NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
शिक्षा
भारत
राजनीति
प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
रवि शंकर दुबे
27 May 2022
Mamta

पश्चिम बंगाल में राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ तकरार के बीच ममता सरकार ने गुरुवार यानी 26 मई को बड़ा फैसला किया। राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति अब राज्यपाल नहीं बल्कि राज्य के मुख्यमंत्री होंगे। इसे लेकर विधानसभा से कानून पास किया जाएगा। इस प्रकार राज्यपाल का राज्य के संचालित विश्वविद्यालयों पर दखल नहीं रहेगा।

राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने कहा कि राज्यपाल के स्थान पर मुख्यमंत्री को राज्य के विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति बनाने के लिए जल्द ही पश्चिम बंगाल विधानसभा में एक विधेयक पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दी।

इस मामले में राज्य मंत्रिमंडल ने राज्यपाल के स्थान पर मुख्यमंत्री को सभी राज्य संचालित विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति बनाने के प्रस्ताव को अपनी सहमति दे दी है। इस प्रस्ताव को जल्द ही विधानसभा में एक विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा। राज्यपाल वर्तमान में राज्य के संचालित विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होते हैं।

इतना ही नहीं राज्य में कुलपतियों की नियुक्ति भी बिना राज्यपाल के अनुमति के बग़ैर करने वाले प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई।   आपको बता दें कि हालही में राज्य के 24 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति की गई थी। इस दौरान राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने आरोप लगाया था कि उनकी मंज़ूरी के बिना और नियमों को ताक पर रखकर कलकत्ता विश्वविद्यालय, जादवपुर विश्वविद्यालय और प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय समेत राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्त कर दिए गए। जबकि वे मौजूदा कुलपति थे।

राज्य सरकार के इस कृत्य से नाराज़ राज्यपाल ने एक ट्वीट कर कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी।

VCs of 24 Universities appointed @MamataOfficial in disregard of law.

These are ex facie in defiance of specific orders or without approval by Chancellor-the Appointing Authority.

These appointments carry no legal sanction and would be forced to take action unless soon recalled pic.twitter.com/hwX6dWzcSP

— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) December 30, 2021

इससे पहले राजभवन में राज्यपाल की ओर से बुलाई गई बैठक में निजी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति और कुलपति के शरीक नहीं होने के बाद भी विवाद उठा था। बैठक में कुलपति नहीं पहुंचे थे। धनखड़ आए दिन ममता सरकार पर राज्यपाल की शक्तियों का हनन करने, राज्यपाल के फैसलों को नजरअंदाज करने और आदेशों की अवहेलना के आरोप लगाते रहे हैं।

राज्य सरकारी की ओर से लिए गए इस फैसले पर अब राज़नीतिक भी ज़ोर पकड़ रही है। भाजपा कि ओर से कहा गया है कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। पश्चिम बंगाल सरकार और माननीय मुख्यमंत्री को यह ध्यान रखना होगा कि बंगाल भारत गणराज्य के राज्यों में से एक है और यह भारतीय संविधान द्वारा शासित है। किसी की भी सनक और कल्पना काम नहीं करती है। उन्हें संविधान के अनुसार चलना होगा। विश्वविद्यालयों का चांसलर राज्य का राज्यपाल होता है, जिसे बदला नहीं जा सकता।

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल की आधिकारिक वेबसाइट पर लिखा है कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल विश्वविद्यालय कानून के अनुसार पश्चिम बंगाल के 17 विश्वविद्यालयों के कुलपति हैं।

image
चांसलर के रूप में राज्यपाल की शक्तियों और कार्यों को उन कानूनों में निर्धारित किया गया है जो एक खास राज्य सरकार के अंतर्गत विश्वविद्यालयों को रेगुलेट करते हैं। हालांकि अब ममता बनर्जी सरकार इस कानून को बदलना चाहती है। लेकिन ये सबकुछ इतना आसान नहीं है। कहने का मतलब ये कि अगर ममता सरकार बंपर बहुमत के विधानसभा में इसे पारित करवा भी लें तो आख़िरी मुहर राज्यपाल को ही लगानी होगी। लेकिन राज्यपाल ख़ुद की शक्तियों को कम करने वाले कानून पर आख़िर क्यों ही दस्तख़त करेंगे। यानी आने वाले वक्त में पश्चिम बंगाल के भीतर ये विवाद और ज्यादा तूल पकड़ेगा।

क्या कहता है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009?

केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 के अनुसार भारत के राष्ट्रपति एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष होंगे। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करने तक की सीमित भूमिका के साथ केंद्रीय विश्वविद्यालयों में चांसलर्स नाममात्र के प्रमुख होते हैं जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा कुलाध्यक्ष  के रूप में मिली शक्तियों के तहत नियुक्त किया जाता है।

वाईस-चांसलर को केंद्र सरकार द्वारा गठित चयन समितियों द्वारा चुने गए नामों के पैनल से राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। यानी एक केंद्रीय विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर  के चयन में राज्यपाल की कोई भूमिका नहीं होती।

फिलहाल पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच खटास कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार ममता बनर्जी ने सीधे राज्यपाल की शक्तियों पर चोट की है। जिसके बाद भाजपा भी राज्यपाल के समर्थन में उतर गई है। अब देखना होगा कि इस मामले में कितनी राजनीति होती है।

West Bengal
mamta banerjee
West Bengal VC
Vice Chancellor of Universities
Jagdeep Dhankhar

Related Stories

राज्यपाल की जगह ममता होंगी राज्य संचालित विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति, पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने पारित किया प्रस्ताव

बिहार के बाद बंगाल के स्कूली बच्चों में सबसे ज़्यादा डिजिटल विभाजन : एएसईआर सर्वे

पश्चिम बंगाल: पैरा शिक्षकों की भूख हड़ताल 15वें दिन भी जारी, शिक्षा मंत्री ने बात करने से किया इंकार  


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License