“हम चाहें तो तुम्हें 365 दिन इसी जगह खड़ा रखवा सकते हैं।”
ये धमकी गुजरात में विधायक और स्वास्थ्य राज्यमंत्री कुमार कानानी के बेटे प्रकाश कानानी ने एक महिला पुलिसकर्मी को दी है। महिला पुलिसकर्मी का नाम सुनीता यादव है और उन्हें विधायक के बेटे को लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने पर टोकने के चक्कर में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया है।
इस खबर के संबंधित वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर #SunitaYadav ट्रेंड कर रहा है। आम लोगों से लेकर बॉलीवुड सेलेब्स और कई राजनीति से जुड़े लोग भी सुनीता यादव का समर्थन कर रहे है। इंडियन पुलिस फाउंडेशन (IPF) ने भी सुनीता यादव का सपोर्ट किया है।
IPF ने ट्विटर पर लिखा कि जब पुलिसकर्मी ने गरिमा के साथ अपनी ड्यूटी का निर्वहन किया, ऐसे में उनके साथ खड़े होना उनके सुपरवाइजर की ड्यूटी है। IPF ने लिखा कि हर पुलिस अधिकारी भारत के संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेता है, बिना किसी डर या पक्षपात के कानून को सख्ती से लागू करने की शपथ लेता है।
IPF ने पूछा है कि क्या सीनियर और सिस्टम महिला कॉन्सटेबल को सपोर्ट करेंगे? या फिर वीवीआईपी का बोलबाला होगा? IPF ने कॉन्सटेबल की तारीफ करते हुए कहा कि उन जैसे अफसर इंटरनल पुलिस रिफॉर्म्स और ट्रांसफॉर्मेशन की उम्मीद हैं।
क्या है पूरा मामला?
कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में नाइट कर्फ्यू लागू है। यानी बिना किसी जरूरी काम के आप रात में घर से बाहर नहीं निकल सकते। घर से निकलने के लिए मास्क पहनना जरूरी है। गुजरात में भी रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक यही नियम लागू है। लेकिन बुधवार, 8 जुलाई की रात करीब 10:30 बजे सूरत के मंगध चौक पर कुछ लोग एक गाड़ी में बिना मास्क लगाए घूम रहे थे। कॉन्स्टेबल सुनीता यहीं अपनी ड्यूटी कर रही थीं। सुनीता ने उन्हें रोका, नाइट कर्फ्यू के दौरान सड़क पर घूमने और मास्क न लगाने को लेकर पूछताछ की।
इसके बाद एक लड़के ने अपने दोस्त, मंत्री के बेटे प्रकाश को बुला लिया। जब सुनीता ने पूछा कि नाइट कर्फ्यू में क्यों घूम रहे हो, तो इसे लेकर लड़के बहस करने लगे। इसके बाद जो कुछ हुआ उसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुनीता ने बेटे प्रकाश को लेकर स्वास्थ्य मंत्री कानानी से भी बात की। जिसके बाद मंत्री जी ने जवाब दिया कि क्या तुम मेरे से बहस कर रही हो। वो मेरा बेटा है, मेरी गाड़ी है, वो चला सकता है।
इसके बाद सुनीता ने वारछा पुलिस स्टेशन में कॉल करके वहां के इंस्पेक्टर को पूरा मामला बताया। इंस्पेक्टर ने कहा कि उसकी ड्यूटी ये है कि उस एरिया में कोई हीरा और टेक्सटाइल यूनिट न खुले। न कि कर्फ्यू में आने जाने वाले लोगों का ध्यान रखना। इसके बाद इंस्पेक्टर ने सुनीता को घर जाने का आदेश दे दिया।
मंत्री के समर्थकों और बेटे से महिला पुलिसकर्मी के साथ बातचीत का ऑडियो भी वारयल हो रहा है जिसमें मंत्री का बेटा प्रकाश कह रहा है- “हम चाहें तो तुम्हें 365 दिन इसी जगह खड़ा रखवा सकते हैं।”
इस पर सुनीता ने कहा कि वो उसके पिता की नौकर नहीं है, जो उसे वो वहां 365 दिन खड़ा रखेगा।
इस घटना से संबंधित एक अन्य वीडियो भी वायरल हो रहा है। जिसमें सुनीता मंत्री के बेटे से सवाल कर रही हैं कि वो विधायक की गाड़ी लेकर क्यों घूम रहे हैं जबकि गाड़ी में तो विधायक है ही नहीं? इसके बाद वे गाड़ी से नेमप्लेट भी उतरवा लेती हैं।
बताया जा रहा है कि महिला पुलिस ने इस विवाद के बाद अपना इस्तीफा सौंप दिया है। हालांकि उनके इस्तीफे को फिलहाल मंजूर नहीं किया गया है। वहीं दूसरी तरफ सूरत के पुलिस कमिश्नर राजेंद्र ब्रह्मभट्ट ने इस मामले की जांच एसीपी सीके पटेल को सौंप दी है साथ ही महिला पुलिसकर्मी के ट्रांसफर और फिर छुट्टी पर भेजे जाने की भी खबर है।
पुलिस प्रशासन का क्या कहना है?
सूरत पुलिस के पीआरओ पीएल चौधरी ने कहा कि एक वीडियो संज्ञान में आया है, इस मामले में हमें शिकायत मिली है। हमने जांच बैठा दी है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कुमार कनानी ने क्या कहा?
इस पूरे मामले पर मंत्री कुमार कनानी ने आरोप लगाया कि महिला कॉन्स्टेबल ने उनके बेटे के साथ बदतमीजी से बात की और इस रिकॉर्डिंग का केवल एक हिस्सा वायरल हुआ है। अहमदाबाद मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, कनानी ने कहा, "जो पब्लिक किया गया वो ऑडियो चार पार्ट में था, जहां उस हिस्से को डिलीट कर दिया गया जिसमें उन्होंने गलत भाषा का प्रयोग किया है। अब सच सबके सामने है जब पूरा वीडियो अब सामने आ गया है।"
कनानी ने कहा कि यादव ने उनसे फोन पर बात की थी और उन्होंने महिला कॉन्सटेबल से कहा था कि वो कानूनी कार्रवाई करें, लेकिन गलत भाषा का प्रयोग न करें।
सुनीता यादव के समर्थन में उठी आवाज़ें
लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने पर मंत्री के बेटे को फटकार लगाने वाली महिला कॉन्सटेबल सुनीता यादव को कई लोगों ने सपोर्ट किया है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा, "ईमानदारी से काम कर रहे अफसर को ड्यूटी मत सिखाओ, अपनी बिगड़ी औलादों को तमीज़ सिखाओ! ऐसे ढीठों को सुधारने के लिए सुनीता यादव जैसे और अफसरों को आगे आने की जरूरत है।"
सुनीता यादव का साथ देने बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर भी आगे आई और सिस्टम को जमकर खरी खोटी सुनाई।
स्वरा ने एक ट्वीट में लिखा- 'वो अपने इस काम के लिए प्रमोशन की हकदार हैं, लेकिन प्रमोशन के बजाय उन्हें इस्तीफा देना पड़ रहा है! क्या यह हमारे देश में एक लोक सेवक के लिए पुरस्कार है?'
कवि और आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता कुमार विश्वास ने भी इस मामले पर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को टैग कर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “तो क्या तय किया विजय रूपाणी जी? सत्ता का चरित्र कभी बदलेगा या हर बार बस सरकार ही बदलेगी? उस सीनियर को जूनियर करिए और इस बहादुर जूनियर को सीनियर बनाइए।”
गौरतलब है कि पुलिस ने मंत्री के बेटे प्रकाश और उसके दो दोस्तों को कर्फ्यू उल्लंघन करने के आरोप में IPC की धारा 188, 269, 270 और 144 के तहत केस दर्ज कर रविवार, 12 जुलाई को गिरफ्तार भी किया था। लेकिन उन्हें जल्द ही जमानत पर रिहा भी कर दिया गया।