NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
भारत
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
WHO और भारत सरकार की कोरोना रिपोर्ट में अंतर क्य़ों?
कोरोना में हुई मौतों पर डब्ल्यूएचओ ने रिपोर्ट जारी की है, जो भारत सरकार द्वारा पेश की गई रिपोर्ट से बिल्कुल अलग है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
06 May 2022
covid
Image courtesy : DW

कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर में हुई मौतों पर अक्सर विवाद छिड़ा रहता है, राजनीतिक पार्टियों समेत देश के तमाम जानकारों ने भारत में हुई कोरोना से मौतों के सरकारी आंकड़ों पर सवाल खड़े किए हैं, ऐसे में अब विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) ने पूरे विश्व के साथ-साथ भारत में हुई कोरोना से मौतों के आंकड़े जारी कर नई बहस को जन्म दे दिया है। 

डब्ल्यूएचओ के अनुसार पिछले दो सालों में भारत के अंदर कोरोना से 47 लाख मौतें हुई हैं जो आधिकारिक आंकडो़ं से 10 गुना ज्यादा है, जबकि दुनियाभर में हुई मौतों का एक तिहाई है।        

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट भारत सरकार की ओर से सवाल खड़े किए गए हैं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि भारत डब्ल्यूएचओ के गणितीय मॉडल के आधार पर ज्यादा मृत्यु दर का अनुमान लगाने वाले कार्यप्रणाली पर लगातार आपत्ति जताता रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि डब्ल्यूएचओ मॉडल की प्रक्रिया, कार्यप्रणाली और परिणाम पर भारत की आपत्ति के बावजूद भारत की चिंताओं को पर्याप्त रूप से समझे बग़ैर मृत्य़ु दर के आंकड़ों को बढ़ा कर दिखाया गया है।   

भारत के हवाले से ये भी कहा गया है कि रजिस्ट्रार जनरल यानी आरजीआई ने नागरिक पंजीकरण प्रणाली यानी सीआरएस के ज़रिए डब्ल्यूएचओ को ये बताया था कि गणितीय मॉडल का उपयोग भारत के अतिरिक्त मृत्यु संख्या को पेश करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। 

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया कि भारत में जन्म और मृत्यु का पंजीकरण बेहद मज़बूत है और दशकों पुराने वैधानिक कानूनी ढांचे यानी जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 द्वारा शासित है। 

डब्ल्यूएचओ से हटकर अगर भारत सरकार द्वारा दी गई रिपोर्ट की माने तो देश में जनवरी 2020 से दिसंबर 2021 तक कोरोना से कुल 4 लाख 80 हज़ार मौते हुई हैं जो डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों को पूरी तरह से ग़लत साबित करती हैं। 

वहीं डब्ल्यूएचओ के मुताबिक भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में कोरोना महामारी से लगभग 1.5 करो़ड़ लोगों की जान गई है जो आफिशियल डेटा से 3 गुना ज्य़ादा है। 

COVID-19
Corona Deaths
Covid Death in India
WHO Report
WHO Report on Coronavirus

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां


बाकी खबरें

  • Kashmir press club
    राज कुमार
    जम्मू-कश्मीर में मीडिया का गला घोंट रही सरकार : प्रेस काउंसिल
    15 Mar 2022
    ग़ौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने सितंबर 2021 में प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया को एक पत्र लिखा था और मांग की थी कि काउंसिल एक फ़ैक्ट फ़ाइंडिंग टीम भेजकर जम्मू-कश्मीर में…
  • Jharkhand
    अनिल अंशुमन
    झारखंड: हेमंत सरकार ने आदिवासी समूहों की मानी मांग, केंद्र के ‘ड्रोन सर्वे’ कार्यक्रम पर लगाईं रोक
    15 Mar 2022
    ‘ड्रोन सर्वे’ और ‘ज़मीन की डिजिटल मैपिंग’ कार्यक्रम के खिलाफ आवाज़ उठा रहे सभी आदिवासी संगठनों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।
  • अजय कुमार
    रूस पर लगे आर्थिक प्रतिबंध का भारत के आम लोगों पर क्या असर पड़ेगा?
    15 Mar 2022
    आर्थिक जानकारों का कहना है कि सरकार चाहे तो कच्चे तेल की वजह से बढ़े हुए ख़र्च का भार ख़ुद सहन कर सकती है।
  • रौनक छाबड़ा
    ईपीएफओ ब्याज दर 4-दशक के सबसे निचले स्तर पर, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने आम हड़ताल से पहले खोला मोर्चा 
    15 Mar 2022
    ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने शनिवार को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अपनी मौजूदा ब्याज दर को 8.5% से घटाकर 8.1% करने की सिफारिश की है। 
  • सतीश भारतीय
    हरियाणा के बजट पर लोगों की प्रतिक्रिया 
    15 Mar 2022
    सरकार बजट को आंकड़ों की लफ़्फ़ाज़ी के साथ पेश तो कर देती है। मगर अधिकतर पढ़े लिखे और आम लोग बजट के बारे में ढंग से जानते नहीं है। क्योंकि उन्हें लगता है कि बजट का उन्हें सीधे तौर पर कोई वाजिब लाभ नहीं…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License