NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
तुम किसानों को सड़कों पे ले आए हो/ अब ये सैलाब हैं/ और सैलाब तिनकों से रुकते नहीं
“ये जो सड़कों पे हैं ख़ुदकशी का चलन छोड़ कर आए हैं/ बेड़ियां पांव की तोड़ कर आए हैं….” वैज्ञानिक और शायर गौहर रज़ा ने एक बार फिर अपने क़लम से जनता की आवाज़ बुलंद की है। इस समय चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में उन्होंने यह ज़रूरी नज़्म कही है। आइए पढ़ते हैं और उन्हीं की ज़ुबानी सुनते हैं उनकी कविता- किसान
न्यूज़क्लिक डेस्क
16 Dec 2020

किसान

 

तुम किसानों को सड़कों पे ले आए हो

अब ये सैलाब हैं

और सैलाब तिनकों से रुकते नहीं

 

ये जो सड़कों पे हैं

ख़ुदकशी का चलन छोड़ कर आए हैं

बेड़ियां पांव की तोड़ कर आए हैं

सोंधी ख़ुशबू की सब ने क़सम खाई है

और खेतों से वादा किया है के अब

जीत होगी तभी लौट कर आएंगे

 

अब जो आ ही गए हैं तो यह भी सुनो

झूठे वादों से ये टलने वाले नहीं

 

तुम से पहले भी जाबिर कई आए थे

तुम से पहले भी शातिर कई आए थे

तुम से पहले भी ताजिर कई आए थे

तुम से पहले भी रहज़न कई आए थे

जिन की कोशिश रही

सारे खेतों का कुंदन, बिना दाम के

अपने आकाओं के नाम गिरवी रखें

उन की क़िस्मत में भी हार ही हार थी

और तुम्हारा मुक़द्दर भी बस हार है

 

तुम जो गद्दी पे बैठे, ख़ुदा बन गए

तुम ने सोचा के तुम आज भगवान हो

तुम को किस ने दिया था ये हक़,

ख़ून से सब की क़िस्मत लिखो, और लिखते रहो

 

गर ज़मीं पर ख़ुदा है, कहीं भी  कोई

तो वो दहक़ान है,

है वही देवता, वो ही भगवान है

और वही देवता,

अपने खेतों के मंदिर की  दहलीज़ को छोड़ कर

आज सड़कों पे है

सर-ब-कफ़, अपने हाथों में परचम लिए

सारी तहज़ीब-ए-इंसान का वारिस है जो

आज सड़कों पे है

 

हाकिमों जान लो, तानाशाहों सुनो

अपनी क़िस्मत लिखेगा वो सड़कों पे अब

काले क़ानून का जो कफ़न लाए हो

धज्जियाँ उस की बिखरी हैं चारों तरफ़

इन्हीं टुकड़ों को रंग कर धनक रंग में

आने वाले ज़माने का इतिहास भी

शाहराहों पे ही अब लिखा जाएगा।

 

तुम किसानों को सड़कों पे ले आए हो

अब ये सैलाब हैं

और सैलाब तिनकों से रुकते नहीं

 

-    गौहर रज़ा

दिल्ली (10.12.2020)

कुछ ख़ास शब्दों के अर्थ: जाबिर- अत्याचारी, ताजिर- व्यापारी, रहज़न- रास्ते में लूटने वाले, लुटेरे, धनक- सतरंगी, इंद्रधनुष, कुंदन- शुद्ध सोना, दहक़ान- किसान, सर-ब-कफ़- जो मरने को तैयार हो

farmers protest
Farm bills 2020
Singhu Border
Gauhar Raza
nazm

Related Stories

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

मुस्लिम विरोधी हिंसा के ख़िलाफ़ अमन का संदेश देने के लिए एकजुट हुए दिल्ली के नागरिक

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

किसानों को आंदोलन और राजनीति दोनों को साधना होगा

किसानों ने 2021 में जो उम्मीद जगाई है, आशा है 2022 में वे इसे नयी ऊंचाई पर ले जाएंगे

ऐतिहासिक किसान विरोध में महिला किसानों की भागीदारी और भारत में महिलाओं का सवाल

पंजाब : किसानों को सीएम चन्नी ने दिया आश्वासन, आंदोलन पर 24 दिसंबर को फ़ैसला

लखीमपुर कांड की पूरी कहानी: नहीं छुप सका किसानों को रौंदने का सच- ''ये हत्या की साज़िश थी'’

किसान आंदोलन ने देश को संघर्ष ही नहीं, बल्कि सेवा का भाव भी सिखाया

इतवार की कविता : 'ईश्वर को किसान होना चाहिये...


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार के 24 नए एमएलसी में 15 दाग़ी : एडीआर रिपोर्ट
    15 Apr 2022
    नए एमएलसी में 63 फ़ीसदी पर आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं अर्थात 15 एमएलसी दाग़ी हैं जबकि सभी करोड़पति हैं।
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक : वाकई, ये संयोग नहीं प्रयोग चल रहा है!
    15 Apr 2022
    मध्यप्रदेश के खरगोन में हुई हिंसा अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को भी प्रयोग लगने लगी है। हालांकि ये प्रयोग किसकी ओर से किया गया ये बताने में मंत्री जी ज़रा हिचकिचा गए।
  • रबींद्र नाथ सिन्हा
    बढ़ती हिंसा और सीबीआई के हस्तक्षेप के चलते मुश्किल में ममता और तृणमूल कांग्रेस
    15 Apr 2022
    बढ़ती राजनीतिक हिंसा और इसमें ममता की पार्टी कई सदस्यों के शामिल होने के चलते, कोलकाता हाईकोर्ट ज़्यादा से ज़्यादा मामलों को सीबीआई को भेज रहा है।
  • डॉ. माधव गडबोले
    लोकतंत्र की ताक़त इसकी संस्थाओं में निहित है
    15 Apr 2022
    यह आवश्यक है कि संविधान में ‘सुशासन’ को एक मौलिक अधिकार के रूप में स्वीकार करने के लिए जनमत का दबाव बनाया जाए।
  • वर्षा सिंह
    व्यासी परियोजना की झील में डूबा जनजातीय गांव लोहारी, रिफ्यूज़ी बन गए सैकड़ों लोग
    15 Apr 2022
    “हमारी ऐसी फोटो खींचना जो सीधे मोदी जी तक पहुंचे। हमारी ऐसी फोटो खींचना जिससे दुनिया को पता चले कि हमारे साथ क्या-क्या अन्याय हुआ। ...अपनी यात्रा में गंगोत्री-जमुनोत्री-केदारनाथ में उन्होंने कई करोड़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License