रत्याशियों की जीत-हार का फ़ैसला हुआ। आइए जानते हैं कि कौन सी हैं ये सीटें—
एम.ओबैद
12 Mar 2022
uttarakhand

70 सीटों वाली उत्तराखंड विधानसभा के लिए हुए चुनाव के आए परिणाम में 47 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया जबकि कांग्रेस के खाते 19 में सीट गई, वहीं बहुजन समाज पार्टी को 2 सीटें मिली जबकि 2 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत का परचम लहराया। 

इन 70 सीटों में पांच ऐसी भी सीटें रहीं जहां केवल एक हज़ार से कम वोट में हार-जीत तय हुई।

आइए जानते हैं वे कौन-कौन से पांच सीट हैं जहां इस तरह का बेहद कड़ा मुकाबला देखने को मिला। ये पांच सीटें हैं अल्मोड़ा, द्वारहाट, मंगलौर, श्रीनगर और टिहरी।

अल्मोड़ा

अल्मोड़ा से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार मनोज तिवारी मात्र 127 मतों के अंतर से अपनी सीट को सुरक्षित करने में कामयाब रहे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के कैलाश शर्मा को हराया। शर्मा को जहां 24312 वोट मिले वहीं मनोज तिवारी को 24439 वोट मिले।

द्वाराहाट

द्वाराहाट सीट से कांग्रेस के मदन सिंह बिष्ट ने भी भारतीय जनता पार्टी के अनिल सिंह शाही को मात्र 182 मतों के अंतर से हराया है। इस चुनाव में मदन सिंह को जहां 17766 वोट मिले वहीं बीजेपी के अनिल सिंह को 17584 वोट मिले।

मंगलौर

मंगलौर सीट की बात करें तो बहुजन समाज पार्टी के सरवत करीम अंसारी ने कांग्रेस पार्टी के काजी मोहम्मद निजामुद्दीन को 598 मतों से हराया। बीएसपी के उम्मीदवार अंसारी को 32660 वोट मिले जबकि कांग्रेस के काजी मोहम्मद निजामुद्दीन को 32062 वोट मिले।

श्रीनगर

श्रीनगर सीट पर भारतीय जनता पार्टी के धन सिंह रावत ने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार गणेश गोडियाल को मात्र 587 मतों से हराया। धन सिंह रावत को इस चुनाव में जहां 29618 वोट मिले वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार गोडियाल को 29031 वोट मिले।

टिहरी

भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार किशोर उपाध्याय ने टिहरी सीट पर उत्तराखंड जन एकता पार्टी के दिनेश सिंह को 951 वोटों से हराकर इस सीट को सुरक्षित किया। किशोर उपाध्याय को जहां 19802 वोट मिले वहीं दिनेश सिंह को 18851 वोट मिले।

हॉट सीट जहां दिग्गजों की हार हुई

मुख्यमंत्री की हार

हॉट सीट की बात करें तो प्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी उम्मीदवार पुष्कर सिंह धामी अपनी सीट नहीं बचा पाए। उन्हें खटीमा सीट से 6579 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी ने इस चुनाव में उन्हें हराया।

हरीश रावत हारे

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत को इस बार पार्टी ने पहले नैनीताल जिले की रामनगर विधानसभा सीट से टिकट दिया था लेकिन वहां से पार्टी में विद्रोह के चलते उनको लालकुआं शिफ्ट कर दिया गया था लेकिन वे हार गए। उन्हें भारतीय जनता पार्टी के मोहन सिंह बिष्ट ने 17527 वोटों से हराया।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी हारे

श्रीनगर सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल हार गए हैं। मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी और शिक्षा मंत्री डॉ. धनसिंह रावत ने उन्हें मात्र 587 वोटों से हराया।

कैबिनेट मंत्री हारे

हरिद्वार ग्रामीण सीट से कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की बेटी कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा रावत ने 4472 वोटों के अंतर से हराया।

इन मुख्यमंत्रियों की हार कुर्सी पर रहते हुई

राज्य के मुख्यमंत्रियों के चुनाव लड़ने और उनके जीतने की बात करें तो प्रदेश में बीजेपी के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस बार अपनी सीट नहीं बचा पाए। उन्हें खटीमा सीट से 6579 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी ने इस चुनाव में उनको हराया। धामी को चुनाव से ठीक पहले पार्टी राज्य का मुख्यमंत्री बनाया था। पुष्कर धामी को अपनी सीट बचाने को लेकर कोई संदेह नहीं था लेकिन उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार से कड़ी टक्कर मिली और वे हार गए।

पुष्कर सिंह धामी से पहले 2017 में मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत भी अपनी विधानसभा सीट बचाने में असफल हो गए थे। साल 2017 में मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने हरिद्वार ग्रामीण और किच्छा दो सीटों से चुनाव लड़ा था लेकिन दोनों पर ही उन्हें हार की मुंह देखना पड़ा था।

साल 2012 में मुख्यमंत्री रहते हुए चुनाव में भुवन चंद्र खंडूरी भी चुनाव हार गए थे। विधानसभा चुनावों से ठीक पहले बीजेपी ने बीसी खंडूरी को मुख्यमंत्री बनाकर उन्हें कोटद्वार सीट से खड़ा किया था लेकिन वे हार गए थे। उन्हें सुरेंद्र सिंह नेगी ने कड़ी शिकस्त दी थी।

UTTARAKHAND
Uttarakhand Assembly Elections 2022
Uttarakhand Polls
BJP
Congress
BSP

Related Stories

हार्दिक पटेल का अगला राजनीतिक ठिकाना... भाजपा या AAP?

लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों में औंधे मुंह गिरी भाजपा

ख़बरों के आगे-पीछे: गुजरात में मोदी के चुनावी प्रचार से लेकर यूपी में मायावती-भाजपा की दोस्ती पर..

हार के बाद सपा-बसपा में दिशाहीनता और कांग्रेस खोजे सहारा

विश्लेषण: विपक्षी दलों के वोटों में बिखराव से उत्तर प्रदेश में जीती भाजपा

बसपा की करारी हार पर क्या सोचता है दलित समाज?

आर्थिक मोर्चे पर फ़ेल भाजपा को बार-बार क्यों मिल रहे हैं वोट? 

पांचों राज्य में मुंह के बल गिरी कांग्रेस अब कैसे उठेगी?

विचार: क्या हम 2 पार्टी सिस्टम के पैरोकार होते जा रहे हैं?

यूपी चुनाव के मिथक और उनकी हक़ीक़त


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License