NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
21 दिनों के लॉकडाउन के बाद कोरोना से लड़ने के लिए क्या है सरकार का प्लान?
लॉक डाउन के बाद कोरोना वायरस का सामना कैसे किया जाएगा। इसे लेकर सरकार की तरफ से 20 पन्ने का कंटेनमेंट प्लान फॉर लार्ज ऑउटब्रेक ऑफ कोरोना वायरस जारी किया गया है।
अजय कुमार
10 Apr 2020
modi

दिल्ली: मिनिस्ट्री ऑफ़ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर ने कोरोना वायरस से लड़ने की योजना के तौर पर एक डॉक्यूमेंट रिलीज किया है। डॉक्यूमेंट का नाम 'कंटेनमेंट प्लान फॉर लार्ज ऑउटब्रेक ऑफ कोरोना वायरस' है। नाम से ही जाहिर है कि ऐसा प्लान जो बड़े स्तर पर कोरोना वायरस के फैलने पर अख्तियार किया जा सकता है।

21 दिनों के लॉक डाउन के बाद कोरोना वायरस का सामना कैसे किया जाएगा। इस पर बहुत सारी जायज बातें की जा रही है। इसी क्रम में तकरीबन 20 पन्ने का सरकार की तरफ से कंटेनमेंट प्लान फॉर लार्ज ऑउटब्रेक ऑफ कोरोना वायरस जारी किया गया है। तो आइए इस प्लान का सार समझते हैं।  

- मोटे तौर पर कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अभी तक की रणनीति को आगे भी अपनाये जाने की सम्भावना है। सबसे महत्वपूर्ण अंतर यह है कि पूरे देश को लॉकडाउन करने की जगह कुछ खास जगहों को चिह्निंत किया जाएगा। खास जगह का निर्धारण का आधार यह होगा कि संक्रमण की मात्रा कैसी है? इस आधार पर जिन इलाकों को चिह्निंत किया जाएगा, उनके भीतर और बाहर लोगों के सम्बन्ध को पूरी तरह से काट दिया जाएगा। अपवाद के तौर पर केवल जरूरी सामान लेन-देन करने की छूट होगी। तकनीकी शब्दावली में इसे जियोग्राफिक कवारन्टाइन से पुकारा जाएगा। संक्रमण के रोकथाम से जुड़ी इस पूरी रणनीति कलस्टर कन्टेनमेंट स्ट्रैटजी कहा जाएगा।

- इन जगहों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। इन जगहों के हर एक संदिग्ध मरीज का टेस्ट किया जाएगा। टेस्टिंग क्षमता बढ़ाई जाएगी। सोशल डिस्टेंशिंग का सख्ती से पालन करवाया जाएगा। यहां पर काम करने वाले हेल्थ वर्करों को prophylaxis के तौर पर Hydroxy-chloroquine दिया जाएगा। prophylaxis यानी ऐसी दवाएं जो संभावित रोग से बचने के लिए पहले से शरीर के इम्युनिटी को बढ़ा देती हैं। ऐसी दवाएं ज्यादा कारगर नहीं होती, फिर भी बहुत अधिक बीमार होने से अच्छा है कि कम बीमार होकर लड़ते रहा जाए। इसलिए यह दवाएं उन सबको भी दी जाएगी जिनमें संक्रमण का खतरा सबसे अधिक हो। जैसे मरीज के परिवार और आस-पड़ोस के लोग।  

- भारत में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005, एपिडेमिक एक्ट 1897, सीआरपीसी और राज्य सरकार के स्वास्थ्य से जुड़े कानूनों से इस व्यवस्था को लागू करने में मदद मिल जाती है। इन कानूनों से सरकारों को महामारी को रोकने के लिए बहुत अधिक ताकत मिल जाती है।  सरकारों को यह अधिकार मिल जाता है कि महामारी को रोकने और नियंत्रित करने के लिए बिना किसी रोक टोक कदम उठाये।

- जियोग्राफिकल लेवल पर क्वारंटाइन से जुडी सभी तरह की जिम्मेदारी डिस्ट्रिक्ट मजिस्टेट्र के पास होगी। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेस्ट हर दिन लोकल लेवल के प्रशासन के साथ मिलकर योजना बनाएगा। इसी के योजना को लागू किया जाएगा। कौन से जरूरी सामान होंगे कौन से नहीं होंगे।  इन सबका निर्धारण केंद्र से तो होगा ही साथ ही साथ डिस्ट्रिक्ट से भी होगा। जैसे दवाई, सुरक्षा उपकरण से जुड़े सारे मसलों का फैसला डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन करेगा।  

- इमरजेंसी मेडिकल रिलीफ बनाई जाएगी। डिस्ट्रिक्ट रिस्पांस टीम बनाई जायेगी। मिनिस्ट्री ऑफ़ हेल्थ एंड फैमिली वेलफयर की तरफ से एक सेंट्रल रिस्पांस टीम बनाई जायेगी।  

- अगर ऐसी स्थिति बने कि पूरे के पूरे गाँव या पूरे के पूरे शहर में संक्रमण बढ़ गया हो तो इस पूरी जगह को बंद किया जा सकता है। जहां के नियम लॉकडाउन से कुछ ज्यादा सख्त होंगे। इन्हें कन्टेनमेंट ज़ोन कहा जाएगा। इसकी आस पास के इलाके में थोड़ी बहुत ढील दी जायेगी, जिसे बफर ज़ोन कहा जाएगा। जो भी इन जगहों से अंदर और बाहर आएगा और बाहर से अंदर जायेगा, उन सबका रिकॉर्ड रखा जाएगा। बाहर से अंदर जाने वालों को Hydroxy-chloroquine की टेबलेट दी जाएगी। ठीक यही काम गाड़ियों के साथ भी होगा। अंदर और बाहर जाने वाली गाड़ियों को सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव किया जाएगा।  

- अगर जरूरी पड़े तो होटल, गेस्ट हाउस, स्कूल, खेलने के मैदान को भी हॉस्पिटल में तब्दील किया जा सकता है।  

- टेस्टिंग इंडियन मेडिकल रिसर्च सेंटर से मान्यताप्राप्त लेब्रोटरी में ही होंगे। इन लेब्रोटरी की व्यवस्था की जिम्मेदारी सरकार की होगी। किसी भी व्यक्ति का जब दो सैंपल टेस्ट निगेटिव होगा तभी माना जायेगा कि वह संक्रमण से मुक्त है।  

- इसके लिए पैसे की व्यवस्था स्टेट डिजास्टर फंड से होगी और गृह मंत्रालय के फंड से होगी।

- डॉक्टर से लेकर किसी भी तरह के सहयोगी स्वास्थ्यकर्मी को जरूरी सुरक्षा उपकरण जैसे पीपीई, ग्लव्स से लेकर थ्री लेयर्ड मास्क मुहैया कराने की जिम्मेदारी सरकार की होगी।  

- किसी भी जगह को तब तक लॉकडाउन में रखा जाएगा जब तक उस जगह से संक्रमण पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता। इसका पैमाना यह होगा कि उस जगह के सबसे अंतिम केस का दो सैंपल टेस्ट नेगटिव हो चुका हो।

Coronavirus
Corona Crisis
COVID-19
Lockdown
Coronavirus lockdown
modi sarkar
Narendra modi
Fight Against CoronaVirus

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा
    04 Jun 2022
    ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर पर एक ट्वीट के लिए मामला दर्ज किया गया है जिसमें उन्होंने तीन हिंदुत्व नेताओं को नफ़रत फैलाने वाले के रूप में बताया था।
  • india ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट
    03 Jun 2022
    India की बात के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, अभिसार शर्मा और भाषा सिंह बात कर रहे हैं मोहन भागवत के बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को मिली क्लीनचिट के बारे में।
  • GDP
    न्यूज़क्लिक टीम
    GDP से आम आदमी के जीवन में क्या नफ़ा-नुक़सान?
    03 Jun 2022
    हर साल GDP के आंकड़े आते हैं लेकिन GDP से आम आदमी के जीवन में क्या नफा-नुकसान हुआ, इसका पता नहीं चलता.
  • Aadhaar Fraud
    न्यूज़क्लिक टीम
    आधार की धोखाधड़ी से नागरिकों को कैसे बचाया जाए?
    03 Jun 2022
    भुगतान धोखाधड़ी में वृद्धि और हाल के सरकारी के पल पल बदलते बयान भारत में आधार प्रणाली के काम करने या न करने की खामियों को उजागर कर रहे हैं। न्यूज़क्लिक केके इस विशेष कार्यक्रम के दूसरे भाग में,…
  • कैथरिन डेविसन
    गर्म लहर से भारत में जच्चा-बच्चा की सेहत पर खतरा
    03 Jun 2022
    बढ़ते तापमान के चलते समय से पहले किसी बेबी का जन्म हो सकता है या वह मरा हुआ पैदा हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान कड़ी गर्मी से होने वाले जोखिम के बारे में लोगों की जागरूकता…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License