NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
पश्चिम बंगाल: सीटू के नेतृत्व वाले त्योहारी बोनस अभियान से श्रमिकों को मिले बड़े लाभ
कोरोना महामारी की वजह से त्योहारी सीजन में मिलने वाले बोनस को झटका लगा था, लेकिन इस साल कर्मचारी इसे पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
संदीप चक्रवर्ती
08 Oct 2021
CITU

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में सुदूर उत्तर में पहाड़ियों में बने चाय बागानों और डुआर्स क्षेत्र से लेकर दक्षिण में परिवहन क्षेत्र और राज्य के स्वामित्व वाले कोल इंडिया लिमिटेड और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया जैसे उद्यमों तक, सीटू के नेतृत्व वाले श्रमिक आंदोलन के परचम लहरा रहे हैं।

महामारी के चलते त्योहारी सीजन में कामगारों को मिलने वाले वार्षिक बोनस को एक झटका लगा था, पर कर्मचारी इसे पाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल में शरद ऋतु में होने वाले त्योहारों के अवसर पर श्रमिकों को बोनस देने का एक दस्तूर कायम है। इस मौसम में दुर्गा पूजा, दीवाली आदि जैसे त्योहारों पड़ते हैं, जिनका उत्सव मनाने के लिए श्रमिकों को अपने एवं अपने परिवार के लिए नए-नए कपड़ों एवं अन्य चीजों की खरीदारी के लिए बड़े खर्च होते हैं। यहां तक कि राज्य सरकार का श्रम विभाग भी अपनी सभी औद्योगिक और सेवा इकाइयों को बोनस भुगतान के लिए निर्देश जारी करता है। 

चाय बागानें 

चाय बागान के मजदूरों ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। सूबे की पहाड़ियों और डुआर्स क्षेत्र (हिमालय की तलहटी) में बने लगभग सभी चाय बागानों के श्रमिकों को एक किश्त में 20 फीसदी बोनस मिला है। इसमें पिछले साल की तरह उल्लेखनीय अपवाद सिनक्टम टी गार्डन ही है, जिसके मालिक 20 फीसदी बोनस श्रमिकों को देने के सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) के एक पदाधिकारी गौतम घोष ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में यह जानकारी दी।

बस कर्मचारी 

वहीं, राज्य में वाणिज्यिक बस कर्मचारी एक किस्त में 12 फीसदी बोनस पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 60 फीसदी से अधिक बस रूटों पर लगे बसकर्मी अपने मालिकों से इस संबंध में बातचीत कर रहे हैं। राज्य के बाकी जिलों में स्थिति बेहतर है, केवल कोलकाता और उसके आसपास के क्षेत्रों को छोड़ कर, जहां समय के साथ बस परिवहन क्षेत्र पर सीटू की पकड़ कमजोर हुई है। वहां बस मालिक मजदूरों पर अपने नियम व शर्तें मानने का दबाव बना रहे हैं। कोलकाता और इसके आसपास के इलाकों में, औसत बस कर्मचारियों को कमीशन के आधार पर भुगतान किया जाता है। हालांकि, जिन जिलों में वेतन प्रणाली लागू है, वहां सीटू ने बड़ी कुशलता से बस मालिकों के सिंडिकेट के साथ बोनस की अपनी मांग को आगे बढ़ाया है और वहां स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है। सीटू के राज्य अध्यक्ष सुभाष मुखोपाध्याय, जो वाणिज्यिक परिवहन श्रमिक संघ के एक पदाधिकारी भी हैं, ने न्यूजक्लिक को यह जानकारी दी।

गारमेंट कामगार 

पश्चिम बंगाल टेलरिंग एंड गारमेंट वर्कर्स यूनियन के एक पदाधिकारी असदुल्ला गायेन ने कहा कि संगठित क्षेत्र में, परिधान श्रमिकों को इस साल भी बोनस मिल रहा है। हालांकि, असंगठित क्षेत्र में जहां अधिकांश कार्यबल कार्यरत हैं, इस वर्ष बोनस नहीं दिया जाएगा क्योंकि बोनस की मांग का मतलब होगा कि इस संबंध में सरकारी निर्देश होने के बावजूद श्रमिकों को बंद कर दिया जाएगा।

जूट श्रमिक 

जूट कर्मियों को इस साल 8.33 फीसदी बोनस मिलेगा। सीटू के राज्य महासचिव और बंगाल चटकल मजदूर संघ के महासचिव अनादी साहू ने यह जानकारी दी। हालांकि, सीटू की नेता गार्गी चटर्जी ने न्यूज़क्लिक को बताया कि सीटू और जूट कारखाने के कर्मचारी इस बोनस के इस प्रतिशत से खुश नहीं थे क्योंकि लॉकडाउन अवधि की मजदूरी काटने के बाद बोनस का निर्धारण किया गया है। उन्होंने कहा कि त्योहारी अवधि के बाद इस क्षेत्र में और तेजी आएगी। 

सरकारी क्षेत्र 

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) में, श्रमिकों को इस साल उनके शानदार प्रदर्शन के लिए इनाम बतौर 4,000 रुपये भी जोड़े जा रहे हैं। पिछले साल यह कुल 68,500 रुपये था, जबकि इस साल यह बढ़कर 72,500 रुपये हो जाएगा।

सेल के कर्मचारियों को इस साल 21,000 रु. का फेस्टिव बोनस मिलेगा, जबकि प्रशिक्षुओं को 19,000 रुपये का बोनस मिलेगा। स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव ललित मिश्रा ने कहा कि यह त्योहारी बोनस स्टील वर्कर्स फेडरेशन द्वारा चलाए गए आंदोलन का इनाम था।

हालांकि, पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने कर्मचारियों को दिए जाने वाले बोनस को घटा कर 4,500 रुपये कर दिया है। पूर्ववर्ती वाम मोर्चा के शासन के दौरान, राज्य सरकार के एक कर्मचारी को औस तन 30 दिनों का वेतन बोनस के रूप में मिलता था। 

घरेलू कामगारों 

राज्य के अधिकांश घरेलू कामगारों ने बोनस के रूप में एक महीने के वेतन की मांग की है। हाउसहोल्ड वर्कर्स यूनियन के तरुण भारद्वाज और इंद्रजीत घोष ने कहा कि कोलकाता और उसके आसपास के ज्यादातर मामलों में यह फॉर्मूला काम करता है। उन्होंने आगे कहा कि इस बारे में उल्लंघन का एक भी आरोप नहीं लगा है। 

अंग्रेजी में मूल रूप से प्रकाशित लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

West Bengal: Major Gains Made by Workers Through CITU-led Festive Bonus Movement

Diwali Bonus
Durga puja
Festive Bonus
unorganised workers
Domesic Workers
SAIL
Coal India Limited
transport workers
CITU
West Bengal

Related Stories

राज्यपाल की जगह ममता होंगी राज्य संचालित विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति, पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने पारित किया प्रस्ताव

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति

पश्चिम बंगालः वेतन वृद्धि की मांग को लेकर चाय बागान के कर्मचारी-श्रमिक तीन दिन करेंगे हड़ताल

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

मुंडका अग्निकांड: लापता लोगों के परिजन अनिश्चतता से व्याकुल, अपनों की तलाश में भटक रहे हैं दर-बदर

मछली पालन करने वालों के सामने पश्चिम बंगाल में आजीविका छिनने का डर - AIFFWF


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License