NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
संयुक्त राष्ट्र की सेना के हटते ही सूडान के डारफुर में हिंसा शुरू
शांति समझौता जो कि सरकार और सशस्त्र विद्रोही समूहों के बीच एक शक्ति-साझा समझौते के प्रभाव में है इसने हिंसा के मूल कारणों का कोई समाधान नहीं किया है।
पीपल्स डिस्पैच
08 Mar 2021
संयुक्त राष्ट्र की सेना के हटते ही सूडान के डारफुर में हिंसा शुरू

पिछले हफ़्ते सूडान के डाराफुर क्षेत्र के विभिन्न प्रांतों से हिंसा की कई खबरें सामने आईं। इसमें दर्जनों लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोग विस्थापित हो गए। इस हिंसा ने एक बार फिर यूनाइडेट नेशन्स- अफ्रीकन यूनियन मिशन इन डारफुर (यूएनएएमआईडी) के जनादेश को समय से पहले समाप्त होने को लेकर चेतावनी दी है।

सूडानी सेना, पुलिस, अर्धसैनिक बल और सशस्त्र विद्रोही समूहों से गठित संयुक्त बल ने अक्टूबर 2020 में ट्रांजिशनल सरकार के साथ शांति समझौता किया था। इन संयुक्त बलों ने यूएनएएमआईडी से नागरिकों की सुरक्षा का कार्य लिया है। इसने नागरिकों की रक्षा करने में सशस्त्र मिलिशिया से लड़ने की अक्सर अनिच्छा या असमर्थता दिखाई है।

मार्च महीने के पहले सप्ताह में हिंसा के ताजा मामले में कुल 22 लोग मारे गए और 58 लोग घायल हुए। जनजातियों के बीच इसी तरह की हिंसक झड़पें पिछले साल जुलाई, अक्टूबर और दिसंबर में और फिर जनवरी 2021 के मध्य में भी गिरीडा में देखी गई थीं। इनके बीच जमीन और जल को लेकर लड़ाई का जिक्र इतिहास में भी है।

इस शांति समझौते के बाद संयुक्त बलों की तैनाती के बावजूद सशस्त्र विद्रोहियों ने 1 मार्च और 3 मार्च को डारफुर क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में हमले किए। डारफुर की राजधानी के पश्चिम एल जेनिना जहां जनवरी के मध्य में नरसंहार में कम से कम 163 लोग मारे गए थे और 100,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए थे वहीं एक अलग घटना में इस नरसंहार के बाद कम्प्लेक्स के भीतर बम विस्फोट के जरिए जेल तोड़ने के कथित प्रयास में बुधवार को संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया गया।

इस नरसंहार के ज्यादातर अपराधी जेल के बाहर हैं क्योंकि वे रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के सदस्य हैं जिनकी छूट को सरकारी अभियोजक ने हटाने से इनकार कर दिया है।

आरएसएफ एक कुख्यात अर्धसैनिक बल है जो जंजावीद मिलिशिया से एक साथ रखा जाता है जिसमें खानाबदोश अरब जनजातियों के सदस्य शामिल हैं जो कि पूर्ववर्ती उमर अल-बशर के पिछले शासन द्वारा डारफुर सहित संघर्ष प्रभावित प्रांतों में नरसंहार करने के लिए सशस्त्र और संगठित थे।

इस शांति समझौते पर हस्ताक्षर के साथ ये युद्ध आधिकारिक रूप से समाप्त हो गया है। हालांकि 31 दिसंबर को यूएनएएमआईडी के जनादेश के समाप्त होने के पीछे की ये धारणा कि ये शांति समझौता हिंसा को समाप्त करेगा लेकिन इसने गलत व्याख्या साबित किया है। इस क्षेत्र में जारी हिंसा बशीर के बाद की ट्रांजिशनल सरकार की वैधता पर भी सवाल उठाती है जो 2019 में लोगों के प्रदर्शन के बाद सत्ता में आई थी।

United nations
UN
Sudan
UNAMID
RSF

Related Stories

यूक्रेन युद्ध से पैदा हुई खाद्य असुरक्षा से बढ़ रही वार्ता की ज़रूरत

जलवायु परिवर्तन : हम मुनाफ़े के लिए ज़िंदगी कुर्बान कर रहे हैं

पश्चिम दारफ़ुर में नरसंहार: सूडान की मिलिटरी जुंटा का खनिज समृद्ध भूमि को जनहीन करने का अभियान

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रूस को शीर्ष मानवाधिकार संस्था से निलंबित किया

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

क्या यूक्रेन मामले में CSTO की एंट्री कराएगा रूस? क्या हैं संभावनाएँ?

पुतिन को ‘दुष्ट' ठहराने के पश्चिमी दुराग्रह से किसी का भला नहीं होगा

बाइडेन ने फैलाए यूक्रेन की सीमा की ओर अपने पंख

यमन के लिए यूएन का सहायता सम्मेलन अकाल और मौतों की चेतावनियों के बीच अपर्याप्त साबित हुआ

यूक्रेन-रूस अपडेट: चीन ने की यूक्रेन को मदद की पेशकश, रूस पर प्रतिबंधों को भी बताया गलत


बाकी खबरें

  • left
    अनिल अंशुमन
    झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान
    01 Jun 2022
    बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ वामपंथी दलों ने दोनों राज्यों में अपना विरोध सप्ताह अभियान शुरू कर दिया है।
  • Changes
    रवि शंकर दुबे
    ध्यान देने वाली बात: 1 जून से आपकी जेब पर अतिरिक्त ख़र्च
    01 Jun 2022
    वाहनों के बीमा समेत कई चीज़ों में बदलाव से एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है। इसके अलावा ग़रीबों के राशन समेत कई चीज़ों में बड़ा बदलाव किया गया है।
  • Denmark
    पीपल्स डिस्पैच
    डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान
    01 Jun 2022
    वर्तमान में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में, यूरोपीय संघ के समर्थक वर्गों के द्वारा डेनमार्क का सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने की नीति को समाप्त करने और देश को ईयू की रक्षा संरचनाओं और सैन्य…
  • सत्यम् तिवारी
    अलीगढ़ : कॉलेज में नमाज़ पढ़ने वाले शिक्षक को 1 महीने की छुट्टी पर भेजा, प्रिंसिपल ने कहा, "ऐसी गतिविधि बर्दाश्त नहीं"
    01 Jun 2022
    अलीगढ़ के श्री वार्ष्णेय कॉलेज के एस आर ख़ालिद का कॉलेज के पार्क में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद एबीवीपी ने उन पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की थी। कॉलेज की जांच कमेटी गुरुवार तक अपनी…
  • भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    मुंह का कैंसर दुनिया भर में सबसे आम ग़ैर-संचारी रोगों में से एक है। भारत में पुरूषों में सबसे ज़्यादा सामान्य कैंसर मुंह का कैंसर है जो मुख्य रूप से धुआं रहित तंबाकू के इस्तेमाल से होता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License