NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कुणाल ने जो किया, अर्णब 6 साल से अपने स्टूडियो में बैठ कर रहे हैं!
कुणाल कामरा ने जो किया उसे असामाजिक और ग़ैर-क़ानूनी कहा जा सकता है। लेकिन न उन पर प्रतिबंध क़ानूनी प्रक्रिया के तहत लगाया गया है, और न ही उन्होंने ऐसा कुछ किया है जिससे अर्णब गोस्वामी अपरिचित हों।
सत्यम् तिवारी
30 Jan 2020
kunal

स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा को चार भारतीय एयरलाइन- इंडिगो, एयर इंडिया, स्पाइसजेट और गो एयर में सफ़र करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसकी वजह यह है कि कुणाल कामरा ने मुंबई से लखनऊ जा रहे इंडिगो के विमान में रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ़ अर्णब गोस्वामी से उनकी पत्रकारिता को लेकर सवाल किए थे, और उनका वीडियो बनाया था।

पूरे वीडियो के दौरान अर्णब ने एक भी शब्द नहीं बोला था। कुणाल ने अर्णब से सवाल करते हुए पूरा वीडियो बनाया था, और उसे अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट कर दिया था। इस वीडियो के कैप्शन (caption) में कुणाल ने लिखा था कि यह उन्होंने अपने हीरो दलित छात्र रोहित वेमुला के लिए किया है। हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के दलित छात्र रोहित वेमुला ने 2016 में जातीय भेदभाव का शिकार हो कर आत्महत्या कर ली थी।

वीडियो में कुणाल अर्णब से कह रहे हैं, "बोलो अर्णब! बोलो, जैसे तुमने रोहित की माँ के बारे में बोला था!" कुणाल ने अर्णब के लिए अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया है, उन्हें कायर कहा है और तंज़ कसते हुए 'राष्ट्रवादी' भी कहा है। चारों एयरलाइन ने कहा है कि कुणाल ने जो बर्ताव किया है, वो बर्दाश्त के बाहर है।

एक महत्वपूर्ण बात यह है कि जब यह वीडियो कुणाल कामरा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लगाया था, उसके बाद उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने घटना पर संज्ञान लिया और भारत की अन्य एयरलाइनों को कामरा पर इसी तरह की पाबंदी लगाने की ‘सलाह’ दी थी। हरदीप पुरी की सलाह के बाद यह प्रतिबंध लगाया गया।

कुणाल कामरा ने जो किया वो सही नहीं कहा जा सकता है। किसी के निजी समय में इस तरह से दखलअंदाज़ी करना ग़लत है। कुणाल कामरा ने 28 जनवरी को इस घटना के बारे में एक फेसबुक पोस्ट लिखा था, जिसमें कहा था कि उन्होंने जो किया उन्हें उसका कोई खेद नहीं है। साथ ही कुणाल ने लिखा था, कि वीडियो बनाने से पहले उन्होंने अर्णब से उनकी पत्रकारिता को लेकर बात की थी। वीडियो बनाने के बाद उन्होंने हर क्रू मेम्बर से माफ़ी भी मांगी। इसके अलावा उन्होंने यह भी लिखा कि उन्होंने वही किया है जो रिपब्लिक टीवी करता है, यानी वो लोगों की प्राइवसी में दखलअंदाज़ी करता है।

कुणाल की इस हरकत के बाद दो अहम सवाल खड़े होते हैं। एक तो यह कि क्या क़ानूनी तौर पर 6 महीने या अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगाना उचित है? और दूसरा यह, कि अर्णब गोस्वामी ने, रिपब्लिक टीवी ने और उनके संवाददाताओं ने क्या इस तरह की हरकतें नहीं की हैं?

नियम क्या कहते हैं?

कुणाल कामरा पर इंडिगो ने 6 महीने का प्रतिबंध लगाया है और एयरइंडिया, गो एयर और स्पाइसजेट ने अगले नोटिस तक प्रतिबंध लगाया है। कुणाल ने जो किया है, ऐसे किसी भी मामले में 3 लेवल की कार्रवाई किए जाने का नियम है। और यह कार्रवाई करने से पहले एयरलाइन को एक आंतरिक कमेटी का गठन करना होता है, जिसका नेतृत्व रिटायर्ड जज करते हैं। इस कमेटी को मामले की जांच कर के फ़ैसला करना होता है कि कोई भी अपराध कौन से लेवल का है।

इसके साथ ही किसी भी निर्णय पर पहुँचने के बाद, और व्यक्ति पर प्रतिबंध लगाने से पहले एयरलाइन को 60 दिन का समय देना होता है, जिसमें व्यक्ति कोई भी अपील दायर कर सके।

नियमों के अनुसार, पहले लेवल का अपराध यानी अभद्र व्यवहार, जिसमें "शारीरिक हिंसा" शामिल नहीं हो, उस अपराध को सबसे ज़्यादा 3 महीने की सज़ा होगी। 6 महीने से सज़ा सिर्फ़ शारीरिक हिंसा के अपराध में हो सकती है।

सभी नियमों को नीचे देखा जा सकता है:

According to Civil Aviation Rules, "unruly behavior" (without physical violence) is a Level 1 offense.

Level 1 offenses get a ban of 3 months. A 6-month ban is ONLY for incidents of physical violence.

Clearly @IndiGo6E didn't even read the rules before banning @kunalkamra88. pic.twitter.com/GWzAapdItl

— Saket Gokhale (@SaketGokhale) January 29, 2020

अर्णब से पूछे गए "रिपब्लिक" वाले सवाल

कुणाल कामरा ने अर्णब से जो सवाल पूछे हैं, उसमें रोहित वेमुला और उनकी माँ के बारे में बात की गई है। 2016 में दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद एक साल तक टीवी चैनलों ने एक पूरा नरेटिव तैयार किया था, जिसमें यह साबित करने की कोशिश की गई थी कि रोहित वेमुला दलित नहीं थे, और यह कि उन्होंने "निजी कारणों" से आत्महत्या की थी।

जो अर्णब गोस्वामी के साथ हुआ है, वैसी ही हरकत रिपब्लिक टीवी की संवाददाता दीप्ति ने 2017 में एक विमान यात्रा के दौरान की थी। उन्होंने विमान यात्रा के दौरान ही तेजस्वी यादव का इंटरव्यू किया था, जिसमें उनसे ज़बरदस्ती सवाल किए गए थे। तेजस्वी यादव और फ़्लाइट क्रू ने पत्रकार से बार-बार कहा कि यह सही जगह नहीं है, और यह भी कहा कि वो disturbance पैदा कर रही हैं, लेकिन पत्रकार नहीं मानीं। यह इंटरव्यू ख़ुद अर्णब गोस्वामी ने अपने शो में चलाया था। और अर्णब ने कहा था, "मैं आज अपने पत्रकारों पर गर्व महसूस कर रहा हूँ!"

समझा जा सकता है कि जो कुणाल कामरा ने किया है, वो सही नहीं है। लेकिन आप एक बार यूट्यूब पर "अर्णब गोस्वामी ऑन सीएए प्रोटेस्ट" टाइप कीजिये। आप देखिये कि कैसे पिछले 45 दिन से हर रोज़ अर्णब गोस्वामी अपने स्टुडियो में बैठ कर नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों को "आतंकवादी" और "टुकड़े टुकड़े गैंग" कह रहे हैं। शाहीन बाग़ के बारे में बात करते हुए, अर्णब से लगातार कहा है कि शाहीन बाग़ में हिंसक प्रदर्शन हो रहा है, जबकि आज तक शाहीन बाग़ में किसी को एक थप्पड़ तक नहीं लगा है।

बात सिर्फ़ अर्णब या कुणाल कामरा की नहीं है। सवाल उन मीडिया चैनलों को आईने दिखाने का है, जिन्होंने अपने स्टुडियो में बैठ कर एक पूरी नस्ल के ख़िलाफ लोगों को भड़काने का काम किया है, और लगातार कर रहे हैं।

जिस तेज़ी से सभी एयरलाइन ने कुणाल कामरा पर प्रतिबंध लगाए हैं; क्या उतनी तेज़ी से अर्णब गोस्वामी सहित अन्य पत्रकारों और नेताओं पर भी लोगों को भड़काने, झूठ फैलाने और एक पूरे समुदाय को आतंकवादी बताने पर भी कोई कार्रवाई हो सकेगी?

kunal kamra
arnab goswami
Indigo
Republic TV
journalist
Indian media
Godi Media

Related Stories

ज़ोरों से हांफ रहा है भारतीय मीडिया। वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में पहुंचा 150वें नंबर पर

नागरिकों से बदले पर उतारू सरकार, बलिया-पत्रकार एकता दिखाती राह

बलिया पेपर लीक मामला: ज़मानत पर रिहा पत्रकारों का जगह-जगह स्वागत, लेकिन लड़ाई अभी बाक़ी है

जीत गया बलिया के पत्रकारों का 'संघर्ष', संगीन धाराएं हटाई गई, सभी ज़मानत पर छूटे

बलिया: पत्रकारों की रिहाई के लिए आंदोलन तेज़, कलेक्ट्रेट घेरने आज़मगढ़-बनारस तक से पहुंचे पत्रकार व समाजसेवी

डराये-धमकाये जा रहे मीडिया संगठन, लेकिन पलटकर लड़ने की ज़रूरत

पत्रकारों के समर्थन में बलिया में ऐतिहासिक बंद, पूरे ज़िले में जुलूस-प्रदर्शन

कैसे चुनावी निरंकुश शासकों के वैश्विक समूह का हिस्सा बन गए हैं मोदी और भाजपा

तिरछी नज़र: कुछ भी मत छापो, श..श..श… देश में सब गोपनीय है

सीधी प्रकरण: अस्वीकार्य है कला, संस्कृति और पत्रकारिता पर अमानवीयता


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License