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वाह मोदी जी, वाह! अब अंधेरे से डर कर भागेगा कोरोना!
मोदीजी ने आज एक और अपील की है। हम उनके साथ हैं, हम ताली बजायेंगे, दिये जलाएंगे लेकिन सवाल नहीं पूछेंगे। क्योंकि मोदीजी ने कहा है तो ठीक ही कहा होगा...
सत्यम् तिवारी
03 Apr 2020
cartoon click

कोरोना महामारी को दुनिया भर में फैले हुए 4 महीने से ज़्यादा हो गया है। लेकिन जो दुर्गति भारत ने इस मुए कोरोना की की है, कोई और देश सोच भी नहीं सकता था!

कोरोना से लड़ने के लिए भारत की जनता ने क्या कुछ नहीं किया और लगातार कर रही है। एक हिंदूवादी संगठन ने तो गौ मूत्र पार्टी कर ली, हालांकि उससे एक शख़्स बीमार भी पड़ गया था। लेकिन तो क्या? हो सकता है उस आदमी का पहले से ही पेट ख़राब रहा हो, और दोष दे रहा है गऊ माता को! नालायक!

उत्तराखंड के काशीपुर में तो लोगों ने घरों के आगे हल्दी वाले हाथ के छाप लगाए, कोरोना को भगाने के लिए।

और जो कसर बची रह गई थी वो हमारे प्रधानमंत्री पूरी कर रहे हैं। कोरोना से लड़ाई में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने समय समय पर ऐसे काम करने की अपील की है, जिससे कोरोना का अंत निश्चित है।

आज मोदीजी ने कहा है कि 5 अप्रैल रात 9 बजे 9 मिनट के लिए घरों की लाइट बन्द कर के 130 करोड़ भारतीय टॉर्च, मोमबत्ती और दिये जलाएं ताकि कोरोना के अंधेरे से हम रौशनी कर के लड़ सकें। कितना अच्छा क़दम है! सराहनीय है, अद्भुत है। कोरोना इस अंधेरे से डर कर भाग जाएगा और भारत दुनिया भर में एक मिसाल बन जायेगा।

इसी बीच देश के करोड़ों बेघर लोग यह सोच कर ख़ुश हुए हैं कि अब सारा देश उनका जीवन जी कर महसूस करेगा, 9 मिनट के लिए ही सही।

वैसे आज के संबोधन में मोदीजी ने ग़रीबों की मदद करने की भी बात की है। अभी-अभी ख़बर मिली है कि ग़रीबों की मदद और दिये जलाने का क्या संबंध है, इसपर दुनिया भर के संस्थान शोध कर रहे हैं।

इससे पहले मोदीजी ने 22 मार्च को 'जनता कर्फ़्यू' की अपील की थी, और यह भी अपील की थी कि लोग ताली-थाली बजा कर उन लोगों का धन्यवाद करें जो कोरोना से लड़ने के लिए काम कर रहे हैं। दरअसल बात यह है कि मोदीजी के समर्थक थोड़े संजीदा किस्म के लोग हैं, वो हर बात को एक क़दम आगे ले जाते हैं। इसी जनता कर्फ़्यू का माहौल यह था कि 5 बजते ही लोग ऐसे सड़कों पर आ गए जैसे अभी-अभी कोरोना से वर्ल्ड कप जीता गया हो! सोशल डिस्टेन्सिंग या सामाजिक दूरी का ऐसा मज़ाक़ दुनिया के किसी देश में शायद ही मनाया गया हो। उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में तो लोगों ने रैली तक निकाल दी थी।

पिछली बार की ही तरह मोदीजी ने इस बार भी नहीं बताया कि कोरोना से लड़ने के लिए देश की योजनाएँ क्या हैं, क्या स्वास्थ्य कर्मियों को उचित संसाधन मुहैया हो सके हैं? क्या हमारे पास भरपूर बिस्तर हैं? क्या हॉस्पिटलों में सुविधाएं भरपूर हैं? मोदीजी ने किसी भी चीज़ का जवाब नहीं दिया, और ना किसी ने उनसे सवाल पूछा क्योंकि मोदीजी कह रहे हैं, तो ठीक ही कह रहे होंगे…

अपने भाषण में मोदीजी ने 'लक्ष्मण रेखा पार नहीं करनी है' , 'घर में रहना कोरोना का रामबाण इलाज है' जैसी बातें कही हैं, समझ में यह नहीं आता कि कोई प्रधानमंत्री बात कर रहा है, या किसी मंदिर का पुजारी।

और दिये जलाने से होगा क्या, इसका भी जवाब मोदीजी ने नहीं दिया। क्योंकि यह करने के लिए उनके परमभक्त मीडिया के अलग-अलग चैनलों पर बैठे जो हैं। अब अगले तीन दिन तक हमें बताया जाएगा कि 9 मिनट तक अंधेरा करने से 9 गृहों के गुण मिलेंगे और देश से कोरोना 9 दिन के अंदर भाग जाएगा, और 14 अप्रैल तक लॉकडाउन ख़त्म हो जाएगा। या यह भी कहा जा सकता है कि कोरोना अब अंधेरे की मौत मरेगा।

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लेकिन डर तो मुझे मोदीजी के संजीदा समर्थकों से है, जो 5 अप्रैल को सही में दिवाली समझ लेंगे और शायद गली-मोहल्लों में पटाखे फोड़ने भी शुरू कर देंगे। उन संजीदा समर्थकों का क्या करना है, यह नहीं बताया मोदीजी ने।

कोरोना महामारी से देश भर में 2000 से ज़्यादा मरीज़ संक्रमित हो गए है, और हर रोज़ इसमें 300 से ज़्यादा लोग बढ़ रहे हैं। लेकिन हम थाली बजाएँगे, ताली बजाएँगे, दिये जलाएंगे; मगर सवाल नहीं पूछेंगे।

क्योंकि मोदीजी ने कहा है तो ठीक ही कहा होगा...

Coronavirus
Corona Crisis
India Lockdown
Coronavirus lockdown
Narendra modi
9 minutes Drama
Satire
Political satire
cartoon click
Modi Ji
Waah Modi ji Waah

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