NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
संसद के चुनाव के लिए इजरायल में एक साल में तीसरी बार मतदान
पिछले साल अप्रैल और सितंबर में हुए दो पिछले चुनावों में कोई भी गठबंधन या पार्टी बहुमत के लिए समर्थन हासिल नहीं कर पाई थी।
पीपल्स डिस्पैच
02 Mar 2020
Israel

इज़रायल के लोग आज संसद सदस्यों का चुनाव करने के लिए मतदान कर रहे हैं। एक साल से कम समय में केसेट (इजरायल की संसद) के सदस्यों का चुनाव करने वाला यह तीसरा चुनाव है। प्रकाशित जनमत सर्वेक्षणों के अनुसार, किसी भी पार्टी या गठबंधन को फिर से बहुमत मिलने की उम्मीद नहीं है।

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के नेतृत्व वाली गठबंधन ओपिनियन पोल में आगे है। शास और यूनाइटेड टोरा ज्यूडिज्म सहित अन्य पार्टियों वाले अति दक्षिण पंथी गठबंधन को 120 सीटों वाले कीसेट में बहुमत से कम 56 से 58 सीटें मिलने की उम्मीद है। बहुमत का आंकड़ा 61 सीटों का है। सितंबर में हुए पिछले चुनाव में इसे 56 सीटें मिली थीं।

बेनी गैंट्ज़ की ब्लू एंड व्हाइट के नेतृत्व में मुख्य विपक्षी को वामपंथी लेबर और मेरेट्ज़ सहित कई पार्टियों से समर्थन मिलने की उम्मीद है। हालांकि, उन्हें सभी को मिलाकर केवल 56-57 सीटें मिलने की उम्मीद है।

एक अकेली पार्टी के तौर पर लिकुड को ब्लू एंड व्हाइट से मामूली अंतर से आगे निकलने की उम्मीद है। ब्लू एंड व्हाइट को पिछले चुनावों में लिकुड से ज्यादा सीटें मिली थीं।

अरब ज्वाइंट लिस्ट को 14-15 सीटों के साथ केसेट में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने की उम्मीद है। इन सर्वेक्षणों के अनुसार आज के चुनावों में बड़ी संख्या में पारंपरिक वाम मतदाताओं को अरब ज्वाइंट लिस्ट के पक्ष में वोट करने की उम्मीद है। इसका कारण इजरायल की राजनीति में पारंपरिक वाम दलों का दक्षिण पंथी दलों के साथ मिल जाना है।

सभी संभावनाओं में एविगडर लिबरमैन के नेतृत्व में यिजरायल बेतेनू 6-7 सीटों के साथ फिर से सरकार बनाने के लिए किंग मेकर के तौर पर बनकर उभरेगी। पिछले दो चुनावों में इसने अलग-अलग कारणों से किसी भी गठबंधन का समर्थन करने से इनकार कर दिया है। यह नेतन्याहू के नेतृत्व और उनके गठबंधन में धार्मिक दलों को शामिल करने के विरोध में है। हालांकि, वह एक गठबंधन का समर्थन करने के भी विरोधी है जो अरब ज्वाइंट लिस्ट द्वारा समर्थित है।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Israel
Israel election
Parliament of Israel
Knesset
Benjamin Netanyahu

Related Stories

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है

141 दिनों की भूख हड़ताल के बाद हिशाम अबू हव्वाश की रिहाई के लिए इज़रायली अधिकारी तैयार

2021: अफ़ग़ानिस्तान का अमेरिका को सबक़, ईरान और युद्ध की आशंका


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License