NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
SC ST OBC
आंदोलन
उत्पीड़न
कानून
भारत
राजनीति
तलोजा जेल अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं की कमी: वरवर राव के वकील ने अदालत से कहा
वरवर राव के वकील ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय से उन्हें चिकित्सा आधार पर जमानत देने का अनुरोध करते हुए कहा कि नवी मुंबई स्थित तलोजा जेल अस्पताल में उनके इलाज के लिहाज से बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
20 Jan 2021
Varvara Rao
चित्र साभार: आउट्लुक इंडिया

एल्गार परिषद-माओवादी से कथित संपर्क मामले में आरोपी कवि-कार्यकर्ता वरवर राव के वकील ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय से उन्हें चिकित्सा आधार पर जमानत देने का अनुरोध करते हुए कहा कि नवी मुंबई स्थित तलोजा जेल अस्पताल में उनके इलाज के लिहाज से बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं।

इससे पहले भी कई बार इस तरह के आरोप लगते रहे हैं कि जेल प्रबंधन उचित स्वास्थ्य सेवाएं नहीं दे रहा है

वरिष्ठ वकील आनंद ग्रोवर ने न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिताले की पीठ को बताया कि तलोजा जेल में राव की उचित चिकित्सीय देखभाल के लिए जरूरी सुविधाएं नहीं हैं जहां वह विचाराधीन कैदी के रूप में बंद हैं।

राव (81) इस समय मुंबई के नानावती अस्पताल में भर्ती हैं।

ग्रोवर ने अदालत से कहा कि अस्पताल से प्राप्त राव की ताजा मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि उनका रक्तचाप और धड़कन स्थिर हैं और वह छुट्टी देने के लिहाज से ठीक हैं।

ग्रोवर ने कहा, ‘‘हालांकि छुट्टी देने और तलोजा जेल भेजे जाने के बाद राव को सतत निगरानी और चिकित्सा देखभाल की जरूरत होगी, जिसके लिए तलोजा जेल अस्पताल में सुविधाएं अपर्याप्त होंगी।’’

उन्होंने कहा कि राव को किडनी संबंधी समस्या है और अन्य कई बीमारियां हैं जिसके लिए उन्हें तलोजा जेल अस्पताल में भर्ती किए जाते समय एक दिन में करीब 20 अलग-अलग दवाइयां दी जा रही थीं।

उन्होंने कहा कि ये दवाएं हृदय रोगों, रक्तचाप और स्मृतिक्षय जैसे लक्षणों वाली बीमारी जैसे गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों के लिए हैं।

ग्रोवर ने अदालत से अनुरोध किया कि राव को उनके परिवार के साथ रहने दिया जाए ताकि वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाएं और मामले में मुकदमे का सामना करने में समर्थ हों।

उन्होंने कहा कि राव को जब पिछले साल मुंबई में सरकारी जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था तो उनकी ‘उचित’ देखभाल नहीं की गयी और इसलिए उन्हें नानावती अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।

हालांकि पीठ ने टोकते हुए कहा कि सरकारी जेजे अस्पताल और सेंट जॉर्ज अस्पताल सबसे अच्छे अस्पतालों में गिने जाते हैं जिनमें सक्षम चिकित्सक हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘हालांकि कोविड-19 महामारी के बीच रोगियों की अधिक तादाद की वजह से अस्पताल में काम का बोझ अधिक हो गया होगा।’’

अदालत ने कहा, ‘‘इस अदालत के एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश समेत अनेक नागरिकों ने निजी अस्पतालों के बजाय जेजे अस्पताल और सेंट जॉर्ज अस्पताल जैसे सरकारी और निगम संचालित अस्पतालों को तरजीह दी।’’

ग्रोवर ने कहा कि राव 24 मामलों में आरोपी थे और उन्हें सभी में बरी कर दिया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘वह (मौजूदा मामले में) कल ही मुकदमे का सामना करने को तैयार हैं। लेकिन ऐसा ठीक नहीं होगा। उन्हें तंत्रिका तंत्र संबंधी समस्या है। अगर उन्हें परिवार के साथ जाने की अनुमति दी जाती है तो वह मुकदमे का सामना करने को तैयार होंगे।’’

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के वकील अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल अनिल सिंह ने पीठ से कहा कि राव इतने स्वस्थ हो गये हैं कि उन्हें निजी अस्पताल से छुट्टी दी जा सके और तलोजा जेल भेजा जा सके।

एएसजी ने यह भी कहा कि राव की प्रारंभिक मेडिकल रिपोर्टों में इस बात का उल्लेख नहीं है कि उन्हें डिमेंशिया की समस्या है।

आपको बता दें कि महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में माओवादियों से कथित संबंधों को लेकर पुणे पुलिस ने पिछले महीने 28 अगस्त को कवि और वामपंथी विचारक वरवर राव, अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज, सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा, अरुण फरेरा और वेर्नोन गोंसाल्विस को गिरफ्तार किया था।

इस तरह के मामलों में देश के कई बुद्धजीवियों, पत्रकारों, लेखकों सहित समाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी हुई है।  हालांकि, किसी भी मामले में पुलिस कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई है। इसमें आनन्द तेलतुम्बड़े के अतिरिक्त, सुधा भारद्वाज, सोमा सेन, अरुण फरेरा, वेरनॉन गोंजाल्विस, फादर स्टेन स्वामी, सुधीर धावले वरवरा राव, रोना विल्सन, गौतम नवलखा, जैसे बुद्धिजीवी भी शामिल हैं। यह सभी, आम लोगों के सम्मानपूर्वक जीने के हक के पक्ष में, कोर्ट से लेकर सड़क तक संघर्षशील रहे हैं। ये लोग स्वास्थ्य-शिक्षा मुफ्त मिले, इसके लिए निजीकरण का विरोध करते रहे हैं और उन आदिवासियों के साथ खड़े हुए जिनकी जीविका के संसाधन को छीन कर पूंजीपतियों के हवाले किया जाता रहा है। इसलिए ये लोग शासक वर्ग के आंखों के किरकिरी बने हुए थे।

सुधा भरद्वाज, सोमा सेन, अरुण फरेरा, वेरनॉन गोंजाल्विस, फादर स्टेन स्वामी, सुधीर धावले, वरवरा राव, रोना विल्सन भीमा कोरेंगांव केस में जून और सितम्बर, 2018 से ही महाराष्ट्र के जेलों में बंद हैं। जबकि उस केस के असली गुनाहगार संभाजी भिंडे और मिलिन्द एकबोटे बाहर हैं।

महाराष्ट्र में सरकार बदलने के बाद केन्द्र सरकार ने इस केस को एनआईए के हाथों में सुपुर्द कर दिया था। 18 माह बाद लम्बी कानूनी प्रक्रिया झेलने के बाद 14 अप्रैल 2020, को गौतम नवलखा और आनन्द तेलतुम्बड़े को एनआईए के समक्ष आत्मसमर्पण करना पड़ा। तब से ही ये दोनों भी जेल में है। 

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License