NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
अंतरराष्ट्रीय
विश्व प्रसिद्ध ईजिप्ट की नारीवादी लेखिका नवल अल-सादावी का 89 वर्ष की आयु में निधन
सादावी अरब दुनिया में नारीवाद और साम्राज्यवाद विरोधी एक अकादमिक और कट्टरपंथी आवाज़ थी। इन्हें ईजिप्ट की सरकार और धार्मिक कट्टरपंथियों द्वारा निरंतर प्रताड़ित किया जाता था।
पीपल्स डिस्पैच
22 Mar 2021
Nawal el Saadawi

ईजिप्ट की नारीवादी लेखिका और मानवाधिकार कार्यकर्ता नवल अल-सादावी का रविवार 21 मार्च को काहिरा के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 89 वर्ष की थीं। वह अरब दुनिया और इस्लामी समाज में महिलाओं के अधिकार को लेकर अपने कार्यों के लिए जानी जाती थीं। वह मज़दूर वर्ग की राजनीति की प्रबल समर्थक थीं और ईजिप्टियन लेफ्ट की सदस्य थीं। उनकी मृत्यु पर पूरे विश्व में प्रगतिशील वर्गों द्वारा शोक व्यक्त किया गया है।

पेशे से डॉक्टर सादावी का जन्म वर्ष 1931 में उत्तरी ईजिप्ट के काफर तल्हा नाम के गांव में हुआ था। उन्होंने 1972 में अपनी पहली पुस्तक वीमेन एंड सेक्स के प्रकाशन और महिलाओं के जननांग का खतना (उस समय ईजिप्ट और कुछ अन्य अफ्रीकी देशों में विद्यमान था)के विरोध को लेकर काफी उत्पीड़न का सामना किया। उन्होंने महिलाओं के लिए समान अधिकारों, महिलाओं के लिए अनिवार्य पर्दा के खिलाफ और विरासत में उनके समान अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी।

1981-82 में अनवर सादात के शासन के दौरान उन्हें कुछ समय के लिए जेल में बंद किया गया था। उन्होंने कई अन्य किताबें लिखीं जिनमें हिडन फेस ऑफ ईव (1980) और अरबी में कई अन्य फिक्शन और नॉन-फिक्शन किताबें शामिल हैं जिनका दुनिया भर के विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया गया।

सादावी 1983 में अरब ऑर्गनाइजेश ऑफ ह्यूमन राइट्स की सह-संस्थापक थीं और जेल में रहते हुए उन्होंने अरब विमेंस सॉलिडरिटी एसोसिएशन की स्थापना कीं। उन्होंने ईजिप्ट की स्कूलों में धार्मिक निर्देशों का विरोध किया और अफगानिस्तान और इजरायल का फिलिस्तीन पर कब्जा जैसे देशों के साम्राज्यवाद आक्रमणों का विरोध किया।

सादावी ने एक बार कहा था, "मेरे लिए नारीवाद पितृसत्ता और वर्ग के खिलाफ लड़ने और पुरुष वर्चस्व और वर्ग वर्चस्व के खिलाफ लड़ने के लिए है। हम श्रेणी उत्पीड़न और पितृसत्तात्मक उत्पीड़न के बीच पृथक नहीं करते हैं।“ अलजजीरा ने इस बयान के साथ रिपोर्ट प्रकाशित किया।

धार्मिक रूढ़िवाद और महिलाओं की मुक्ति के उनके विरोध के कारण देश के अंदर बड़े पैमाने पर दुश्मनी बढ़ गई। इसके चलते उन्हें 1988 में देश छोड़ने को मजबूर होना पड़ा। वह बाद में वापस लौटीं और 2005 में होस्नी मुबारक के खिलाफ राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होकर राजनीति में भाग लिया। उन्होंने साल 2011 में ईजिप्ट के विद्रोह में सक्रियता से भाग लिया जिसने मुबारक को उखाड़ फेंका।

उनकी मृत्यु पर शोक मनाते हुए ईजिप्ट की कम्युनिस्ट पार्टी ने एक बयान जारी कर कहा कि सादावी ने "अपने जीवन, कार्य और राजनीतिक और सामाजिक गतिविधि को वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ सामान्य रूप से मानवाधिकारों की रक्षा के लिए और विशेष रूप से महिलाओं के अधिकारों के लिए" समर्पित किया। उन्होंने इन अधिकारों को देश की "आजादी",निर्भरता, राजनीतिक उत्पीड़न और दमनकारी आतंकी सोच से स्वतंत्रता से जोड़ा”।

Nawal El Saadawi
egypt
Nawal El Saadawi dies

Related Stories


बाकी खबरें

  • Nisha Yadav
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    चंदौली: निशा यादव हत्या मामले में सड़क पर उतरे किसान-मज़दूर, आरोपियों की गिरफ़्तारी की माँग उठी
    14 May 2022
    प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा- निशा यादव का कत्ल करने के आरोपियों के खिलाफ दफ़ा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
  • Delimitation
    रश्मि सहगल
    कैसे जम्मू-कश्मीर का परिसीमन जम्मू क्षेत्र के लिए फ़ायदे का सौदा है
    14 May 2022
    दोबारा तैयार किये गये राजनीतिक निर्वाचन क्षेत्रों ने विवाद के लिए नए रास्ते खोल दिए हैं, जो इस बात का संकेत देते हैं कि विधानसभा चुनाव इस पूर्ववर्ती राज्य में अपेक्षित समय से देर में हो सकते हैं।
  • mnrega workers
    सरोजिनी बिष्ट
    मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?
    14 May 2022
    "किसी मज़दूर ने 40 दिन, तो किसी ने 35, तो किसी ने 45 दिन काम किया। इसमें से बस सब के खाते में 6 दिन का पैसा आया और बाकी भुगतान का फ़र्ज़ीवाड़ा कर दिया गया। स्थानीय प्रशासन द्वारा जो सूची उन्हें दी गई है…
  • 5 वर्ष से कम उम्र के एनीमिया से ग्रसित बच्चों की संख्या में वृद्धि, 67 फीसदी बच्चे प्रभावित: एनएफएचएस-5
    एम.ओबैद
    5 वर्ष से कम उम्र के एनीमिया से ग्रसित बच्चों की संख्या में वृद्धि, 67 फीसदी बच्चे प्रभावित: एनएफएचएस-5
    14 May 2022
    सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, 2015-16 में किए गए सर्वेक्षण में 5 वर्ष से कम उम्र (6-59 महीने) के 58.6 प्रतिशत बच्चे इससे ग्रसित थे जबकि एनएफएचएस-5 के 2019-21 के सर्वे में इस बीमारी से ग्रसित बच्चों की…
  • masjid
    विजय विनीत
    ज्ञानवापी मस्जिद: कड़ी सुरक्षा के बीच चार तहखानों की वीडियोग्राफी, 50 फीसदी सर्वे पूरा
    14 May 2022
    शनिवार को सर्वे का काम दोपहर 12 बजे तक चला। इस दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के करीब आधे हिस्से का सर्वे हुआ। सबसे पहले उन तहखानों की वीडियोग्राफी कराई गई, जहां हिन्दू धर्म के देवी-देवताओं की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License