NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
SC ST OBC
अपराध
उत्पीड़न
भारत
राजनीति
यूपी: ‘रामराज’ के दावे के बीच प्रदेश में दलित-नाबालिग बच्चियों पर बढ़ते अत्याचार!
हाथरस के बाद अब बाराबंकी जिले में नाबालिग दलित लड़की से दुष्कर्म और हत्या की खबर है। लड़की के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने पहले तो मामले को दबाने की कोशिशें कीं और फिर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने से पहले ही लड़की का अंतिम संस्कार करा दिया।
सोनिया यादव
17 Oct 2020
बाराबंकी

उत्तर प्रदेश में दलित नाबालिग बच्चियों के खिलाफ अपराध की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं। हाथरस को लेकर अभी देश का उबाल शांत ही नहीं हुआ था कि बाराबंकी जिले में एक नाबालिग दलित लड़की से रेप के बाद उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। यहां भी लड़की के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने पहले तो मामले को दबाने की कोशिशें कीं और फिर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने से पहले ही लड़की का अंतिम संस्कार करा दिया। एक के बाद एक राज्य में घट रही ऐसी घटनाओं के बीच पुलिस प्रशासन का कथित रूप से पीड़ित को ही प्रताड़ित करने का रवैया निश्चित ही सवालों के घेरे में है।

क्या है पूरा मामला?

प्राप्त जानकारी के मुताबिक ये घटना बुधवार, 14 अक्टूबर की है और मामला जिले के थाना सतरिख से जुड़ा हुआ है। यहां दलित किशोरी खेत में धान काटने गई थी। जब कुछ बदमाशों ने उसके साथ नृशंसता की और फिर उसकी हत्या कर दी।

कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दलित किशोरी के निजी अंगों पर भी चोट के काफी गंभीर निशान मिले हैं। लोगों का कहना है कि मौका-ए-वारदात पर शराब की बोतलें भी मिली थीं।

परिवारजनों का क्या कहना है?      

परिजनों का आरोप है कि पुलिस शुरुआत में मामले को दबाने की कोशिश में लगी रही। यहां तक की परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने दुष्कर्म की धारा तक एफआईआर में नहीं लगाई थी। गुरुवार, 15 अक्टूबर देर शाम आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप के बाद गला दबा कर हत्या करने की पुष्टि होने के बाद बलात्कार की धारा 376 को जोड़ा गया।

इस मामले में परिवार का दावा है कि पीड़ित नाबालिग थी। दूसरी ओर, पुलिस उसे बालिग बता रही है।

घटना के बारे में लड़की की मां ने मीडिया को बताया, “बेटी धान काटने गई थी। खेत से उसकी लाश मिली। हाथ, गर्दन के साथ बंधे हुए थे। मुंह फटा हुआ था, गाल नोचे हुए थे। कपड़े भी उतरे थे। चेहरा मुश्किल से पहचाना जा रहा था। पुलिस हम पर ही दवाब बना रही थी कि चेक दिला देंगे, लेकिन हमें पैसे नहीं, इंसाफ चाहिए।”

पुलिस-प्रशासन क्या कह रहा है?

बाराबंकी के जिलाधिकारी आदर्श सिंह ने मामले की जानकारी देते हुए एक प्रेस नोट जारी किया। इसमें उन्होंने धारा बढ़ाने की बात बताई, साथ ही निष्पक्ष जांच का आश्वासन भी दिया। गांव में पीएसी और पुलिस बल की भारी तैनाती है।

इस पूरे मामले में एएसपी राम सेवक गौतम ने कहा कि बुधवार देर रात शव मिला था, जिसके बाद हत्या का मामला दर्ज किया गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि होने पर रेप की धारा भी एफआईआर में जोड़ी गई है। एएसपी ने कहा कि कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है और पूछताछ की जा रही है।

https://t.co/KVKz2Zx3Bh pic.twitter.com/7pgU3X0mr4

— Barabanki Police (@Barabankipolice) October 16, 2020

हालांकि पुलिस को दुष्कर्म के बाद हत्या करने का शक मृत पीड़िता के पट्टीदार (रिश्ते के चाचा) पर है। डिजिटल साक्ष्य के आधार पर पुलिस का दावा है कि वारदात को रिश्तेदार ने ही अंजाम दिया है।

हालांकि आरोपी की संलिप्तता के बारे में मीडिया के सवालों पर पुलिस अधिकारी जांच का विषय बताकर जवाब देने से कतराते रहे। पीड़ित परिवारजन भी पुलिस के इस दावे पर भरोसा नहीं कर पा रहे। वे लगातार मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।

विपक्ष सरकार पर हमलावर

इस मामले के तूल पकड़ने के बाद बीएसपी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल बाराबंकी पहुंचा और पीड़ित परिवार से मुलाकात की। बीएसपी नेताओं ने घटना की जानकारी ली और कहा कि अगर इस मामले में न्याय नहीं हुआ, तो आंदोलन किया जाएगा। वहीं कांग्रेस ने भी इस घटना को लेकर सरकार पर हमला किया है। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि यूपी में दलितों पर अत्याचार बढ़ा है।

यूपी में पिछले एक हफ्ते में महिलाओं के खिलाफ अपराध की 13 भयावह घटनाएं घटी। खबरों के अनुसार 4 घटनाओं में पीड़िता की हत्या कर दी गई या पीड़िताओं ने आत्महत्या कर ली।

महिला सुरक्षा की ये दुर्गति विचलित करती है। सीएम साहब को इसपर ‘स्पेशल सेशन’ करने का समय नहीं, हाँ फोटोसेशन चालू है। pic.twitter.com/FDW9NppDmI

— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 16, 2020

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर कहा, “यूपी में पिछले एक हफ्ते में महिलाओं के खिलाफ अपराध की 13 भयावह घटनाएं घटी। खबरों के अनुसार 4 घटनाओं में पीड़िता की हत्या कर दी गई या पीड़िताओं ने आत्महत्या कर ली। महिला सुरक्षा की ये दुर्गति विचलित करती है। सीएम साहब को इसपर ‘स्पेशल सेशन’ करने का समय नहीं, हाँ फोटोसेशन चालू है।”

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, “उत्तर प्रदेश की नाकाम भाजपा सरकार महिला-अपराधों में ये दिखाकर बच रही है कि ये आपसी संबंधों और रिश्तेदारों के बीच की घटनाएँ हैं न कि अपराधियों द्वारा की जानेवाली। सपा के समय की कारगर 1090 व यूपी 100 को निष्प्रभावी बनाकर भाजपा सरकार राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में जनता का हनन कर रही है।”

इसे पढ़ें : सिर्फ बलरामपुर ही नहीं, हाथरस के बाद कई और दुष्कर्म, NHRC ने योगी सरकार को भेजा नोटिस

दलितों के खिलाफ हिंसा

गौरतलब है कि बीते दिनों उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 साल की एक दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप और हत्या का मामला सामने आया। आनन-फानन में पुलिस ने शव का अंतिम संस्कार तक दिया। जिसके बाद हाईकोर्ट ने शासन-प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा था कि क्या पीड़िता किसी रसूखदार की बेटी होती, तो उसके साथ ऐसा ही किया जाता।  

इस घटना के बाद एक बार फिर दलितों के शोषण-उत्पीड़न पर सवाल उठने लगे। कहा जाने लगा कि आज़ादी के सात दशकों बाद भी आज दलित सामनता के लिए संघर्ष कर रहे हैं। साल दर साल की ऐसी कई घटनाओं का जिक्र होने लगा जो दलितों के ख़िलाफ़ हिंसा की एक नई कहानी बयां करती हैं।

साल 2015 में राजस्थान के डंगावास में दलितों के ख़िलाफ़ हिंसा की खबर हो या 2016 में हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में दलित स्कॉलर रोहित वेमुला की आत्महत्या। इसी साल तमिलनाडु में 17 साल की दलित लड़की का गैंगरेप और हत्या राष्ट्रीय सुर्खी बना। 2017 में सहारनपुर हिंसा,  2018 में भीमा कोरेगांव हिंसा जिसकी जांच में कई नागरिक समाज और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी भी हुई। साल 2019 में डॉक्टर पायल तड़वी की आत्महत्या की पूरे देश में चर्चा हुई लेकिन सिलसिला फिर भी रुका नहीं। साल 2020 हाथरस की घटना और आंदोलन के लिए याद रखा जाएगा।

इसे पढ़ें : हाथरस मामले में सरकार और प्रशासन का दोहरा रवैया क्यों दिखाई पड़ता है?

एनसीआरबी के आंकड़े भयावह

अगर राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी के हालिया आंकड़ों की बात करें तो वो भी यही बयां करते हैं कि दलितों के ख़िलाफ़ अत्याचार के मामले कम होने के बजाय बढ़े हैं।

एनसीआरबी ने हाल ही में भारत में अपराध के साल 2019 के आँकड़े जारी किए जिनके मुताबिक अनुसूचित जातियों के साथ अपराध के मामलों में साल 2019 में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जहां 2018 में 42,793 मामले दर्ज हुए थे वहीं, 2019 में 45,935 मामले सामने आए।

इनमें सामान्य मारपीट के 13,273 मामले, अनुसूचित जाति/ जनजाति (अत्याचार निवारण) क़ानून के तहत 4,129 मामले और रेप के 3,486 मामले दर्ज हुए हैं।

राज्यों में सबसे ज़्यादा मामले 2,378 उत्तर प्रदेश में और सबसे कम एक मामला मध्य प्रदेश में दर्ज किया गया है। अनुसूचित जनजातियों के ख़िलाफ़ अपराध में साल 2019 में 26.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। जहां 2018 में 6,528 मामले सामने आए थे वहीं, 2019 में 8,257 मामले दर्ज हुए हैं।

इसे पढ़ें : ये नेता आख़िर महिलाओं को समझते क्या हैं!

UttarPradesh
CRIMES IN UP
women safety
Dalit Girl
rape case
Hathras Rape case
Barabanki
Barabanki Rape case
Yogi Adityanath
yogi sarkar
UP police
Ram Rajya

Related Stories

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

ग्राउंड रिपोर्ट: ‘पापा टॉफी लेकर आएंगे......’ लखनऊ के सीवर लाइन में जान गँवाने वालों के परिवार की कहानी

उत्तर प्रदेश: योगी के "रामराज्य" में पुलिस पर थाने में दलित औरतों और बच्चियों को निर्वस्त्र कर पीटेने का आरोप

यूपी चुनाव परिणाम: क्षेत्रीय OBC नेताओं पर भारी पड़ता केंद्रीय ओबीसी नेता? 

यूपी चुनाव में दलित-पिछड़ों की ‘घर वापसी’, क्या भाजपा को देगी झटका?

यूपी चुनाव: पूर्वी क्षेत्र में विकल्पों की तलाश में दलित

यूपी : सत्ता में आरक्षित सीटों का इतिहास और नतीजों का खेल

यूपी: पुलिस हिरासत में कथित पिटाई से एक आदिवासी की मौत, सरकारी अपराध पर लगाम कब?

पड़ताल: पश्चिमी यूपी में दलितों के बीजेपी के ख़िलाफ़ वोट करने की है संभावना

दलितों के ख़िलाफ़ हमले रोकने में नाकाम रही योगी सरकार


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License