NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
वरवर राव सात जनवरी तक मुंबई के निजी अस्पताल में रहेंगे: हाईकोर्ट
मुंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को नानावती अस्तपाल में उनके रूकने की अवधि सात जनवरी तक बढ़ा दी। इसी के साथ पीठ ने उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई स्थगित कर दी।
भाषा
21 Dec 2020
वरवर राव

मुंबई: मुंबई उच्च न्यायालय द्वारा सोमवार को अवधि बढ़ाए जाने को मंजूरी दिए जाने के बाद अब कवि व सामाजिक कार्यकर्ता वरवर राव नानावती अस्पताल में अगले साल सात जनवरी तक उपचार करा सकेंगे।

राव (81) को एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में जून, 2018 में गिरफ्तार किया गया था और उच्च न्यायालय के दखल पर उनका पिछले महीने से यहां इस निजी अस्पताल में कई रोगों का उपचार चल रहा है।

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ ने सोमवार को नानावती अस्तपाल में उनके रूकने की अवधि सात जनवरी तक बढ़ा दी। इसी के साथ पीठ ने उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई स्थगित कर दी।

पीठ ने महाराष्ट्र सरकार को सुनवाई की अगली तारीख को राव के स्वास्थ्य की स्थिति के विस्तृत ब्योरे के साथ नयी मेडिकल रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

राव के वकील आनंद ग्रोवर ने अदालत से यह भी कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता का स्वास्थ्य सुधर रहा है।

ग्रोवर ने अदालत ने कहा कि राव अब भी चिकित्सकों की निगरानी में हैं क्योंकि उनका रक्तचाप अब भी ऊपर-नीचे हो रहा है और ज्यादातर समय उनके अंदर बेचैनी रहती है।

राव की बेटी द्वारा दी गई जानकारी पर ग्रोवर ने अदालत ने यह भी कहा कि राव का परिवार नानावती अस्पताल में किये जा रहे उपचार से संतुष्ट है।

महाराष्ट्र सरकार और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अदालत से राव को नानावती अस्पताल से नवी मुंबई की तलोजा जेल या यहां सरकारी जे जे अस्पताल स्थानांतरित करने का अनुरोध किया लेकिन पीठ ने कहा कि वह उनकी मेडिकल रिपोर्ट देखे बगैर ऐसा नहीं कर सकती।

अदालत ने कहा, ‘‘ हमें उन्हें नानावती अस्पताल से छुट्टी और उन्हें तलोजा जेल भेजना मुश्किल लगता हैं। हम आज उन्हें स्थानांतरित नहीं कर सकते। अगली सुनवाई में हम शायद ऐसा कर पाएं।’’

पीठ ने कहा, ‘‘ हमने उनकी नयी रिपोर्ट नहीं देखी है। हम पिछली रिपोर्ट पर भरोसा नहीं कर सकते।’’

राव जून, 2018 में गिरफ्तार किये जाने के बाद से कभी जे जे अस्पताल तो कभी तलोजा जेल में रहे हैं। इस साल 16 जुलाई को वह कोविड-19 से संक्रमित पाये गये थे जिसके बाद उन्हें नानावती अस्पताल ले जाया गया था। उन्हें 30 जुलाई को अंतिम जांच के बाद नानावती अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी और तलोजा जेल वापस भेज दिया गया था।

पिछले महीने न्यायमूर्ति शिंदे और न्यायमूर्ति कार्णिक की पीठ के दखल के बाद उन्हें फिर नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

राव और कुछ अन्य वामपंथी सामाजिक कार्यकर्ताओं को 31 दिसंबर, 2017 को महाराष्ट्र के पुणे में एल्गार परिषद के सम्मेलन के बाद कथित माओवादी संबंध को लेकर गिरफ्तार किया गया था।

Varvara Rao
mumbai high court
National Investigation Agency
NIA

Related Stories

दो साल से कैद आनंद तेलतुंबड़े के जीवन के सबसे मार्मिक पल

अदालत ने वरवर राव की स्थायी जमानत दिए जाने संबंधी याचिका ख़ारिज की

एल्गार परिषद मामला : कोर्ट ने कहा वरवरा राव को 18 नवंबर तक सरेंडर करने की ज़रूरत नहीं

धर्म, क़ानून और स्वामीः क्रूर होते समाज में न्याय और करुणा के स्वर

बॉब डिलन से प्रेरित : "हू किल्ड स्टेन स्वामी?"

दुख की बात है कि हमारे समाज में फादर स्टेन स्वामी जैसे लोग हीरो नहीं बनते!

सुधा भारद्वाज राजनीतिक बंदी हैं कोई क्रिमिनल नहीं, कोरोना महामारी को देखते हुए उन्हें जल्द रिहा किया जाए

एल्गार मामला: अदालत ने रोना विल्सन, शोमा सेन की याचिकाओं पर महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा

एल्गार मामला: अदालत का स्वामी की मेडिकल जमानत अर्जी पर एनआईए को नोटिस

गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने अखिल गोगोई को मिली जमानत को बरकरार रखा


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License