NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
डाटा संरक्षण विधेयक जब तक कानून का रूप नहीं लेता, नई निजता नीति लागू नहीं करेंगे: वॉट्सऐप
वॉट्सऐप ने मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ के समक्ष यह भी साफ किया कि इस बीच वह नई निजता नीति को नहीं अपनाने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए उपयोग के दायरे को सीमित नहीं करेगा।
भाषा
09 Jul 2021
डाटा संरक्षण विधेयक जब तक कानून का रूप नहीं लेता, नई निजता नीति लागू नहीं करेंगे: वॉट्सऐप

नयी दिल्ली: वॉट्सऐप ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि जब तक डाटा संरक्षण विधेयक प्रभाव में नहीं आ जाता तब तक वह उपयोगकर्ताओं को नई निजता नीति अपनाने के लिए बाध्य नहीं करेगा और इस नीति पर अभी रोक लगा दी गई है तथा ‘‘संसद के अनुमति देने पर ही’’ इसे लागू किया जाएगा।

वॉट्सऐप ने मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ के समक्ष यह भी साफ किया कि इस बीच वह नई निजता नीति को नहीं अपनाने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए उपयोग के दायरे को सीमित नहीं करेगा।

वॉट्सऐप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा, ‘‘हम स्वत: ही इस (नीति) पर रोक लगाने के लिए तैयार हो गए हैं। हम लोगों को इसे स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं करेंगे।’’

साल्वे ने कहा कि इसके बावजूद वॉट्सऐप अपने उपयोगकर्ताओं के लिए अपडेट का विकल्प दर्शाना जारी रखेगा। इस पर अदालत ने कहा कि भले ही इसके क्रियान्वयन को रोक दिया गया है लेकिन नीति तो फिर भी आस्तित्व में है।

अदालत ने कहा, ‘‘आप इसे लागू भले नहीं कर रहे हों लेकिन नीति तो अभी आस्तित्व में है और किसी भी दिन यह वापस आ सकती है।’’

इस पर साल्वे ने कहा कि जब तक डाटा संरक्षण विधेयक कानून का रूप नहीं ले लेता है तब तक कंपनी इस रूख पर कायम रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘वादा है कि जब तक इस पर संसद कानून नहीं बना देती तब तक मैं कुछ भी नहीं करूंगा। ’’

निजी डाटा संरक्षण विधेयक सरकार और निजी कंपनियों द्वारा किसी भी व्यक्ति के डाटा के इस्तेमाल के नियमन से जुड़ा है। इस विधेयक की जांच करने वाली संसद की संयुक्त समिति को रिपोर्ट देने के लिए मानसून सत्र तक का वक्त दिया गया है।

अदालत फेसबुक और उसकी सहायक कंपनी वॉट्सऐप की अपीलों पर सुनवाई कर रही है जो वॉट्सऐप की नई निजता नीति के मामले में जांच के भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के आदेश पर रोक लगाने से इनकार करने के एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दाखिल की गयी हैं। पिछले महीने वॉट्सऐप ने जांच पर अंतरिम रोक लगाने की मांग के साथ यह आवेदन दिया था।

साल्वे ने अदालत से अनुरोध किया कि जांच के संबंध में सीसीआई द्वारा भेजी गई प्रश्नावली के जवाब देने के लिए वॉट्सऐप को जुलाई माह के अंत तक का वक्त दिया जाए।

अदालत ने इस मामले की सुनवाई 30 जुलाई तक स्थगित कर दी। साथ यह दर्ज किया कि सीसीआई का हलफनामा रिकार्ड में नहीं था।

WhatsApp
Whatsapp Privacy
Whatsapp privacy policy 2021
Data Protection
Facebook

Related Stories

विज्ञापन में फ़ायदा पहुंचाने का एल्गोरिदम : फ़ेसबुक ने विपक्षियों की तुलना में "बीजेपी से लिए कम पैसे"  

बीजेपी के चुनावी अभियान में नियमों को अनदेखा कर जमकर हुआ फेसबुक का इस्तेमाल

फ़ेसबुक पर 23 अज्ञात विज्ञापनदाताओं ने बीजेपी को प्रोत्साहित करने के लिए जमा किये 5 करोड़ रुपये

कानून का उल्लंघन कर फेसबुक ने चुनावी प्रचार में भाजपा की मदद की?

डेटा संरक्षण विधेयक की ख़ामियां और जेपीसी रिपोर्ट की भ्रांतियां

डेटा निजता विधेयक: हमारे डेटा के बाजारीकरण और निजता के अधिकार को कमज़ोर करने का खेल

फ़ेसबुक/मेटा के भीतर गहरी सड़न: क्या कुछ किया जा सकता है?

हेट स्पीच और भ्रामक सूचनाओं पर फेसबुक कार्रवाई क्यों नहीं करता?

एक व्हिसलब्लोअर की जुबानी: फेसबुक का एल्गोरिद्म कैसे नफ़रती और ज़हरीली सामग्री को बढ़ावा देता है

प्रधानमंत्री मोदी का डिजिटल हेल्थ मिशन क्या प्राइवेसी को खतरे में डाल सकता है? 


बाकी खबरें

  • protest
    न्यूज़क्लिक टीम
    दक्षिणी गुजरात में सिंचाई परियोजना के लिए आदिवासियों का विस्थापन
    22 May 2022
    गुजरात के दक्षिणी हिस्से वलसाड, नवसारी, डांग जिलों में बहुत से लोग विस्थापन के भय में जी रहे हैं। विवादास्पद पार-तापी-नर्मदा नदी लिंक परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। लेकिन इसे पूरी तरह से…
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: 2047 की बात है
    22 May 2022
    अब सुनते हैं कि जीएसटी काउंसिल ने सरकार जी के बढ़ते हुए खर्चों को देखते हुए सांस लेने पर भी जीएसटी लगाने का सुझाव दिया है।
  • विजय विनीत
    बनारस में ये हैं इंसानियत की भाषा सिखाने वाले मज़हबी मरकज़
    22 May 2022
    बनारस का संकटमोचन मंदिर ऐसा धार्मिक स्थल है जो गंगा-जमुनी तहज़ीब को जिंदा रखने के लिए हमेशा नई गाथा लिखता रहा है। सांप्रदायिक सौहार्द की अद्भुत मिसाल पेश करने वाले इस मंदिर में हर साल गीत-संगीत की…
  • संजय रॉय
    महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 
    22 May 2022
    पेट्रोलियम उत्पादों पर हर प्रकार के केंद्रीय उपकरों को हटा देने और सरकार के इस कथन को खारिज करने यही सबसे उचित समय है कि अमीरों की तुलना में गरीबों को उच्चतर कीमतों से कम नुकसान होता है।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: महंगाई, बेकारी भुलाओ, मस्जिद से मंदिर निकलवाओ! 
    21 May 2022
    अठारह घंटे से बढ़ाकर अब से दिन में बीस-बीस घंटा लगाएंगेे, तब कहीं जाकर 2025 में मोदी जी नये इंडिया का उद्ïघाटन कर पाएंगे। तब तक महंगाई, बेकारी वगैरह का शोर मचाकर, जो इस साधना में बाधा डालते पाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License