NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
एल्गार मामला : कवि वरवरा राव को 6 महीने की अंतरिम ज़मानत
उच्च न्यायालय में एक फ़रवरी को वरवरा राव को चिकित्सा आधार पर ज़मानत देने की याचिका पर बहस पूरी हो गई थी और अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। राव 28 अगस्त 2018 से ही न्यायिक हिरासत में हैं और मामले की सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं।
भाषा
22 Feb 2021
एल्गार मामला

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने बीमार कवि वरवरा राव को चिकित्सा के आधार पर सोमवार को छह महीने की अंतरिम ज़मानत दे दी।

एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले के आरोपी राव (82 वर्ष) का इस समय मुंबई के नानावटी अस्पताल में इलाज चल रहा है। राव को यहां अदालत के हस्तक्षेप के बाद महाराष्ट्र सरकार ने भर्ती कराया है। एल्गार परिषद मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अधिकरण (एनआईए) कर रही है।

राव 28 अगस्त 2018 से ही न्यायिक हिरासत में हैं और मामले की सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं।

न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिटाले की पीठ ने सोमवार को आदेश दिया कि राव को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाए जोकि उनके स्वास्थ्य की स्थिति पर निर्भर करेगी। पीठ ने कहा कि अस्पताल से छुट्टी के तुरंत बाद उन्हें ज़मानत पर रिहा किया जाए।

उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर वह राव को चिकित्सा के आधार पर ज़मानत नहीं देता तो यह मानवाधिकार के सिद्धांत की रक्षा करने के उसके कर्तव्य एवं नागरिकों के जीवन एवं स्वास्थ्य के मौलिक अधिकार से विमुख होने जैसे होगा।

पीठ ने ज़मानत देने के साथ कठोर शर्तें भी रखी हैं जिनमें ज़मानत की अवधि में वरवरा राव को मुंबई की एनआईए अदालत के न्यायाधिकार क्षेत्र में ही रहने का निर्देश भी शामिल है।

अदालत ने कहा कि राव को अपना पासपोर्ट एनआईए की अदालत में जमा कराना होगा और वह मामले के सह अभियुक्तों से किसी तरह का संपर्क स्थापित करने की कोशिश नहीं करेंगे।

अदालत ने कहा कि राव को 50 हजार रुपये का व्यक्तिगत बांड जमा करने के साथ-साथ ही इतनी ही राशि के दो मुचलके देने होंगे।

उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय में एक फरवरी को वरवरा राव को चिकित्सा आधार पर ज़मानत देने की याचिका पर बहस पूरी हो गई थी और अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

यह रिट याचिका उनकी पत्नी हेमलता ने दाखिल की थी, उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया था कि उचित चिकित्सा सुविधा न देकर एवं कैद में रख वरवरा राव के मौलिक अधिकारों की अवहेलना हो रही है।

गौरतलब है कि यह मामला 31 दिसंबर 2017 में पुणे में आयोजित एल्गार परिषद के कार्यक्रम में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने से जुड़ा है। पुलिस का दावा है कि इस भाषण की वजह से अगले दिन कोरेगांव-भीमा में हिंसा फैली।

पुलिस का दावा है कि इस कार्यक्रम का आयोजन करने वाले लोगों का माओवादियों से संबंध है।

Bhima Koregaon
Bhima Koregaon Arrest
Yalgar parishad
Varavara Rao Bail
Bombay High Court

Related Stories

इतवार की कविता: भीमा कोरेगाँव

भीमा कोरेगांव: HC ने वरवर राव, वर्नोन गोंजाल्विस, अरुण फरेरा को जमानत देने से इनकार किया

‘मैं कोई मूक दर्शक नहीं हूँ’, फ़ादर स्टैन स्वामी लिखित पुस्तक का हुआ लोकार्पण

एनआईए स्टेन स्वामी की प्रतिष्ठा या लोगों के दिलों में उनकी जगह को धूमिल नहीं कर सकती

अदालत ने वरवर राव की स्थायी जमानत दिए जाने संबंधी याचिका ख़ारिज की

भीमा कोरेगांव: बॉम्बे HC ने की गौतम नवलखा पर सुनवाई, जेल अधिकारियों को फटकारा

सामाजिक कार्यकर्ताओं की देशभक्ति को लगातार दंडित किया जा रहा है: सुधा भारद्वाज

2021 में सुप्रीम कोर्ट का मिला-जुला रिकॉर्ड इसकी बहुसंख्यकवादी भूमिका को जांच के दायरे में ले आता है!

अदालत ने सुधा भारद्वाज को 50,000 रुपये के मुचलके पर जेल से रिहा करने की अनुमति दी

एल्गार परिषद मामला: सुप्रीम कोर्ट ने सुधा भारद्वाज की ज़मानत के ख़िलाफ़ एनआईए की याचिका ख़ारिज की


बाकी खबरें

  • मनोलो डी लॉस सैंटॉस
    क्यूबाई गुटनिरपेक्षता: शांति और समाजवाद की विदेश नीति
    03 Jun 2022
    क्यूबा में ‘गुट-निरपेक्षता’ का अर्थ कभी भी तटस्थता का नहीं रहा है और हमेशा से इसका आशय मानवता को विभाजित करने की कुचेष्टाओं के विरोध में खड़े होने को माना गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट
    03 Jun 2022
    जस्टिस अजय रस्तोगी और बीवी नागरत्ना की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आर्यसमाज का काम और अधिकार क्षेत्र विवाह प्रमाणपत्र जारी करना नहीं है।
  • सोनिया यादव
    भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल
    03 Jun 2022
    दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता पर जारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट भारत के संदर्भ में चिंताजनक है। इसमें देश में हाल के दिनों में त्रिपुरा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में मुस्लिमों के साथ हुई…
  • बी. सिवरामन
    भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति
    03 Jun 2022
    गेहूं और चीनी के निर्यात पर रोक ने अटकलों को जन्म दिया है कि चावल के निर्यात पर भी अंकुश लगाया जा सकता है।
  • अनीस ज़रगर
    कश्मीर: एक और लक्षित हत्या से बढ़ा पलायन, बदतर हुई स्थिति
    03 Jun 2022
    मई के बाद से कश्मीरी पंडितों को राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास के लिए  प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत घाटी में काम करने वाले कम से कम 165 कर्मचारी अपने परिवारों के साथ जा चुके हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License