NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
ऑस्ट्रेलिया में महिलाओं ने यौन हिंसा के ख़िलाफ़ रैली निकाली
सरकारी अधिकारियों पर हाल ही में यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर कैनबरा, सिडनी और मेलबर्न जैसे प्रमुख शहरों सहित 40 से अधिक शहरों और कस्बों में हज़ारों की संख्या में महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया।
पीपल्स डिस्पैच
16 Mar 2021
ऑस्ट्रेलिया में महिलाओं ने यौन हिंसा के ख़िलाफ़ रैली निकाली

ऑस्ट्रेलिया में हजारों महिलाओं ने सोमवार 15 मार्च को यौन उत्पीड़न और हिंसा के खिलाफ रैली निकाली। खबरों के अनुसार, सभी प्रमुख शहरों और यहां तक कि छोटे शहरों में हज़ारों महिलाएं न्याय और यौन हिंसा व कार्यस्थल पर उत्पीड़न को समाप्त करने की मांग करते हुए सड़कों पर उतर गईं। ये राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन हाल ही में सत्ताधारी रूढ़िवादी लिबरल-नेशनल गठबंधन सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को यौन उत्पीड़न के मामले में जिम्मेदार ठहराने के बाद हुआ है।

लिबरल पार्टी के कर्मचारी ब्रिटानी हिगिंस जिन्होंने अपने सहयोगियों द्वारा 2019 में कथित रेप की घटना के बारे में खुलासा किया था वह कैनबरा में संसद भवन के बाहर की रैली में प्रमुख वक्ताओं में से एक थीं।

फरवरी महीने में रेप के दो आरोपों के चलते ऑस्ट्रेलियाई संसद में हंगामा हुआ था खासकर सत्तारूढ़ रूढ़िवादी गठबंधन को इस नाराजगी का सामना करना पड़ा। इन मामलों में कार्रवाई के तरीकों को लेकर भी नाराजगी रही। सबसे पहले हिगिंस ने खुलासा किया था। उन्होंने 2019 में रक्षा मंत्री और सीनेटर लिंडा रेनॉल्ड्स के कार्यालय से वरिष्ठ सहयोगियों द्वारा कथित रूप से रेप किए जाने को लेकर खुलासा किया था।

हिगिंस ने यह भी कहा था कि उन्हें अपनी नौकरी खोने का खतरा था और इसलिए उन्होंने इस मामले को वापस ले लिया। उन्होंने सीनेटर रेनॉल्ड्स और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं पर उनकी मदद नहीं करने का भी आरोप लगाया।

हिगिंस के मामले के सामने आने के महज एक हफ्ते बाद एबीसी ने जून 2020 में एक दिवंगत महिला द्वारा संसद के वरिष्ठ सदस्यों को लिखे गए पत्रों को प्रकाशित किया था। उन्होंने 1988 में मॉरिसन सरकार में मंत्री द्वारा रेप किए जाने का आरोप लगाया था। उस समय वह 16 वर्ष की थी। इसी महीने मामला वापस लेने के कुछ दिनों बाद ही पीड़िता ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।

अटॉर्नी जनरल क्रिश्चियन पोर्टर जो मॉरिसन सरकार में सदन के नेता और औद्योगिक मामलों के मंत्री थे बाद में उन्होंने आरोपी मंत्री होने की बात स्वीकार की थी। लेकिन पोर्टर ने इन आरोपों से इनकार किया और रैली के दिन इस मामले को प्रकाशित करने वाले एबीसी और लुईस मिलिगन के खिलाफ मामला दायर किया।

दोनों मामलों में नारीवादियों और जमीनी स्तर के एक्टिविस्टों ने सरकार पर पीड़ितों के प्रति घोर असंवेदनशीलता का आरोप लगाया और जवाबदेही की मांग की। 

australia
exploitation of women
sexual violence
sexual harassment
Women rally in Australia

Related Stories

बीएचयू: यौन हिंसा के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन, प्रशासन का असंवेदनशील रवैया!

बात बोलेगी: दलित एक्टिविस्ट नोदीप कौर की गिरफ़्तारी, यौन हिंसा, मज़दूर-किसान एकता को तोड़ने की साज़िश!

बाल यौन शोषण प्रकरण: महिलाएं हों या बच्चे यूपी में कोई सुरक्षित नहीं!

हाथरस बनाम बलरामपुर, यूपी बनाम राजस्थान की बहस कौन खड़ी कर रहा है!

झारखंड: नहीं थम रहे महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध, फिर दो मासूमों के साथ बलात्कार!

तुर्की : नारीवादी समूहों ने देश में महिलाओं पर बढ़ती हिंसा का विरोध किया

'औरत मार्च' पाकिस्तान के पितृसत्तात्मक सोच पर एक चोट है!

गार्गी कॉलेज जैसी घटनाएं होना बेहद ख़तरनाक लेकिन इनपर चुप्पी और भी बड़ा अपराध!

गार्गी कॉलेज यौन हमला : डीयू के छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन, पुलिस की कार्रवाई भी कठघरे में

गार्गी कॉलेज प्रकरण: अब हमले हमें डरा नहीं रहे, बल्कि एकजुट होना और बोलना सिखा रहे हैं


बाकी खबरें

  • आज का कार्टून
    आम आदमी जाए तो कहाँ जाए!
    05 May 2022
    महंगाई की मार भी गज़ब होती है। अगर महंगाई को नियंत्रित न किया जाए तो मार आम आदमी पर पड़ती है और अगर महंगाई को नियंत्रित करने की कोशिश की जाए तब भी मार आम आदमी पर पड़ती है।
  • एस एन साहू 
    श्रम मुद्दों पर भारतीय इतिहास और संविधान सभा के परिप्रेक्ष्य
    05 May 2022
    प्रगतिशील तरीके से श्रम मुद्दों को उठाने का भारत का रिकॉर्ड मई दिवस 1 मई,1891 को अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में मनाए जाने की शुरूआत से पहले का है।
  • विजय विनीत
    मिड-डे मील में व्यवस्था के बाद कैंसर से जंग लड़ने वाले पूर्वांचल के जांबाज़ पत्रकार पवन जायसवाल के साथ 'उम्मीदों की मौत'
    05 May 2022
    जांबाज़ पत्रकार पवन जायसवाल की प्राण रक्षा के लिए न मोदी-योगी सरकार आगे आई और न ही नौकरशाही। नतीजा, पत्रकार पवन जायसवाल के मौत की चीख़ बनारस के एक निजी अस्पताल में गूंजी और आंसू बहकर सामने आई।
  • सुकुमार मुरलीधरन
    भारतीय मीडिया : बेड़ियों में जकड़ा और जासूसी का शिकार
    05 May 2022
    विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय मीडिया पर लागू किए जा रहे नागवार नये नियमों और ख़ासकर डिजिटल डोमेन में उत्पन्न होने वाली चुनौतियों और अवसरों की एक जांच-पड़ताल।
  • ज़ाहिद ख़ान
    नौशाद : जिनके संगीत में मिट्टी की सुगंध और ज़िंदगी की शक्ल थी
    05 May 2022
    नौशाद, हिंदी सिनेमा के ऐसे जगमगाते सितारे हैं, जो अपने संगीत से आज भी दिलों को मुनव्वर करते हैं। नौशाद की पुण्यतिथि पर पेश है उनके जीवन और काम से जुड़ी बातें।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License