NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
क्या है सिंगोली भटवाड़ी जलविद्युत परियोजना की टनल में लीकेज का सच?
“लीकेज ठीक किये बिना ही कंपनी इस प्रोजेक्ट को कमीशन करने की तैयारी कर रही है। यदि लीकेज ठीक नहीं किया गया तो बिजली बनने की प्रक्रिया में तेज़ बहाव के दौरान पूरी टनल फट सकती है और एक बड़ी आपदा खड़ी हो सकती है।”
वर्षा सिंह
30 Nov 2020
 सिंगोली भटवाड़ी
सिंगोली भटवाड़ी प्रोजेक्ट। साभार : energetica-india.net

“हम रुद्रप्रयाग जिले में बन रही सिंगोली भटवाड़ी जल विद्युत परियोजना के नीचे अगस्त्यमुनि में रहने वाले लोग हैं। हम आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं कि इस परियोजना की सर्ज शाफ़्ट से पानी का लीकेज हो रहा है और एडिट-3 पर हेड रेस टनल में से भी लीकेज हो रहा है। इन दोनों लीकेज के कारण सर्ज शाफ्ट और टनल किसी भी समय फूट सकती है और ऐसा होने पर हमारे पूरे क्षेत्र में भयंकर तबाही मचेगी। आपसे हम गुहार लगाते हैं कि कृपया परियोजना के कारण उत्पन्न हो रहे हमारे जन जीवन के संकट का संज्ञान लेते हुए उचित कार्यवाही करने की कृपा करें”।

अगस्त्यमुनि क्षेत्र के चंद्रापुरी कस्बे के 11 लोगों के हस्ताक्षर वाला ये पत्र 10 नवंबर 2020 को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के सचिव को लिखा गया। वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा में ये क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ था। लोगों के घर-खेत पूरी तरह तबाह हो गए थे। जिसकी वजह मंदाकिनी नदी के उफान से ज्यादा उस पर इसी सिंगोली भटवाड़ी परियोजना का उड़ेला गया मलबा शामिल था। इस पर कोर्ट केस भी चला। मुआवज़े की लड़ाई अब भी जारी है। एक बड़ी तबाही झेल चुके लोग नहीं चाहते कि उनके क्षेत्र पर जलविद्युत परियोजना के चलते कोई और खतरा आए।

‘नए संकट का सामना करने की हिम्मत नहीं’

बसंत लाल चंद्रापुरी गांव के ही रहने वाले हैं। उन्होंने भी केंद्र सरकार को लिखी चिट्ठी पर हस्ताक्षर किया है। वर्ष 2013 की आपदा के जख्म अब भी उनके ज़ेहन में हरे हैं। कहते हैं “हमारे जीवनभर की मेहनत आपदा ले डूबी। कुछ नहीं हमारे पास। अब किसी नए संकट का सामना करने की हिम्मत नहीं। उस समय यही कंपनी थी। सुना है कि जब पानी चेक कर रहे थे तो लीक हुआ था। हम को तो उसी आपदा की याद आती है। हमारी तो सारी कमाई चली गई थी। अब तो हमारे पास ज़मीन-जायदाद कुछ नहीं। इधर-उधर कामधाम करके किसी तरह गुज़ारा करते हैं।”

व्हिसल ब्लोअर ने भेजा टनल के लीकेज का वीडियो

सामाजिक कार्यकर्ता भरत झुनझुनवाला ने सिंगोली भटवाड़ी परियोजना की टनल के इस लीकेज से जुड़ा वीडियो और तस्वीर साझा की। उनके मुताबिक ये वीडियो और तस्वीर क्षेत्र के ही किसी सक्रिय व्यक्ति ने उनसे साझा की है और टनल के लीकेज से जुड़े खतरे को लेकर आगाह किया। भरत बताते हैं कि करीब तीन मीटर चौड़ी और 11 किलोमीटर लंबी टनल की इस लीकेज के बारे में अक्टूबर 2020 में परीक्षण के दौरान पता चला था। उनके मुताबिक लीकेज ठीक किये बिना ही कंपनी इस प्रोजेक्ट को कमीशन करने की तैयारी कर रही है। यदि लीकेज ठीक नहीं किया गया तो बिजली बनने की प्रक्रिया में तेज़ बहाव के दौरान पूरी टनल फट सकती है और एक बड़ी आपदा खड़ी हो सकती है।

जलविद्युत परियोजनाओं के खतरे को लेकर लंबे समय से सक्रिय भरत झुनझुनवाला बताते हैं कि उनके साथ वीडियो साझा करने वाले व्यक्ति ने कहा कि इस परियोजना का निर्माण कर रही लार्सन एंड टुब्रो कंपनी बिना लीकेज को ठीक किये प्रोजेक्ट कमीशन करना चाहती है। उन्हें अंदेशा है कि विकास परियोजनाओं को जल्द पूरा करने और चालू करने की जल्दबाज़ी में सरकार निजी कंपनियों पर जल्द कदम नहीं उठाती।

सिंगोली-भटवाड़ी परियोजना की पर्यावरणीय अनुमति इस वर्ष 23 अगस्त को खत्म हो गई थी। इस समय के बाद भी निर्माण कार्य को लेकर भरत झुनझुनवाला ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिक दाखिल की है। जिस पर सुनवाई होनी है। परियोजना को दस वर्षों के लिए पर्यावरणीय अनुमति मिली थी। जिसे बाद में तीन वर्ष के लिए और बढ़ाया गया था।

केंद्र और राज्य को लिखित शिकायत

सामाजिक कार्यकर्ता और गढ़वाल विश्वविद्यालय में शिक्षक डॉ. योगांबर सिंह नेगी इसी क्षेत्र में रहते हैं। वह बताते हैं कि यदि इस परियोजना से लीकेज होता है तो कल को बड़ी दिक्कत खड़ी हो जाएगी जाएगी। अगस्त्यमुनि में चंद्रापुरी और उसके आसपास के कई गांव परियोजना के नज़दीक हैं। योगांबर बताते हैं कि अभी परियोजना की झील में कम पानी है। बिजली बनाने के लिए ज्यादा पानी भरेंगे तो खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने बताया कि इस बारे में उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव समेत अन्य संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर सूचित किया गया है। साथ ही केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण को भी इसकी जानकारी दी गई है। हालांकि टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक कंपनी ने लीकेज के मामले से इंकार किया है।

सिंगोली-भटवाड़ी परियोजना के बारे में

रुद्रप्रयाग में मंदाकिनी नदी पर 99 मेगावाट की ये परियोजना वर्ष 2009 में शुरू हुई थी। वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा में परियोजना को काफी नुकसान हुआ था। परियोजना का मलबा डंपिंग ज़ोन की जगह नदी किनारे उड़ेला गया था। जिससे आपदा ज्यादा भयावह हुई। वर्ष 2015 में इस पर दोबारा काम शुरू हुआ। इस वर्ष सितंबर में ये प्रोजेक्ट तैयार हो गया है। अगस्त महीने में इस परियोजना से बिजली बनने का काम शुरू करने का लक्ष्य था जो अब तक पूरा नहीं हो सका है। एलएंडटी कंपनी का कहना है कि इस परियोजना से 400 मिलियन यूनिट से अधिक सालाना जल-विद्युत ऊर्जा पैदा होगी जो राज्य की आर्थिकी के लिए एक बड़ी बात होगी।

भरत झुनझुनवाला कहते हैं कि परीक्षण के बाद भी परियोजना से बिजली बनने में हो रही देरी की वजह लीकेज भी हो सकती है। पहले ही एक भीषण आपदा झेल चुके लोगों पर अब कोई नया संकट न आए, विकास के नाम पर बन रही परियोजनाएं विनाश की वजह न बनें, इसलिए लोगों और एक्टिविस्ट के इन सवालों का जवाब दिया जाना चाहिए। 

देहरादून स्थित वर्षा सिंह एक स्वतंत्र पत्रकार हैं

Singoli Bhatwari
Singoli Bhatwari hydroelectric project
Uttrakhand
Trivendra Singh Rawat
BJP
Narendra modi
Central Government

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति


बाकी खबरें

  • आज का कार्टून
    ‘तेलंगाना की जनता बदलाव चाहती है’… हिंसा नहीं
    26 May 2022
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेलंगाना के दौरे पर हैं, यहां पहुंचकर उन्होंने कहा कि तेलंगाना की जनता बदलाव चाहती है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: दलित प्रोफेसर मामले में SC आयोग का आदेश, DU रजिस्ट्रार व दौलत राम के प्राचार्य के ख़िलाफ़ केस दर्ज
    26 May 2022
    दिल्ली पुलिस ने सोमवार को दौलत राम कॉलेज की प्रिंसिपल सविता रॉय तथा दिल्ली यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया है। 
  • भरत डोगरा
    भारत को राजमार्ग विस्तार की मानवीय और पारिस्थितिक लागतों का हिसाब लगाना चाहिए
    26 May 2022
    राजमार्ग इलाक़ों को जोड़ते हैं और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाते हैं, लेकिन जिस अंधाधुंध तरीके से यह निर्माण कार्य चल रहा है, वह मानवीय, पर्यावरणीय और सामाजिक लागत के हिसाब से इतना ख़तरनाक़ है कि इसे…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा
    26 May 2022
    केरल में दो महीने बाद कोरोना के 700 से ज़्यादा 747 मामले दर्ज़ किए गए हैं,वहीं महाराष्ट्र में भी करीब ढ़ाई महीने बाद कोरोना के 400 से ज़्यादा 470 मामले दर्ज़ किए गए हैं। 
  • लाल बहादुर सिंह
    जन-संगठनों और नागरिक समाज का उभरता प्रतिरोध लोकतन्त्र के लिये शुभ है
    26 May 2022
    जब तक जनता के रोजी-रोटी-स्वास्थ्य-शिक्षा के एजेंडे के साथ एक नई जनपक्षीय अर्थनीति, साम्राज्यवादी वित्तीय पूँजी  से आज़ाद प्रगतिशील आर्थिक राष्ट्रवाद तथा संवैधानिक अधिकारों व सुसंगत सामाजिक न्याय की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License