NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अयोध्या मामले में 1045 पन्नों का फैसला किसने लिखा?
सुप्रीम कोर्ट में स्थापित प्रथा के अनुसार एक बेंच द्वारा दिए गए निर्णय को लिखने वाले न्यायाधीश का नाम इसमें दिया जाता है। लेकिन अयोध्या फैसले को किसने लिखा है, इसका उल्लेख नहीं किया गया है।
लाइव लॉ
09 Nov 2019
ayodhya
Image courtesy: Livelaw

अयोध्या-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट का 1045 पन्नों के फैसले में उस लेखक के नाम का खुलासा नहीं करता है, जिसने इसे लिखा। यह असामान्य है बात है कि कोर्ट के आदेश पर इसके लेखक का नाम नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट में स्थापित प्रथा के अनुसार एक बेंच द्वारा दिए गए निर्णय को लिखने वाले न्यायाधीश का नाम इसमें दिया जाता है। लेकिन अयोध्या फैसले को किसने लिखा है, इसका उल्लेख नहीं किया गया है।

मामले की सुनवाई पांच न्यायाधीशों की पीठ ने की जिसमें मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और अब्दुल नज़ीर शामिल थे।

फैसले के बारे में एक और तथ्य यह है कि फैसले में 116- पृष्ठों के परिशिष्ट में यह कहा गया है कि विवादित स्थल हिंदू भक्तों की आस्था और विश्वास के अनुसार भगवान राम का जन्म स्थान है।

यहां तक कि इस परिशिष्ट के लेखक के बारे में कोई खुलासा नहीं किया गया है।

निर्णय में पृष्ठ नम्बर 929 का अंतिम पैराग्राफ बताता है,

"उपरोक्त कारणों और निर्देशों के पर सहमति देते हुए हममें से एक ने अलग-अलग कारण दर्ज किये हैं। क्या विवादित ढांचा हिंदू भक्तों की आस्था और विश्वास के अनुसार भगवान राम का जन्म स्थान है। न्यायाधीश के कारणों को एक परिशिष्ट में निर्धारित किया है।"

न्यायाधीशों के बीच यह एक परिशिष्ट विभिन्न प्राचीन ग्रंथों और ग्रंथों को देखने के लिए संदर्भित करता है।

"यह पाया गया है कि 1528 ई से पहले की अवधि में पर्याप्त धार्मिक ग्रंथ थे, जो हिंदुओं को राम जन्मभूमि के वर्तमान स्थल को भगवान राम के जन्मस्थान के रूप में मानते थे"।

अंत में यह निष्कर्ष निकाला गया कि

"इस प्रकार यह निष्कर्ष निकाला जाता है कि मस्जिद के निर्माण से पहले और बाद में हिंदुओं की आस्था और विश्वास हमेशा से रहा है कि भगवान राम का जनमस्थान वह स्थान है, जहां बाबरी मस्जिद का निर्माण किया गया है, जो विश्वास और आस्था डॉक्यूमेंट्री और मौखिक सबूत द्वारा सिद्ध होती है।"

कानून के जानकार सोशल मीडिया में इस तथ्य पर आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं कि फैसले लिखने वाले न्यायाधीश का नाम गुप्त रखा गया है।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के किसी बड़े फैसले के संदर्भ में ऐसी कोई मिसाल नहीं है, जब किसी बड़े मामले के फैसले में फैसला लिखने वाले न्यायाधीश का नाम छुपाया गया हो।

( साभार - लाइव लॉ ) 

Ayodhya Case
Supreme Court
Justice Ranjan Gogoi
Ayodhya Dispute
Ayodhya verdict

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?


बाकी खबरें

  • अनिल जैन
    भाजपा-विरोध की राजनीति पर राहुल गांधी ने गहरी चोट पहुंचाई है
    19 May 2022
    भाजपा के ख़िलाफ़ एक व्यापक और मज़बूत विपक्षी मोर्चा बने, इसके लिए विपक्ष में सबसे बड़ी और अखिल भारतीय पार्टी होने के नाते कांग्रेस ही नेतृत्वकारी पहल कर सकती है। लेकिन राहुल के बयान से लगता है कि वे ऐसे…
  • भाषा
    भाजपा में शामिल हुए पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़
    19 May 2022
    भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में जाखड़ ने केंद्र की सत्ताधारी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की।
  • श्रुति एमडी
    तमिलनाडु : विकलांग मज़दूरों ने मनरेगा कार्ड वितरण में 'भेदभाव' के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया
    19 May 2022
    विकलांग मज़दूरों को तय 4 घंटों की जगह 8 घंटे तक काम करने पर मजबूर किया जाता है।
  • संदीप चक्रवर्ती
    डीवाईएफ़आई ने भारत में धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए संयुक्त संघर्ष का आह्वान किया
    19 May 2022
    कोलकाता में हुई डीवाईएफ़आई की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में 26 राज्यों के 450 डेलीगेट शामिल हुए।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी अपडेट : ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट वाराणसी अदालत को सौंपी गयी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे कल तक कार्यवाही रोकने को कहा
    19 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्थानीय अदालत को इस मामले में कोई भी आदेश पारित करने से बचना चाहिए। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे मामले पर शुक्रवार की दोपहर तीन बजे सुनवाई होगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License