NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
भारत
राजनीति
पश्चिम बंगाल: रेड वॉलंटियर्स को राज्य सरकार का नहीं, बल्कि सिविल सोसाइटी की तरफ़ से भारी समर्थन
राज्य में कोविड प्रभावित लोगों की मदद को लेकर कई सामाजिक संगठनों ने राज्य में रेड वॉलंटियर्स का समर्थन करना शुरू कर दिया है, ताकि ज़रूरतमंद लोगों तक ज़्यादा असरदार तरीक़े से पहुंचा जा सके।
संदीप चक्रवर्ती
05 Jun 2021
बहरामपुर में सैनिटाइजेशन करते रेड वालंटियर्स। फ़ोटो: साभार: अनिर्बन
बहरामपुर में सैनिटाइजेशन करते रेड वालंटियर्स। फ़ोटो: साभार: अनिर्बन

कोलकाता, 3 जून: किसी कॉरपोरेट में ऊंचे पद पर काबिज़ पारोमिता सेनगुप्ता को कोविड-19 महामारी के दौरान रेड वॉलंटियर्स के काम ने इतना प्रभावित किया कि उन्होंने इस संगठन को दान देने का फ़ैसला कर लिया। ऐसा करने वाली परोमिता अकेली नहीं हैं। सौरव गांगुली सहित सामाजिक-सांस्कृतिक जगत के सैकड़ों लोगों ने इन वॉलंटियर्स के साथ खड़े होने का फ़ैसला किया है, जो ज़रूरत की इस घड़ी में लोगों के लिए काम आने की इच्छा से प्रेरित हैं।

राज्य में कोविड प्रभावित लोगों की मदद को लेकर कई सामाजिक संगठनों ने राज्य में रेड वॉलंटियर्स का समर्थन करना शुरू कर दिया है, ताकि ज़रूरतमंद लोगों तक ज़्यादा असरदार तरीक़े से पहुंचा जा सके।

बीई कॉलेज के पूर्व छात्रों के संगठन ने बड़े-बड़े ज़िलों में फैले तक़रीबन 159 फ़्रंटलाइन रेड वॉलंटियर्स का चिकित्सकीय बीमा कराने का फ़ैसला लिया है। इस योजना के तहत हर एक वॉलंटियर का दो-दो लाख रुपये का बीमा कराया गया है। कोलकाता के स्कॉटिश चर्च कॉलेज के पूर्व छात्रों का संगठन भी आगे आया है, इस संगठन ने लोगों की मदद के लिए आठ लाख रुपये की राशि जुटायी है। इन वॉलंटियर्स को 25,000 रुपये की मदद देने के अलावा इसने उन टैक्सी संघों के समर्थन में खड़े होने का भी आह्वान किया है, जिन्होंने कोविड-19 रोगियों को लाने-ले जाने के लिए अपनी कैब को कम लागत वाली एम्बुलेंस में बदल दिया है।

बुधवार को नेशनल मेडिकल कॉलेज के पूर्व छात्रों ने पश्चिम बंगाल के इन वॉलंटियर्स के कार्यक्रम के लिए एसएफ़आई को 75, 000 रुपये का दान दिया। स्कॉटिश चर्च के पूर्व छात्रों के संगठन के सदस्य भी राज्य भर के 48 रेड वॉलंटियर्स समूहों तक पहुंचे। एआईडीवाईए ने बुधवार को एक ऑक्सीज़न सिलेंडर उपहार में दिया।

बड़ी संख्या में कोलकाता और इसके आसपास के दूसरे ज़िलों के सामाजिक संगठन भी प्रतिदिन इन रेड वॉलंटियर्स को समर्थन देने का संकल्प ले रहे हैं। डॉक्टर भी राज्य के विभिन्न हिस्सों में इन वॉलंटियर्स के लिए विशेष ऑनलाइन प्रशिक्षण सत्र जारी रखे हुए हैं। दक्षिण 24 परगना सहित सीपीआई(M) की विभिन्न ज़िला समितियों ने इन वॉलंटियर्स को चिकित्सा बीमा से लैस करने और उन्हें पर्याप्त पीपीई किट, फ़ेस मास्क, फ़ेस शील्ड, सैनिटाइज़र, वायरस को स्प्रे से ख़त्म करने वाली मशीन और कोविड-19 से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए ज़रूरी दूसरे उपकरणों की आपूर्ति करने का फ़ैसला लिया है।

 बहरामपुर में सैनिटाइजेशन करते रेड वालंटियर्स। फ़ोटो: साभार: अनिर्बन

न्यू टाउन के रेड वॉलंटियर्स के एक समूह ने भी चक्रवात यास के बाद बेबस ग्रामीणों के साथ खड़े होने और अन्य चीज़ों के साथ चिकित्सा आपूर्ति में मदद करने के लिए पत्थर प्रतिमा(यास प्रभावित एक गांव) जाने का फ़ैसला किया है।

आम लोगों से मिलते भारी समर्थन के बावजूद इन रेड वॉलंटियर्स के प्रति राज्य के स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता बुधवार को पूरी तरह तब उजागर हो गयी, जब एसएसकेएम अस्पताल के अधिकारियों की तरफ़ से पहले से मिली अनुमति के बावजूद तक़रीबन 180 वॉलंटियर्स के टीकाकरण कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया था। इन वॉलंटियर्स ने मृतकों के अंतिम संस्कार में भाग लेने से लेकर कोविड-19 रोगियों को अस्पतालों में ले जाने तक की गतिविधियों से राज्य के अधिकारियों की ओर से छोड़ दिये गये मदद के संपूर्ण दायरे को पाट दिया है। राज्य के इन रेड वॉलंटियर्स की इन गतिविधियों से अब तक राज्य भर में कई लाख लोग लाभान्वित हो चुके हैं। विशेष क़दम के तहत इन्हें टीका लगाये जाने की मांग की गयी थी।

एसएफ़आई-डीवाईएफ़आई राज्य समिति ने 23 मई को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था, जिसके बाद एसएसकेएम के अधिकारियों ने इन रेड वॉलंटियर्स का टीकाकरण कराने के लिए 5 जून की तारीख़ तय की थी। हालांकि, जब वॉलंटियर्स अस्पताल पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि टीका नहीं पहुंच पाया है और इसलिए वे कार्यक्रम को अंजाम दे पाने में असमर्थ होंगे। ऊंचे पदों पर बैठे सूत्रों के मुताबिक़ स्वास्थ्य भवन में उच्च स्तरीय हस्तक्षेप के चलते ही यह स्थिति पैदा हुई है।

फ़ोटो: साभार: अनिर्बन

डीवाईएफ़आई के कोलकाता प्रमुख, कलातन दासगुप्ता ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जहां नागरिक समाज इन वॉलंटियर्स की मदद के लिए लगातार आगे आ रहे है, वहीं राज्य सरकार राजनीतिक साज़िश से बाहर आकर सोच पाने की स्थिति में ही नहीं है और महामारी के दौरान लोगों की मदद को लेकर आगे भी नहीं आ रही है।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

WB: Red Volunteers get Overwhelming Support from Civil Society, Not State Govt.

DYFI
SFI
Red Volunteers
kolkata
West Bengal
CPIM
AIDWA

Related Stories

कोविड की तीसरी लहर में ढीलाई बरतने वाली बंगाल सरकार ने डॉक्टरों को उनके हाल पर छोड़ा

बिहार के बाद बंगाल के तीन अस्पतालों में 100 से अधिक डॉक्टर कोरोना पॉज़िटिव

डीयू: कैंपस खोलने को लेकर छात्रों के अनिश्चितकालीन धरने को एक महीना पूरा

कोविड-19: क़स्बा वैक्सीन घोटाले के ख़िलाफ़ वाम मोर्चा का पश्चिम बंगाल भर में विरोध प्रदर्शन

पश्चिम बंगाल : लॉकडाउन में कमाई नहीं, हौज़री कर्मचारी कर रहे ज़िंदा रहने के लिए संघर्ष

हिमाचल : माकपा ने कहा सरकार की टीका नीति पूर्णतः भेदभावपूर्ण व असंवैधानिक

कोविड-19: दूसरी लहर अभी नहीं हुई ख़त्म

माकपा ने केंद्र से कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों को नवोदय विद्यालय में दाखिला देने की अपील की

सात सालों में मोदी के सामने अब तक की सबसे बड़ी चुनौती

भारत एक मौज : बीजेपी की बंगाल में हार, यूपी का ऑक्सिजन संकट और तेजस्वी सूर्या


बाकी खबरें

  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    खोज ख़बर : मस्जिद दर मस्जिद भगवान की खोज नहीं, नफ़रत है एजेंडा, हैदराबाद फ़र्ज़ी एनकाउंटर के बड़े सवाल
    24 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने एक के बाद एक मस्जिद में भगवान की खोज के नफ़रती एजेंडे को बेनक़ाब करते हुए सरकारों से पूछा कि क्या उपलब्धियों के नाम पर मुसलमानों के ख़िलाफ उठाए गये कदमों को…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानव्यापी- क़ुतुब में उलझा भारत कब राह पर आएगा ?
    24 May 2022
    न्यूज़चक्र में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा बात कर रहे हैं कि सत्ता पक्ष आखिर क्यों देश को उलझा रहा है ज्ञानवापी, क़ुतब मीनार, ताज महल जैसे मुद्दों में। महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों की बात कब होगी…
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    यूपी: भारी नाराज़गी के बाद सरकार का कहना है कि राशन कार्ड सरेंडर करने का ‘कोई आदेश नहीं’ दिया गया
    24 May 2022
    विपक्ष का कहना है कि ऐसे समय में सत्यापन के नाम पर राशन कार्ड रद्द किये जा रहे हैं जब महामारी का समय अधिकांश लोगों के लिए काफी मुश्किलों भरे रहे हैं।
  • सोनिया यादव
    देश में लापता होते हज़ारों बच्चे, लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में 5 गुना तक अधिक: रिपोर्ट
    24 May 2022
    ये उन लापता बच्चों की जानकारी है जो रिपोर्ट हो पाई हैं। ज़्यादातर मामलों को तो पुलिस मानती ही नहीं, उनके मामले दर्ज करना और उनकी जाँच करना तो दूर की बात है। कुल मिलाकर देखें तो जिन परिवारों के बच्चे…
  • भाषा
    ज्ञानवापी मामला : मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई के लिए 26 मई की तारीख नियत
    24 May 2022
    मुकदमा चलाने लायक है या नहीं, इस पर अदालत 26 मई को सुनवाई करेगी। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License