NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
यूपी: ‘रामराज’ में आमजन तो छोड़िए, पुलिस भी सुरक्षित नहीं है!
राज्य में दो दिनों के भीतर ही दो बार पुलिस, बदमाशों के हमले का शिकार हुई। कासगंज के बाद अब शाहजहांपुर में पुलिस टीम पर हमला हुआ है। जिसमें खबर है कि दरोगा को चोटें आई हैं। 
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
11 Feb 2021
यूपी: ‘रामराज’ में आमजन तो छोड़िए, पुलिस भी सुरक्षित नहीं है!
Image Courtesy: Financial Express

“अपराधी या तो उत्तर प्रदेश से बाहर चले गए हैं या फिर ज़मानत रद्द करा कर जेल में बंद हैं।”

योगी सरकार के इस दावे के उलट उत्तर प्रदेश में अपराधियों के हौसलें बुलंद दिखाई दे रहे हैं। आमजन तो छोड़िए यहां पुलिस तक सुरक्षित नहीं हैं। राज्य में दो दिनों के भीतर ही दो बार पुलिस बदमाशों के हमले का शिकार हुई है। कासगंज के बाद अब शाहजहांपुर में पुलिस टीम पर हमला हुआ है। जिसमें खबर है कि दरोगा को चोटें आई हैं। इस पूरी वारदात ने एक बार फिर राज्य में बेहतर कानून व्यवस्था के मुख्यमंत्री के दावे को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।

क्या है पूरा मामला?

अमर ऊजाला की रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना यूपी के शाहजहांपुर के कलान कस्बे की है। यहां बुधवार, 10 फरवरी की रात कुछ दबंगों ने एक बच्ची से छेड़छाड़ की। विरोध करने पर बदमाशों ने बच्ची के घरवालों को पीटना शुरू कर दिया। सूचना पाकर थाने से कस्बा इंचार्ज तीन सिपाहियों के साथ मौके पर पहुंचे तो दबंगों ने उन पर हमला कर दिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार छेड़छाड़ के आरोपियों ने पुलिसवालों से हाथापाई की, जिसमें दरोगा को चोटें आई हैं। इस घटना से मौके पर अफरातफरी होने के साथ भय का माहौल बन गया। कलान थाने से इसकी सूचना मिलने पर मिर्जापुर और परौर पुलिस भी कलान पहुंच गई। तब जाकर मामला शांत हुआ।

पुलिस का क्या कहना है?

पुलिस की ओर से एसपी ग्रामीण संजीव कुमार वाजपेयी ने बताया कि पांच आरोपियों को अभी पकड़ा गया है। अन्य नाम सामने आने पर उनकी भी गिरफ्तारी की जाएगी। एफआईआर दर्ज की जा रही है। कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

आपको बता दें कि इससे पहले कासगंज में यूपी पुलिस की टीम पर हमला हुआ था। जिसके बाद पुलिस ने एक आरोपी को मुठभेड़ में मार गिराया गया था, लेकिन मामले का मुख्य आरोपी अभी भी फरार चल रहा है।

कासगंज में क्या हुआ था?

कासगंज में पुलिस नगला धीमर गांव में अवैध शराब के गोरखधंधे को बंद कराने गई थी। इसी दौरान अवैध शराब कारोबारियों ने घात लगाकर पुलिस टीम पर हमला कर दिया। आरोपियों ने लाठी और अन्य हथियारों से पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया और बंधक बनाकर उनकी पिटाई भी की। शराब माफियाओं ने सिपाही देवेंद्र की पीट-पीटकर कर हत्या कर दी, जबकि दरोगा अशोक कुमार बुरी तरह घायल हो गए थे।

इस घटना के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा एक बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है। बयान में कहा गया, "राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।"

पुलिस मुठभेड़ों पर उठते सवाल

गौरतलब है कि बीते साल कानपुर मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मियों के शहीद होने के बाद यूपी शासन-प्रशासन की खूब किरकीरी हुई थी। इस मामले में पुलिस, अपराध और राजनीति का तगड़ा गठजोड़ सामने आया था। मामले में मुख्य आरोपी विकास दुबे का ‘नाटकीय’ एनकाउंटर देखने को मिला था, जिसने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को चर्चा का विषय बना दिया था।

मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने के बाद से प्रदेश में हो रहीं पुलिस मुठभेड़ों पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी उत्तर प्रदेश में पुलिस मुठभेड़ों को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार को नोटिस जारी किया था। यह नोटिस एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया गया। जिसमें कहा गया था कि इन मुठभेड़ों की सीबीआई या एसआईटी से जांच कराई जाए और इसकी निगरानी कोर्ट करे।

रामराज में कानून व्यवस्था भगवान भरोसे?

उत्तर प्रदेश में लगातार दर्ज हो रही आपराधिक घटनाओं के चलते प्रदेश की कानून व्यवस्था अक्सर सुर्खियों में रहती है। कभी समाजवादी पार्टी को कानून व्यवस्था के नाम पर घेरने वाली बीजेपी, अब सत्ता में आने के बाद खुद जिस मुद्दे पर सबसे ज़्यादा नाकाम रहने का आरोप झेल रही है, वो भी कानून व्यवस्था ही है। बदहाल कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष, सरकार पर हमलावर है, तो वहीं प्रशासन तुलनात्मक आंकड़े साधने-संभालने में जुटा है।

दलितों के ख़िलाफ़ बढ़ते अपराध

दलितों के खिलाफ भी यूपी में अपराध तेज़ी से बढ़े हैं। इसी स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आजमगढ़ के बांसा गांव के दलित सरपंच सत्यमेव जयते की बेरहमी से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इससे पहले भी राज्य में दलितों पर अत्याचार के कई गंभीर मामले सामने आए हैं।

एनसीआरबी के आंकड़ों को देखें तो उत्तर प्रदेश में दलितों के खिलाफ अपराधों में, बलात्कार, हत्या, हिंसा और भूमी से संबंधित मुद्दों को लेकर उत्तर प्रदेश का नाम शीर्ष राज्यों में रहता है। एनसीआरबी के अनुसार, यूपी में दलितों के खिलाफ अपराधों में वर्ष 2014 से 2018 तक 47 प्रतिशत की भारी बढ़ोत्तरी हुई है। इसके बाद गुजरात और हरियाणा हैं, जहां क्रमश: 26 और 15 फीसदी अपराध बढ़े हैं।

रामराज में नहीं हैं सुरक्षित महिलाएं

महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता बताने वाली बीजेपी की योगी सरकार में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों का ग्राफ तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। बीते दिनों एक के बाद एक बलात्कार और हत्या की घटनाओं ने रामराज पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश पहली कतार में खड़ा है। देश में महिलाओं के ख़िलाफ़ 2018 में कुल 378,277 मामले दर्ज हुए और अकेले यूपी में 59,445 मामले दर्ज किए गए। यानी देश के कुल महिलाओं के साथ किए गए अपराध का लगभग 15.8%।

इसके अलावा प्रदेश में कुल रेप के 4,322 केस हुए। यानी हर दिन 11 से 12 रेप केस दर्ज हुए। ध्यान देने वाली बात ये है कि ये उन अपराधों पर तैयार की गई रिपोर्ट है जो थानों में दर्ज होते हैं। दर्ज मामलों से अधिक कई मामलें ऐसे होते हैं जिनकी थाने में कभी शिकायत ही दर्ज नहीं हो पाती है। एनसीआरबी देश के गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है।

Uttar pradesh
Yogi Adityanath
UP Law And Order
UP police
Attack on UP Police
Ram Rajya
NCRB

Related Stories

आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

यूपी : आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की साख़ बचेगी या बीजेपी सेंध मारेगी?

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह प्रकरण में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल

ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन

जौनपुर: कालेज प्रबंधक पर प्रोफ़ेसर को जूते से पीटने का आरोप, लीपापोती में जुटी पुलिस

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

उपचुनाव:  6 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में 23 जून को मतदान

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार : गेहूं की धीमी सरकारी ख़रीद से किसान परेशान, कम क़ीमत में बिचौलियों को बेचने पर मजबूर
    30 Apr 2022
    मुज़फ़्फ़रपुर में सरकारी केंद्रों पर गेहूं ख़रीद शुरू हुए दस दिन होने को हैं लेकिन अब तक सिर्फ़ चार किसानों से ही उपज की ख़रीद हुई है। ऐसे में बिचौलिये किसानों की मजबूरी का फ़ायदा उठा रहे है।
  • श्रुति एमडी
    तमिलनाडु: ग्राम सभाओं को अब साल में 6 बार करनी होंगी बैठकें, कार्यकर्ताओं ने की जागरूकता की मांग 
    30 Apr 2022
    प्रदेश के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 22 अप्रैल 2022 को विधानसभा में घोषणा की कि ग्रामसभाओं की बैठक गणतंत्र दिवस, श्रम दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती के अलावा, विश्व जल दिवस और स्थानीय शासन…
  • समीना खान
    लखनऊ: महंगाई और बेरोज़गारी से ईद का रंग फीका, बाज़ार में भीड़ लेकिन ख़रीदारी कम
    30 Apr 2022
    बेरोज़गारी से लोगों की आर्थिक स्थिति काफी कमज़ोर हुई है। ऐसे में ज़्यादातर लोग चाहते हैं कि ईद के मौक़े से कम से कम वे अपने बच्चों को कम कीमत का ही सही नया कपड़ा दिला सकें और खाने पीने की चीज़ ख़रीद…
  • अजय कुमार
    पाम ऑयल पर प्रतिबंध की वजह से महंगाई का बवंडर आने वाला है
    30 Apr 2022
    पाम ऑयल की क़ीमतें आसमान छू रही हैं। मार्च 2021 में ब्रांडेड पाम ऑयल की क़ीमत 14 हजार इंडोनेशियन रुपये प्रति लीटर पाम ऑयल से क़ीमतें बढ़कर मार्च 2022 में 22 हजार रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गईं।
  • रौनक छाबड़ा
    LIC के कर्मचारी 4 मई को एलआईसी-आईपीओ के ख़िलाफ़ करेंगे विरोध प्रदर्शन, बंद रखेंगे 2 घंटे काम
    30 Apr 2022
    कर्मचारियों के संगठन ने एलआईसी के मूल्य को कम करने पर भी चिंता ज़ाहिर की। उनके मुताबिक़ यह एलआईसी के पॉलिसी धारकों और देश के नागरिकों के भरोसे का गंभीर उल्लंघन है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License