NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
सैन्य तख़्तापलट के विरोध में म्यांमा में तेज हुए विरोध के स्वर
यंगून में प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए, तीन उंगलियों से सलामी दी और “सैन्य तख़्तापलट का बहिष्कार” तथा “म्यांमा के लिए न्याय” लिखी हुई तख्तियां दिखाते हुए विरोध व्यक्त किया।
एपी
08 Feb 2021
सैन्य तख़्तापलट के विरोध में म्यांमा में तेज हुए विरोध के स्वर

यंगून: म्यांमा या म्यांमार में एक सप्ताह पहले हुए सैन्य तख़्तापलट के विरोध में सोमवार को प्रदर्शन तेज हो गए।

यंगून में प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए, तीन उंगलियों से सलामी दी और “सैन्य तख़्तापलट का बहिष्कार” तथा “म्यांमा के लिए न्याय” लिखी हुई तख्तियां दिखाते हुए विरोध व्यक्त किया।

प्रदर्शन कुछ सौ लोगों से शुरू हुआ और इसके बाद इसमें हजारों लोग जुड़ गए।

हुजूम के पास से गुजरने वाले वाहनों ने हॉर्न बजाकर विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया।

कुछ लोग समूह बनाकर मुख्य प्रदर्शनकारियों से अलग हो गए और उन्होंने सुले पैगोडा का रुख किया जो कि पूर्ववर्ती जुंटा शासकों के विरोध में रैली करने का एक प्रमुख स्थल रहा है।

रविवार को भी हजारों लोगों ने आंग सान सू ची और अन्य नेताओं को रिहा करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था।

विरोध के तेज होते स्वर, देश में लोकतंत्र के लिए हुए लंबे और रक्तरंजित संघर्ष की याद दिला रहे हैं।

म्यांमा की सत्ता पर 2012 में सैन्य शासन की पकड़ ढीली होने के पहले सेना ने सीधे तौर पर पांच दशक से अधिक समय तक शासन किया था।

रविवार को सामने आए कई वीडियो में, भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस को हवा में गोली चलाते देखा गया।

बताया जा रहा है कि यह घटना मयावडी नगर की है। अफरातफरी या किसी के घायल होने का कोई समाचार नहीं मिला।

Myanmar
Myanmar Protest

Related Stories

भारत के कर्तव्यों का उल्लंघन है रोहिंग्या शरणार्थियों की हिरासत और उनका निर्वासन

कैसे सैन्य शासन के विरोध ने म्यांमार को 2021 के तख़्तापलट के बाद से बदल दिया है

तख़्तापल्ट का एक वर्ष: म्यांमार का लोकतंत्र समर्थक प्रतिरोध आशाजनक, लेकिन अंतरराष्ट्रीय एकजुटता डगमग

म्यांमार के प्रति भारतीय विदेश नीति अब भी अस्पष्ट बनी हुई है

म्यांमार में 4,800 खदान कर्मचारियों की हड़ताल के छह महीने पूरे

म्यांमार की पुरानी रिपोर्ट कोलकाता में रोहिंग्या मुसलमानों द्वारा हिंदुओं की हत्या के नाम पर शेयर की

म्यांमार के नयपीडाव में सैन्य छापेमारी में 31 लोग मारे गए

रोहिंग्या कैंप: आग लगने के बाद अब क्या हैं हालात

दिल्ली के इकलौते रोहिंग्या कैंप में बार-बार आग लगने से उठते सवाल

सुप्रीम कोर्ट का रोहिंग्या मुसलमानों को वापस भेजने का फ़ैसला कितना मानवीय?


बाकी खबरें

  • अजय कुमार
    महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    विश्व आर्थिक मंच पर पेश की गई ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के दौर में फूड फ़ार्मा ऑयल और टेक्नोलॉजी कंपनियों ने जमकर कमाई की।
  • परमजीत सिंह जज
    ‘आप’ के मंत्री को बर्ख़ास्त करने से पंजाब में मचा हड़कंप
    26 May 2022
    पंजाब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती पंजाब की गिरती अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करना है, और भ्रष्टाचार की बड़ी मछलियों को पकड़ना अभी बाक़ी है, लेकिन पार्टी के ताज़ा क़दम ने सनसनी मचा दी है।
  • virus
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या मंकी पॉक्स का इलाज संभव है?
    25 May 2022
    अफ्रीका के बाद यूरोपीय देशों में इन दिनों मंकी पॉक्स का फैलना जारी है, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में मामले मिलने के बाद कई देशों की सरकार अलर्ट हो गई है। वहीं भारत की सरकार ने भी सख्ती बरतनी शुरु कर दी है…
  • भाषा
    आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रक़ैद
    25 May 2022
    विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग अवधि की सजा सुनाईं। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    "हसदेव अरण्य स्थानीय मुद्दा नहीं, बल्कि आदिवासियों के अस्तित्व का सवाल"
    25 May 2022
    हसदेव अरण्य के आदिवासी अपने जंगल, जीवन, आजीविका और पहचान को बचाने के लिए एक दशक से कर रहे हैं सघंर्ष, दिल्ली में हुई प्रेस वार्ता।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License