NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कोरोनिल विवाद में पतंजलि की सफ़ाई, स्वास्थ्य मंत्री के लिए नाकाफ़ी क्यों है?
IMA का सवाल है कि देश के स्वास्थ्य मंत्री और आधुनिक मेडिसिन डॉक्टर होने के नाते डॉ. हर्षवर्धन का एक अवैज्ञानिक उत्पाद को देश की जनता के समक्ष पेश करना कितना नैतिक है?
सोनिया यादव
24 Feb 2021
कोरोनिल विवाद में पतंजलि की सफ़ाई, स्वास्थ्य मंत्री के लिए नाकाफ़ी क्यों है?
फोटो साभार: Hindustan Times

“...डॉक्टर हर्षवर्धन ने किसी भी आयुर्वेदिक दवा का समर्थन नहीं किया है।”

ये बयान पंतजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट के महासचिव आचार्य बालकृष्ण का है। बालकृष्ण की ये सफाई केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और देश में डॉक्टरों के सबसे बड़े संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी IMA के बीच बढ़ते विवाद के बाद सामने आई है। IMA ने पतंजलि की कोरोनिल दवा का प्रचार किए जाने को लेकर डॉ. हर्षवर्धन से सफाई मांगी है।

आपको बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है जब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के प्रति नाराज़गी जाहिर की हो। इससे पहले भी कोविड-19 महामारी के दौरान IMA सरकार के फैसलों पर सवाल उठाता रहा है। वहीं अगर पतंजलि के कोरोनिल की बात करें तो ये अपने ट्रायल के समय से ही विवादों में है। हालांकि अब देश के स्वास्थ्य मंत्री और आधुनिक मेडिसिन डॉक्टर होने के नाते, डॉ. हर्षवर्धन का इसे देश की जनता के सामने रखना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है, जिस पर पतंजलि की सफ़ाई नकाफ़ी नज़र आती है।

क्या है पूरा मामला?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन बीते शुक्रवार यानी 19 फरवरी को दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में बाबा रामदेव द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस, जिसे कोरोनिल की रीलॉन्चिंग कार्यक्रम भी कहा जा रहा है, उसमें शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी उनके साथ थे। दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने कोरोनिल के साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं, जो एक तरीके से दवा के प्रचार से जोड़ कर देखा जा रहा है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बाबा रामदेव ने बताया कि उनके संस्थान द्वारा तैयार की गई कोरोनिल से जुड़े शोध पत्रों को कई अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित किया गया है। पतंजलि ने दावा किया कि उसके द्वारा तैयार की गई दवा को सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेश (CDSCO जो DCGI के तहत आता है) के आयुष सेक्शन की तरफ से सर्टिफिकेट ऑफ फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट प्राप्त है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पतंजलि के दावे को खारिज़ किया

कंपनी का कहना था कि DCGI ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की सर्टिफिकेशन स्कीम के तहत ये प्रमाणपत्र कोरोनिल को दिया है। रामदेव ने अलग-अलग टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में ये भी कहा कि कोरोनिल को विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से दुनिया के 154 देशों में भेजने की मान्यता मिल गई है।

हालांकि डब्ल्यूएचओ की ओर से इस दावे का खंडन किया गया। डब्ल्यूएचओ ने साफ किया कि उसने पतंजलि की दवा की न तो समीक्षा की है और न ही उसकी क्षमता को सर्टिफाई किया है। इसके बाद से आईएमए इस कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की मौजूदगी पर सवाल उठा रहा है। अपने बयान में IMA ने स्वास्थ्य मंत्री से कुछ तीखे सवाल किए हैं।

आख़िर IMA की आपत्ति क्या है?

IMA ने सोमवार, 22 फरवरी को एक प्रेस रिलीज़ जारी कर कहा कि देश के स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते डॉ. हर्षवर्धन द्वारा एक अवैज्ञानिक दवा को जारी किया जाना और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तत्काल उसे ख़ारिज किया जाना इस देश के लोगों का अपमान है।

IMA ने योगगुरु कहलाने वाले रामदेव को ‘आन्त्रप्रेन्योर’ बताते हुए कहा कि बाजार में एकाधिकार रखने वाले कुछ कॉर्पोरेट को मुनाफा देने के लिए आयुर्वेद को भ्रष्ट नहीं करना चाहिए और मानवता के लिए संकट नहीं पैदा करना चाहिए।

IMA HQs Press Release on Health Minister - February 22, 2021 pic.twitter.com/72DWWs90KG

— Indian Medical Association (@IMAIndiaOrg) February 22, 2021

मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया के कोड ऑफ़ कंडक्ट की उपेक्षा!

IMA का कहना है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया के कोड ऑफ़ कंडक्ट यानी आचार संहिता की गंभीर उपेक्षा की गई है, जिसे लेकर वो नेशनल मेडिकल एसोसिएशन (एनएमसी) को पत्र लिखेगा।

इस संहिता के मुताबिक, कोई डॉक्टर किसी भी दवा की कंपोजीशन (माने वो किन चीजों को मिलाकर बनाई गई) को जाने बिना उसे प्रेस्क्राइब या प्रोमोट नहीं कर सकता।

बयान में लिखा है, ''नियम कहते हैं कि कोई भी डॉक्टर किसी दवा को प्रमोट नहीं कर सकता है, लेकिन केंद्रीय मंत्री जो कि खुद एक डॉक्टर हैं, उनके द्वारा दवा को प्रमोट किया जाना चौंकाता है।''

अगर कोरोनिल इतनी प्रभावशाली है तो टीकाकरण पर करोड़ों का ख़र्चा क्यों?

कोरोना की तथाकथित दवा कोरोनिल को लेकर IMA ने ये सवाल भी उठाया कि अगर कोरोनिल, कोरोना से बचाव में इतनी प्रभावशाली है तो भारत सरकार टीकाकरण पर 35 हज़ार करोड़ रुपये क्यों खर्च कर रही है।

IMA ने पतंजलि की कोरोनिल दवा पर सवाल खड़े करते हुए डॉ. हर्षवर्धन को आड़े हाथ लेते हुए एक के बाद एक कई तीखे सवाल पूछ लिए।

IMA ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से क्या सवाल पूछे हैं?

  • देश के स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते, ये कितना उचित और तार्किक है कि आप इस तरह की झूठी जानकारी पूरे देश के सामने रखें?
  • देश के स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते, ये कितना न्यायसंगत है कि आप झूठी जानकारी के साथ अवैज्ञानिक उत्पाद को देश की जनता के सामने जारी करें?
  • देश के स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते, ये कितना नैतिक है कि आप किसी उत्पाद को अनैतिक, ग़लत और झूठे ढंग के साथ पूरे देश के सामने पेश करें?
  • देश के स्वास्थ्य मंत्री और आधुनिक मेडिसिन डॉक्टर होने के नाते, आपका एक अवैज्ञानिक उत्पाद को देश की जनता के समक्ष पेश करना कितना नैतिक है?
  • देश के स्वास्थ्य मंत्री और आधुनिक मेडिसिन डॉक्टर होने के नाते, क्या आप स्वयं द्वारा जारी किए गए तथाकथित एंटी-कोरोना उत्पाद के तथाकथित क्लिनिकल ट्रायल, अगर हुए हैं तो, उनका टाइम फ्रेम और टाइम लाइन स्पष्ट कर सकते हैं?
  • देश के स्वास्थ्य मंत्री और आधुनिक मेडिसिन डॉक्टर होने के नाते, क्या आप स्वयं द्वारा जारी किए गए तथाकथित एंटी-कोरोना उत्पाद के तथाकथित क्लिनिकल ट्रायल के लिए डबल ब्लाइंड और सिंगल ब्लाइंड क्लिनिकल ट्रायल में शामिल मरीज़ों के बारे में स्पष्ट कर सकते हैं? क्या इन मरीजों से सुविज्ञ सहमति ली गई थी?
  • लॉन्च के बाद एक इंटरव्यू में बाबा रामदेव ने आधुनिक चिकित्सा पद्धति की आलोचना करते हुए इसे मेडिकल टेरेरिज़्म की संज्ञा दी। देश के स्वास्थ्य मंत्री और आधुनिक मेडिसिन डॉक्टर होने के नाते, क्या आप बाबा रामदेव के इन बेहद आपत्तिजनक और भड़काऊ बयान पर स्पष्टीकरण दे सकते हैं?
  • आपकी उपस्थिति में बताया गया है कि इस दवा को डीजीसीआई द्वारा अनुमति मिल गई है, ये किस आधार पर किया गया?

गौरतलब है कि कोविड-19 से जुड़े कई मामलों में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और IMA आमने-सामने नज़र आए हैं। पिछले साल अक्टूबर महीने में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना संक्रमण के उपचार और रोकथाम के लिए योग और आयुर्वेदिक आधारित प्रोटोकॉल जारी किया था। तब IMA ने हर्षवर्धन को संबोधित कर एक बयान जारी कर कहा था कि उनके मंत्रालय के कितने सहयोगियों ने इस प्रोटोकॉल के तहत इलाज कराने का फैसला किया है।

संगठन ने कहा था कि मंत्रालय को सभी मान्य परीक्षण करने के बाद इस तरह के प्रोटोकॉल जारी करने चाहिए। IMA ने तब भी केंद्रीय मंत्री से सवाल करते हुए कहा था कि यदि उनके पास सवालों के जवाब नहीं है तो वह इन गोलियों (प्लेसबो) को दवा कहकर देश और भोली-भाली जनता के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं। इसके अलावा कोविड-19 से डॉक्टरों की लगातार मौत होने पर भी IMA ने स्वास्थ्य मंत्रालय और हर्षवर्धन की कड़ी आलोचना की थी।

कोरोनिल अपने लॉन्च से ही विवादों में रही है!

वहीं अगर कोरोनिल की बात करें तो दवा अपने शुरुआती दौर से ही विवादों में रही है। इससे पहले पतंजलि ने जून 2020 में कोरोनिल को लॉन्च किया था। उस समय इसे कोरोना वायरस संक्रमण की दवा बताया गया था। तब आयुष मंत्रालय ने पतंजलि की ओर से कोविड-19 की दवा खोज लेने के दावों को लेकर मीडिया में छपी रिपोर्टों पर संज्ञान लेते हुए कहा था कि कथित वैज्ञानिक अध्ययन के दावों की सच्चाई और विवरण के बारे में मंत्रालय को कोई जानकारी नहीं है।

बाद में दवा पर जानकारों ने सवाल उठाए तो कंपनी ने इसे ‘इम्यूनिटी बूस्टर’ यानी रोगों के खिलाफ शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने वाली दवा बताया था। इस बार इसे कोविड-19 के ‘सपोर्टिंग ड्रग’ के रूप में सामने लाया गया है। साथ ही रिसर्च पेपर भी लोगों के सामने रखा गया है। इनमें बताया गया है कि पतंजलि ने दवा को किस तरह तैयार किया है।

रिपोर्टों के मुताबिक, इस रिसर्च पेपर के आधार पर उत्तराखंड की सरकार ने पतंजलि को लाइसेंस जारी कर दिया और आयुष मंत्रालय ने भी दवा बेचने की इजाजत दे दी। हालांकि पताजंलि के दावों पर इससे पहले भी कई सवाल उठ चुके हैं। अब डॉक्टरों के सबसे बड़े संगठन की आपत्ति के बाद एक बार फिर कोरोनिल और स्वास्थ्य मंत्री दोनों फज़ीहत में पड़ते नज़र आ रहे हैं।  

Coronavirus
corona vaccine
Coronil
Baba Ramdev
Patanjali
IMA

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में आज फिर कोरोना के मामलों में क़रीब 27 फीसदी की बढ़ोतरी

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के घटते मामलों के बीच बढ़ रहा ओमिक्रॉन के सब स्ट्रेन BA.4, BA.5 का ख़तरा 

कोरोना अपडेट: देश में फिर से हो रही कोरोना के मामले बढ़ोतरी 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना मामलों में 17 फ़ीसदी की वृद्धि

कोरोना अपडेट: अभी नहीं चौथी लहर की संभावना, फिर भी सावधानी बरतने की ज़रूरत

कोरोना अपडेट: दुनियाभर के कई देशों में अब भी क़हर बरपा रहा कोरोना 

दिवंगत फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी को दूसरी बार मिला ''द पुलित्ज़र प्राइज़''

कोरोना अपडेट: देश में एक्टिव मामलों की संख्या 20 हज़ार के क़रीब पहुंची 

प्रधानमंत्री जी... पक्का ये भाषण राजनीतिक नहीं था?

देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, PM मोदी आज मुख्यमंत्रियों संग लेंगे बैठक


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License