NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
महिला उत्पीड़न : योगी सरकार के खिलाफ सड़कों पर महिलाएं
महिलाओं की मांग है कि चिन्मयानंद पर बलात्कार की धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया जाए। प्रदर्शन में महिला संगठनों द्वारा सुल्तानपुर में एक दलित लड़की के साथ हुई बर्बरता का मुद्दा भी उठाया गया।
असद रिज़वी
24 Oct 2019
women harassment

प्रदेश में बढ़ रहे महिला उत्पीड़न के ख़िलाफ़ प्रशासन के दबाव के बावजूद राजधानी लखनऊ में बुधवार को बड़ी संख्या में महिलाओं ने योगी आदित्यनाथ सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन किया। महिलाओं की मांग है कि चिन्मयानंद पर बलात्कार की धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया जाए। प्रदर्शन में महिला संगठनों द्वारा सुल्तानपुर में एक दलित लड़की के साथ हुई बर्बरता का मुद्दा भी उठाया गया।

महिला संगठनों का आरोप है कि योगी आदित्यनाथ सरकार महिला सुरक्षा के मुद्दे पर गम्भीर नहीं है। इसके अलावा प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध बढ़ते अत्याचारों के ख़िलाफ़ होने वाले आंदोलनों को भी सरकार दबाना चाहती है। महिला संगठनों ने भाजपा सरकार पर आरोप ऐसे समय में लगाया है जब सोमवार को जारी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट (2017) में भी सामने आया है कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध पूरे देश में सबसे अधिक हैं।

साझी दुनिया की सचिव प्रो०रूप रेखा वर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि सुल्तानपुर के दुबेपुर ब्लॉक के पलिया गाँव में एक दलित लड़की (23) की बर्बरता से हत्या कर दी गई थी। प्रो०रूप रेखा वर्मा ने कहा कि दलित लड़की की शव को सितम्बर 10  को गाँव वालों ने देखा था। शव को देखकर ऐसा लग रह था कि  बर्बरता की सभी सीमाओं को पार कर दिया गया था। शव के पास से शराब की बोतलें भी मिली थी।

प्रो० रूप रेखा ने आरोप लगाया कि इतने गम्भीर मामले में प्रदेश पुलिस ने लापरवाही की और शव का पोस्ट्मॉर्टम 72 घंटे बाद कराया गया, जो नियम के ख़िलाफ़ है। लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति रूप रेखा वर्मा ने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने इस मामले को मीडिया से छुपाने की कोशिश की जबकि यह मामला निर्भया कांड से भी भयानक है।

प्रो० रूप रेखा वर्मा ने बताया कि इस मामले की शिकायत करने के लिए उन्होंने और कई दूसरे महिला संगठनों ने डीजीपी से मिलने का समय माँगा था। लेकिन समय देने के बावजूद वह महिला संगठनों से नहीं मिले। इसके अलावा इस घटना को लेकर वह 05 अक्टूबर को सुल्तानपुर के एसपी से भी मिलने गई थी।लेकिन वह भी नहीं मिले।
women harasment.PNG
साझी दुनिया ने माँग की है कि सुल्तानपुर के पलिया गाँव की दलित लड़की के हुए सामूहिक बलात्कार का मुक़दमा अनुसूचित जाति के अधिनियम की धाराओं के तहत लिखा जाये।इसके अलावा लड़की के घर वालों की सुरक्षा और आर्थिक सहायता देने की माँग की है। उन्होंने चिन्मयानन्द के ख़िलाफ़ बलात्कार की धाराओं के अंतर्गत मुक़दमा लिखाए जाने की माँग भी की है।

क्योंकि अभी हाल में ही अक्टूबर 15 को महिला सुरक्षा के मुद्दे पर हो रहे एक प्रदर्शन के दौरान साझी दुनिया के कार्यकर्ताओं से पुलिस ने अभद्र व्यवहार किया था। जिस से नाराज़ होकर अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने भी बुधवार को हुए साझी दुनिया के प्रदर्शन को समर्थन दिया।

अखिल भारतीय महिला समिति की वरिष्ठ सदस्य मधु गर्ग ने प्रदर्शनकारीयों को सम्बोधित करते हुए कहा की योगी सरकार, उत्तर प्रदेश में महिला आन्दोलनो को दबाने की कोशिश कर रही है। मधु गर्ग ने बताया की महिला मुद्दों पर प्रदर्शन करने के लिए सरकार की तरफ़ से उन पर विभिन धाराओं में मुक़दमे दर्ज किए गए हैं।

उन्होंने आरोप लगाया की विधान सभा से कुछ मीटर की दूरी पर स्थित गांधी प्रतिमा पर अगर सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया जाता है, तो स्थानीय पुलिस आकर प्रदर्शनकारियों से अभद्र व्यवहार करती है और उनको पाकिस्तानी कहती है। जबकि लोकतंत्र में शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोकना संविधान के विरुद्ध है।

उन्होंने ने कहा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की 2017 की जारी रिपोर्ट से मालूम हुआ है की महिलाओं के प्रति अपराध में उत्तर प्रदेश प्रथम रहा है।उन्होंने योगी सरकार महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर गम्भीर नहीं है, और अगर आगे भी हालत नहीं सुधरे तो 2018 के आँकड़े और भी भयानक हो सकते हैं।अपने भाषण के अंत में उन्होंने में कहा की उत्तर प्रदेश में सिर्फ़ भगवा ब्रिगेड के लोगों को बोलने का अधिकार है और अन्य लोगों के लिए आपातकाल जैसी स्थिति है।

धरने में आये नजम फ़ारूक़ी ने कहा की मौजूदा सरकार में ना सिर्फ़ महिलाओं बल्कि छात्रों,अल्पसंखियाको,दलितों, किसानो और मज़दूरों आदि सभी का उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने का इन सभी में सरकार के ख़िलाफ़ आक्रोश है।नजम फ़ारूक़ी ने कहा की सभी पीड़ित लोगों को एक साथ मिलकर आवाज़ उठाना चाहिए और सरकारी दमन के ख़िलाफ़ सत्याग्रह करना चाहिए है।

बता दें की लखनऊ की गांधी प्रतिमा(जीपीओ) के पास हुए प्रदर्शन में अक्टूबर 15, 2019 को  साझी दुनिया के सचिव प्रो० रूपरेखा वर्मा के साथ राजधानी पुलिस ने अभद्र व्यवहार किया था। प्रो०रूपरेखा वर्मा जो एक वरिष्ठ नागरिक है उनका आरोप है कि चिन्मयानन्द और सुल्तानपुर मामले को लेकर हो रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या पुलिसकर्मी गांधी प्रतिमा (प्रदर्शनस्थल) के पास पहुंच गए और प्रदर्शन समाप्त करने के लिए दबाव बनाने लगे।

साझी दुनिया का यह भी आरोप है कि प्रदर्शन  रोकने पर पुलिस ने प्रदर्शन में मौजूद समाजिक कार्यकर्ताओं के साथ अभद्रता और मारपीट की।पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के साथ धक्का-मुक्की भी की थी। जिसमें दो कार्यकर्ताओं कुलदीप और शावेज़ को मामूली चोटें भी आई थी।

उल्लेखनीय है  कि सोमवार नई दिल्ली में जारी की गई, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार  उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में महिलाओं के प्रति कुल 56,011 अपराध दर्ज हुए हैं। जबकि सम्पूर्ण देश में कुल 3,59,849 लाख अपराध दर्ज किए गए हैं।

वर्ष 2015 में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति कुल 35,908 और 2016 में 49,262 अपराध दर्ज किए गए थे। उत्तर प्रदेश में में 2017 में प्रदेश में बलात्कार के कुल 4246 मामले दर्ज हुए थे। 

Female harassment
UttarPradesh
yogi sarkar
Yogi Adityanath
Sexual Abuse of Women
Women protest

Related Stories

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

अनुदेशकों के साथ दोहरा व्यवहार क्यों? 17 हज़ार तनख़्वाह, मिलते हैं सिर्फ़ 7000...

बलिया: पत्रकारों की रिहाई के लिए आंदोलन तेज़, कलेक्ट्रेट घेरने आज़मगढ़-बनारस तक से पहुंचे पत्रकार व समाजसेवी

पत्रकारों के समर्थन में बलिया में ऐतिहासिक बंद, पूरे ज़िले में जुलूस-प्रदर्शन

यूपी: खुलेआम बलात्कार की धमकी देने वाला महंत, आख़िर अब तक गिरफ़्तार क्यों नहीं

पेपर लीक प्रकरणः ख़बर लिखने पर जेल भेजे गए पत्रकारों की रिहाई के लिए बलिया में जुलूस-प्रदर्शन, कलेक्ट्रेट का घेराव


बाकी खबरें

  • Supreme Court
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मध्यप्रदेश ओबीसी सीट मामला: सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला अप्रत्याशित; पुनर्विचार की मांग करेगी माकपा
    20 Dec 2021
    मध्य प्रदेश पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण समाप्त करने, अन्य पिछड़े समुदायों के लिए निर्धारित और आरक्षित पदों पर चुनाव रोकने, उनकी बहुसंख्या को सामान्य सीटों में परिवर्तित करने का निर्देश देने वाले…
  • CAA
    ज़ाकिर अली त्यागी
    CAA हिंसा के 2 साल: मायूसियों के बीच इंसाफ़ की जद्दोजहद करते मृतकों के परिजन!
    20 Dec 2021
    20 दिसंबर 2019 को पूरे देश मे CAA के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हुए, उसी प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश में 23 लोगों की जान गई। आज 2 साल बाद मृतकों के परिवारों का क्या हाल है, कैसे जी रहे हैं वो, उनकी न्याय की…
  • covid
    न्यूज़क्लिक टीम
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 6,563 नए मामले, ओमिक्रॉन के मामले बढ़कर 157 हुए
    20 Dec 2021
    देश में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 3 करोड़ 47 लाख 46 हज़ार 838 हो गयी है। देश में ओमिक्रॉन के मामलों की संख्या भी तेजी से बढ़ती जा रही है। ओमिक्रॉन अब तक 12 राज्यों में फैल चुका है।
  • Modi rally
    राज कुमार
    दो टूक: ओमिक्रॉन का ख़तरा लेकिन प्रधानमंत्री रैलियों में व्यस्त
    20 Dec 2021
    जैसे ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया को ओमिक्रॉन के ख़तरे से सावधान किया तो प्रधानमंत्री ने भी ट्वीट करके लोगों को शारीरिक दूरी बनाए रखने और मास्क पहनने की सीख दे डाली। लेकिन अगले ही पल विशाल…
  • agri
    डॉ सुखबिलास बर्मा
    कृषि उत्पाद की बिक़्री और एमएसपी की भूमिका
    20 Dec 2021
    भारत सरकार ने 2000 के दशक की शुरुआत में किसानों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए एमएसपी तय करके बाज़ार हस्तक्षेप नीति का पालन किया था। इस तरह,एमएसपी सरकार की परिकल्पित मूल्य नीति का प्रमुख घटक बन गयी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License