NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
कोविड-19
नज़रिया
स्वास्थ्य
भारत
जानिए: अस्पताल छोड़कर सड़कों पर क्यों उतर आए भारतीय डॉक्टर्स?
यह हड़ताली रेजिडेंट डॉक्टर्स क्या चाहते हैं, क्यों चाहते हैं, अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरना इनके लिए क्यों ज़रूरी है। आइए, क्रमवार जानते हैं-
रवि शंकर दुबे
29 Dec 2021
अस्पताल छोड़कर सड़कों पर क्यों उतर आए भारतीय डॉक्टर्स?

एक बार कल्पना कीजिए कि बिना डॉक्टरों की दुनिया कैसी होगी, कोई बीमार होगा, कोई दुर्घटना का शिकार होगा या फिर किसी और तरह से मानसिक या शारीरिक पीड़ित होगा, वो कहां जाएगा?  समाज के हर कोने में सिर्फ हाहाकार होगा.... यकीन मानिए इस माहौल में भी बड़े-बड़े राजनेता कहीं न कहीं से अपने और अपने परिवार के लिए कुछ जुगाड़ जरूर कर लेंगे। लेकिन हम और आप यूं ही सड़कों पर चिल्लाते रहेंगे। क्योंकि मौजूदा दौर में, जब डॉक्टरों की सबसे ज्यादा ज़रूरत हो तब वे सड़कों पर चिल्ला रहे हैं, रो रहे हैं, अपना हक मांग रहे हैं, लेकिन उन्हें सुनने वाला कोई नहीं है.. डॉक्टरों की इस परेशानी को ठीक से समझते हैं और जानते हैं आख़िर वे क्या चाहते हैं?

यह डॉक्टर्स नीट-पीजी काउंसलिंग की मांग कर रहे हैं।

नीट-पीजी काउंसलिंग क्या है?

NEET यानी National Eligibility Entrance Test यानी ‘राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा’

मेडिकल के क्षेत्र में प्रवेश पाने के लिए NEET पास करना अनिवार्य होता है।

MBBS, BDS, MS की पढ़ाई के लिए एडमिशन के लिए NEET क्लियर करना ज़रूरी होता है।

NEET का आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर पूरे देश में होता है।

NEET में बैठने के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं कक्षा (फिज़िक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स) पास होना चाहिए और उम्र 17 से 25 साल के बीच होनी चाहिए।

आरक्षित उम्मीदवारों को नियम के अनुसार छूट का भी प्रावधान है।

NEET होने के बाद तुरंत छात्रों की काउंसलिंग की जाती है।

काउंसलिंग के बाद छात्र एमबीबीएस में एडमिशन ले सकते हैं।

एडमिशन के बाद NEET किए हुए छात्रों की प्रैक्टिस शुरू हो जाती है।

ये छात्र तीन सालों तक रेज़िडेंट डॉक्टर के तौर पर काम करते हैं।

रेज़िडेंट डॉक्टर यानी अलग-अलग अस्पतालों (जहां के लिए चुने गए हैं) वहां पढ़ाई के साथ-साथ प्रैक्टिस करते हैं।

नीट-पीजी काउंसलिंग और प्रवेश प्रक्रिया में क्यों देरी हो रही है?

NEET का आयोजन अक्सर जनवरी महीने में होता है।

नवंबर, 2020 में कोरोना के कारण राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड ने इसे अगली सूचना तक स्थगित कर दिया था।

इस परीक्षा को अप्रैल में आयोजित करने का प्लान किया गया था, लेकिन एक बार फिर इसे सितंबर तक टाल दिया गया।

दो बार परीक्षा टाले जाने के बाद आखिरकार इसे सितंबर, 2021 में आयोजित किया गया।

हालांकि काउंसलिंग, जो तुरंत होनी चाहिए थी, वो अभी तक नहीं हुई है।

जूनियर रेज़िडेंट डॉक्टरों की काउंसलिंग और प्रवेश प्रक्रिया Economically Weaker Section (EWS) यानी आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के लिए शुरू किए गए कोटा संबंधित मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है। इसके कारण भी देरी हो रही है।

क्या चाहते हैं रेजिडेंट डॉक्टर्स?

दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के 5,000 रेजिडेंट डॉक्टरों ने 17 दिसंबर को NEET-PG काउंसलिंग और प्रवेश प्रक्रिया में देरी के खिलाफ आंदोलन और हड़ताल का एक और दौर शुरू किया।

प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स चाहते हैं कि नीट-पीजी काउंसलिंग और प्रवेश प्रक्रिया में तेज़ी लाई जाए।

रेज़िडेंट डॉक्टरों के एक नए बैच का एडमिशन नहीं होने के कारण देशभर में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी हो रही है।

इसके चलते मौजूदा रेजिडेंट डॉक्टरों पर वर्क लोड बढ़ता चला जा रहा है।

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच भी रेजिडेंट डॉक्टरों को और लोगों की ज़रूरत होगी।

रेजिडेंट डॉक्टरों का साफ कहना है कि फ्रंटलाइन पर करीब 45000 डॉक्टरों की कमी है।

सुप्रीम कोर्ट में क्यों अटका है EWS कोटा का मामला?

भारत सरकार ने जनरल कैटेगरी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों यानी EWS  के उम्मीदवारों के लिए मेडिकल सीटों में 10% कोटा लागू करने के लिए जनवरी 2019 में संसद के माध्यम से एक कानून पारित किया था।

याचिकाओं के एक समूह ने मेडिकल काउंसलिंग कमेटी की 29 जुलाई की अधिसूचना- NEET-PG (अखिल भारतीय कोटा) में OBC के लिए 27 प्रतिशत और EWS के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र से सवाल किया था कि NEET-PG (अखिल भारतीय कोटा) के तहत मेडिकल सीटों में आरक्षण के लिए पात्र EWS की पहचान करने के लिए वार्षिक आय की सीमा के रूप में वह 8 लाख रुपये तक कैसे पहुंची?

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने ये भी कहा कि 8 लाख रुपये ओबीसी कोटे के लिए भी निर्धारित सीमा थी, और कहा कि उस समुदाय के लोग "सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन से पीड़ित हैं" लेकिन "संविधान के तहत EWS सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा नहीं है”।

इस मामले की सुनवाई 25 नवंबर को हुई थी, जब केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के सवालों के जवाब में कहा था कि, वह EWS कोटा के बेंचमार्क पर फिर से विचार करेगा और इसके लिए चार हफ्ते का समय मांगा था।

नीट-पीजी परीक्षा काउंसलिंग से लोगों पर क्या असर पड़ेगा?

मौजूदा वक्त में फर्स्ट ईयर रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए करीब 50,000 सीटें खाली पड़ी हैं।

MBBS की डिग्री ले चुके करीब 50,000 छात्र घर बैठे हुए हैं, कुछ काम नहीं कर रहे हैं।

उनके पास डिग्री है, वे लोगों की जिंदगी बचा सकते हैं, लेकिन वो कुछ नहीं कर रहे हैं।

कोरोना के नए-नए वैरियंट हर दिन तेज़ी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में उनकी डिग्री और उनका हुनर ज़ाया हो रहा है, जो आम जनता के बेहद काम आ सकता था।

रेजिडेंट डॉक्टरों की कमी के कारण मौजूदा डॉक्टरों को 36-36 घंटे की शिफ्ट करनी पड़ रही है, जो मानसिक और शारीरिक थकान देता है।

ऐसे वक्त में डॉक्टरों की मानसिक और शारीरिक थकान का खामियाज़ा आम जनता को भारी पड़ सकता है।

WHO के मुताबिक एक डॉक्टर पर 1000 मरीज़ों की जिम्मेदारी होनी चाहिए। भारत में डॉक्टर्स की पहले ही कमी है, लेकिन मौजूदा वक्त में एक डॉक्टर 10,000 मरीज़ों को देखने के लिए मजबूर है।

 

Protests
doctors strike
NEET
Modi Govt
Supreme Court

Related Stories

हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन

जन-संगठनों और नागरिक समाज का उभरता प्रतिरोध लोकतन्त्र के लिये शुभ है

लंबे संघर्ष के बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायक को मिला ग्रेच्युटी का हक़, यूनियन ने बताया ऐतिहासिक निर्णय

आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने क्यों कर रखा है आप और भाजपा की "नाक में दम”?

मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ भारत बंद का दिखा दम !

झारखंड: नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी जन सत्याग्रह जारी, संकल्प दिवस में शामिल हुए राकेश टिकैत

सूडान में तख्तापलट के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन जारी, 3 महीने में 76 प्रदर्शनकारियों की मौत

अफ़ग़ानिस्तान में सिविल सोसाइटी और अधिकार समूहों ने प्रोफ़ेसर फ़ैज़ुल्ला जलाल की रिहाई की मांग की

2021 : जन प्रतिरोध और जीत का साल

किसानों की ऐतिहासिक जीत के मायने


बाकी खबरें

  • Tapi
    विवेक शर्मा
    गुजरात: पार-नर्मदा-तापी लिंक प्रोजेक्ट के नाम पर आदिवासियों को उजाड़ने की तैयारी!
    18 May 2022
    गुजरात के आदिवासी समाज के लोग वर्तमान सरकार से जल, जंगल और ज़मीन बचाने की लड़ाई लड़ने को सड़कों पर उतरने को मजबूर हो चुके हैं।
  • श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन मामले को सुनियोजित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर के विवाद में बदला गयाः सीपीएम
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन मामले को सुनियोजित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर के विवाद में बदला गयाः सीपीएम
    18 May 2022
    उत्तर प्रदेश सीपीआई-एम का कहना है कि सभी सेकुलर ताकतों को ऐसी परिस्थिति में खुलकर आरएसएस, भाजपा, विहिप आदि के इस एजेंडे के खिलाफ तथा साथ ही योगी-मोदी सरकार की विफलताओं एवं जन समस्याओं जैसे महंगाई, …
  • buld
    काशिफ़ काकवी
    मध्य प्रदेश : खरगोन हिंसा के एक महीने बाद नीमच में दो समुदायों के बीच टकराव
    18 May 2022
    टकराव की यह घटना तब हुई, जब एक भीड़ ने एक मस्जिद को आग लगा दी, और इससे कुछ घंटे पहले ही कई शताब्दी पुरानी दरगाह की दीवार पर हनुमान की मूर्ति स्थापित कर दी गई थी।
  • russia
    शारिब अहमद खान
    उथल-पुथल: राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता से जूझता विश्व  
    18 May 2022
    चाहे वह रूस-यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध हो या श्रीलंका में चल रहा संकट, पाकिस्तान में चल रही राजनीतिक अस्थिरता हो या फिर अफ्रीकी देशों में हो रहा सैन्य तख़्तापलट, वैश्विक स्तर पर हर ओर अस्थिरता बढ़ती…
  • Aisa
    असद रिज़वी
    लखनऊ: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत के साथ आए कई छात्र संगठन, विवि गेट पर प्रदर्शन
    18 May 2022
    छात्रों ने मांग की है कि प्रोफ़ेसर रविकांत चंदन पर लिखी गई एफ़आईआर को रद्द किया जाये और आरोपी छात्र संगठन एबीवीपी पर क़ानूनी और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाये।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License