NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
शिक्षा
भारत
राजनीति
विश्वभारती विश्वविद्यालय के छात्रों ने साथियों के निष्कासन का किया विरोध, वीसी पर कैंपस के 'भगवाकरण' का आरोप
वीबीयू अधिकारियों ने वामपंथी झुकाव वाले तीन मास्टर्स डिग्री छात्रों को बर्ख़ास्त करने का फ़ैसला किया है, जिससे परिसर में एक और विरोध शुरू हो गया है।
संदीप चक्रवर्ती
01 Sep 2021
Visva-Bharati University

पश्चिम बंगाल के विश्व भारती विश्वविद्यालय (VBU) में अधिकारियों के ख़िलाफ़ छात्रों का विरोध बढ़ता ही जा रहा है और विश्वविद्यालय की ओर से तीन छात्रों को बर्ख़ास्त किये जाने के फ़ैसले के कुछ ही दिनों बाद यह विरोध अपने चरम पर पहुंच गया है।

वीबीयू के अधिकारियों ने कथित अनुशासनहीनता और कदाचार के सिलसिले में तीन सालों के लिए उन तीन मास्टर डिग्री छात्रों को बर्ख़ास्त करने का फ़ैसला किया है, जो छात्र संगठन वीबी स्टूडेंट यूनिटी (वीबीएसयू) का हिस्सा हैं। इसके अलावा, उन दो प्रोफ़ेसरों को भी निलंबित कर दिया गया है, जिन्होंने फ़रवरी में कथित तौर पर दफ़्तर में ही अपने हिरासत में रखे जाने को लेकर अधिकारियों के ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत दर्ज करायी थी।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि छात्र जहां तीन छात्रों के निष्कासन के ख़िलाफ़ पिछले सप्ताह से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं सोमवार को कुलपति ने छात्रों के इस धरना को तुड़वाने के लिए कथित तौर पर तक़रीबन सौ लोगों को परिसर में बुलाया था। तीन निष्कासित छात्रों में से एक छात्र सोमनाथ साऊ ने कहा, “छात्रों पर दबाव बनाने को लेकर वीसी ने रिज़ल्ट के प्रकाशन और विश्वविद्यालय में दाखिले पर रोक लगा दी है, हालांकि वीसी के घर के सामने हमारा धरना विश्वविद्यालय के नियमित काम-काज को बाधित नहीं कर रहा है।”

बारिश के बीच सोमवार की रात कुलपति के क्वार्टर के बाहर एक प्रदर्शनकारी छात्र साऊ, नारे लगाने से जिनकी आवाज़ में ख़राश आ गयी थी, उन्होंने न्यूज़क्लिक को बताया कि यह साल विश्वविद्यालय में एक कष्टदायी वर्ष रहा है। साऊ ने आरोप लगाया कि जब से वीबीयू वीसी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के इशारे पर काम करना शुरू किया है, तब से पिछले एक साल में विश्व भारती में कई समस्यायें सामने आई हैं। कई दूसरे छात्र और प्रोफ़ेसरों ने पहले भी विश्वविद्यालय प्रमुख के ख़िलाफ़ इसी तरह के "भगवाकरण" के आरोप लगाये हैं। साऊ ने वीसी पर पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन के उस मशहूर एबीयू की व्यवस्था के प्रति बहुत ही कम सम्मान दिखाने का आरोप लगाया, जिसे नोबेल पुरस्कार विजेता कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने शुरू किया था।

मौजूदा वीसी विद्युत चक्रवर्ती के कार्यकाल में छात्रों, प्रोफ़ेसरों और यहां तक कि राज्य सरकार के बीच भारी असहमति रही है। इससे पहले चक्रवर्ती भारतीय जनता पार्टी के नेता स्वपन दासगुप्ता के साथ विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में एक सेमिनार आयोजित करने को लेकर विवादों में पहले भी आ चुके हैं।

विश्वविद्यालय से वीसी द्वारा निकाले गये तीन छात्रों में से एक छात्र साऊ ने कहा कि वीसी की यह कार्रवाई छात्रों के प्रतिशोध में थी, जो विश्वविद्यालय परिसर में आम लोगों के लिए एक लिंक रोड खोलने के राज्य सरकार के फ़ैसले का समर्थन कर रहे थे। पहले इस लिंक रोड का इस्तेमाल सभी छात्र और विश्वविद्यालय के कर्मचारी समान रूप से करते थे और यह सड़क राज्य सरकार के स्वामित्व में थी।

पिछले दिसंबर में वीसी ने ख़ुद के लिए इस लिंक रोड के इस्तेमाल करने का फ़ैसला किया, जिस पर छात्र संगठन को आपत्ति हुई और बाद में राज्य सरकार ने इस लिंक रोड को अपने अधिकार में फिर से वापस ले लिया।  राज्य सरकार के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ 9 जनवरी 2021 को वीसी धरने पर बैठ गये। वीसी के विरोध में छात्रों ने भी धरना दिया और उसी दिन इन तीनों छात्र नेताओं के नाम पर ऊपर ज़िक़्र किये गये आरोप लगा दिये गये। सोमनाथ साऊ (पीजी इकोनॉमिक्स, दूसरा साल), फाल्गुनी पान (पीजी इकोनॉमिक्स, दूसरा साल), और रूपा चक्रवर्ती (शास्त्रीय संगीत, पीजी दूसरा साल) को इस मामले में आरोपित किया गया। एक जांच समिति का गठन किया गया, जो दो बार समय पर रिपोर्ट दे पाने में नाकाम रही। आख़िरकार आठ महीने बाद उस समिति ने तीन छात्रों को तीन साल के लिए निष्कासित करने का फ़ैसला कर लिया, जिसे लेकर विरोध कर रहे छात्रों का कहना है कि यह फ़ैसला वीसी के दबाव में किया गया था।

साऊ ने कहा, " जिस समय जांच समिति जांच कर ही रही थी,उस दरम्यान इंसाफ़ की तमाम शब्दावलियों को धता बताते हुए वीसी ने निलंबित छात्र नेताओं को माओवादी तक कहा था।" तीनों छात्रों को इस साल जनवरी से निलंबित किया हुआ है।

साऊ जून में वायरल हुए उस ऑडियो क्लिप का हवाला दे रहे थे,जिस क्लिप में चक्रवर्ती जैसी आवाज़ सुनायी दे रही थी, जिसमें छात्रों को "माओवादी" बताया जा रहा है। न्यूज़क्लिक ने इस ऑडियो क्लिप की सत्यता की पुष्टि नहीं की है।

वाम धारा से जुड़े स्टूडेंट फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया (SFI) के राज्य सचिव सृजन भट्टाचार्य ने यूनिवर्सिटी में गतिरोध की स्थिति के पीछे की वजह पर टिप्पणी करते हुए न्यूज़क्लिक से बात की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों पर केंद्रित हमले किये जा रहे हैं और वीबीयू इसका कोई अपवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि छात्र समुदाय ने इसका विरोध किया, एसएफ़आई के दो नेताओं और एक वामपंथी स्वतंत्र छात्र को बर्ख़ास्त कर दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया, "विश्व भारती के मूल्यों पर हमले हो रहे हैं।"

वीसी द्वारा कथित तौर पर छात्रों के विरोध को रोकने के लिए बाहरी लोगों को लाने और रिज़ल्ट और ऐडमिशन के रोके जाने से अपने भविष्य को ख़तरे में डाले जाने की ख़बर ने पश्चिम बंगाल के अन्य छात्रों, ख़ास तौर पर प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय, जादवपुर विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय के छात्रों में असंतोष पैदा कर दिया है। वीबीयू के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाते हुए उन्होंने अपने-अपने परिसरों में विरोध मार्च का आयोजन किया है।

कल्याणी में भी विरोध सभाओं का आयोजन किया गया। साऊ ने कहा,  'हम आख़िरी सांस तक लड़ेंगे और हमने इस स्थिति पर क़ानूनी राय भी ली है। अब देखते हैं कि क्या इस अन्याय को हाई कोर्ट से मंज़ूरी मिलती है या नहीं, हमें विश्वास है कि ऐसा नहीं होगा।

शांतिनिकेतन के मशहूर आश्रमियों ने भी इस विश्वविद्यालय शहर के विभिन्न नागरिक मंचों के साथ मिलकर कुलपति के विरोध में आवाज़ उठा दी है।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

https://www.newsclick.in/Visva-Bharati-University-Students-Protest-against-Rustication-Peers-Accuse-VC-Saffronising-Campus

VISVA BHARATI UNIVERSITY
SFI
saffronisation of education

Related Stories

‘जेएनयू छात्रों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, पुलिस फ़ौरन कार्रवाई करे’ बोले DU, AUD के छात्र

जेएनयू हिंसा: प्रदर्शनकारियों ने कहा- कोई भी हमें यह नहीं बता सकता कि हमें क्या खाना चाहिए

दिल्ली में गूंजा छात्रों का नारा— हिजाब हो या न हो, शिक्षा हमारा अधिकार है!

SFI ने किया चक्का जाम, अब होगी "सड़क पर कक्षा": एसएफआई

कोलकाता: बाबरी मस्जिद विध्वंस की 29वीं बरसी पर वाम का प्रदर्शन

पश्चिम बंगाल: वामपंथी पार्टियों ने मनाया नवंबर क्रांति दिवस

दिल्ली: महंगाई के ख़िलाफ़ मज़दूरों, महिलाओं, छात्र-नौजवानों व कलाकारों ने एक साथ खोला मोर्चा

दिल्ली: बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ मज़दूर, महिला, छात्र, नौजवान, शिक्षक, रंगकर्मी एंव प्रोफेशनल ने निकाली साईकिल रैली

त्रिपुरा हिंसा: फ़ैक्ट फाइंडिंग टीम के वकीलों पर भी UAPA, छात्रों, वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं का त्रिपुरा भवन पर प्रदर्शन

उत्तराखंड: NIOS से डीएलएड करने वाले छात्रों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए अनुमति नहीं


बाकी खबरें

  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव
    30 May 2022
    जापान हाल में रूस के ख़िलाफ़ प्रतिबंध लगाने वाले अग्रणी देशों में शामिल था। इस तरह जापान अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहा है।
  • उपेंद्र स्वामी
    दुनिया भर की: कोलंबिया में पहली बार वामपंथी राष्ट्रपति बनने की संभावना
    30 May 2022
    पूर्व में बाग़ी रहे नेता गुस्तावो पेट्रो पहले दौर में अच्छी बढ़त के साथ सबसे आगे रहे हैं। अब सबसे ज़्यादा वोट पाने वाले शीर्ष दो उम्मीदवारों में 19 जून को निर्णायक भिड़ंत होगी।
  • विजय विनीत
    ज्ञानवापी केसः वाराणसी ज़िला अदालत में शोर-शराबे के बीच हुई बहस, सुनवाई 4 जुलाई तक टली
    30 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद के वरिष्ठ अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने कोर्ट में यह भी दलील पेश की है कि हमारे फव्वारे को ये लोग शिवलिंग क्यों कह रहे हैं। अगर वह असली शिवलिंग है तो फिर बताएं कि 250 सालों से जिस जगह पूजा…
  • सोनिया यादव
    आर्यन खान मामले में मीडिया ट्रायल का ज़िम्मेदार कौन?
    30 May 2022
    बहुत सारे लोगों का मानना था कि राजनीति और सांप्रदायिक पूर्वाग्रह के चलते आर्यन को निशाना बनाया गया, ताकि असल मुद्दों से लोगों का ध्यान हटा रहे।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिमाचल : मनरेगा के श्रमिकों को छह महीने से नहीं मिला वेतन
    30 May 2022
    हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले में मनरेगा मज़दूरों को पिछले छह महीने से वेतन नहीं मिल पाया है। पूरे  ज़िले में यही स्थिति है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License