NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अर्थव्यवस्था
अदालत की अवमानना के बाद आरकॉम की दिवालिया प्रक्रिया अपनाने की घोषणा
वर्ष 2018 के मई महीने में एनसीएलटी ने आरकॉम मामले में कॉर्पोरेट इन्सॉल्वेंसी रिज़ॉल्यूशन प्रक्रिया शुरू की जिस पर एनसीएलएटी ने रोक लगा दिया था। इससे कंपनी के प्रबंधन को मामले को हल करने का मौका मिल गया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
04 Feb 2019
R.COM
IMAGE COURTESY- NDTV

अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की मुंबई बेंच के समक्ष स्वैच्छिक दिवालियापन प्रक्रिया के लिए आवेदन करने की घोषणा की। कंपनी ने इसकी घोषणा एक फरवरी को की है। यह घोषणा अपने लेनदारों को लगभग 46,000 करोड़ का क़र्ज़ अदा करने के लिए 'मुद्रीकरण और संकल्प योजना’ को शुरु करने के इसके फैसले को लेकर एक आकस्मिक परिवर्तन है।

यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब आरकॉम अक्टूबर में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का पालन करने में विफल रही है जिसमें अदालत ने टेलीकॉम इक्विप्मेंट मैन्यूफैक्चर एरिक्सन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को ब्याज सहित 550 करोड़ रुपए बकाया देने का आदेश दिया था। टेलीकॉम इक्विप्मेंट मैन्यूफैक्चर एरिक्सन इसके परिचालन लेनदारों में से एक है। हाल ही में आरकॉम को उस वक़्त एक और झटका लगा जब दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने एक बार फिर अनिल अंबानी के भाई मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली R.GIO को उसके स्पेक्ट्रम बिक्री करने को अस्वीकार कर दिया था क्योंकि R.GIO ने आरकॉम के किसी भी पिछले बकाया का देनदार होने से साफ तौर पर इनकार कर दिया।

यदि एनसीएलटी आरकॉम की याचिका को स्वीकार करता है तो कंपनी को क़र्ज़ की अदायगी पर 180 दिन का ऋण स्थगन (90 दिन तक की और छूट) दिवालिया संरक्षण मिल जाएगा। आरकॉम के लेनदारों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, चाइना डेवलपमेंट बैंक, यूनियन बैंक, केनरा बैंक, आईडीबीआई बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और एचएसबीसी सहित अन्य बैंक शामिल हैं।

आरकॉम ने शुक्रवार को कहा कि "एनसीएलटी के माध्यम से समाधान सभी हितधारकों के सर्वोत्तम हित में है जो अदालत द्वारा मंज़ूर किए गए एक समयबद्ध प्रक्रिया के माध्यम से अंतिम स्थिति, निश्चितता और पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।" कंपनी ने दावा किया कि एक आम परिसंपत्ति संकल्प योजना और कई क़ानूनी चुनौतियों के लिए इसके ऋण दाताओं के बीच अंतर जैसे कारकों ने इसे दिवालियापन का रास्ता अपनाने के लिए मजबूर किया है।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल मई महीने में एनसीएलटी ने स्वीकार किया था कि एरिक्सन द्वारा दायर एक याचिका के बाद आरकॉम और इसकी दो सहायक कंपनियां रिलायंस टेलिकॉम लिमिटेड (आरएलटी) तथा रिलायंस इंफ्राटेल लिमिटेड (आरआईएल) इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड 2016 (आईबीसी) के तहत समाधान प्रक्रिया करना चाहती है। एनसीएलटी ने इसी महीने में कॉर्पोरेट इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस शुरू करने के लिए इंटरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल्स (आईआरपी) की भी नियुक्ति की थी। जब आरकॉम ने इस आदेश को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) में चुनौती दी तो एनसीएलटी के आदेश पर रोक लगा दी गई और कंपनी के प्रबंधन को उसका बकाया क़र्ज़ अदा करने और संचालन की अनुमति दे दी गई।

पिछले कुछ महीनों में आरकॉम अपना बकाया क़र्ज़ अदा करने के लिए 18,100 करोड़ रुपए में सौदा कर स्पेक्ट्रम, फाइबर तथा बुनियादी ढांचा सहित अपनी अन्य संपत्ति R.GIO को बेचने की कोशिश कर रही थी। इस सौदे का कुछ हिस्सा (टावरों और फाइबर की बिक्री) भी पूरा हो गया और आरकॉम को लगभग 3,000 करोड़ रुपए प्राप्त हो गया। लेकिन कंपनी एरिक्सन (सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद) को भुगतान करने में देरी करती रही। इसके बजाय इसने लाइसेंस और स्पेक्ट्रम रद्द होने के ख़तरे को लेकर डीओटी के 774 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी को जारी रखा।

हालांकि आरकॉम के स्वैच्छिक दिवालिया प्रारंभ होने से इसके प्रवर्तकों को आईबीसी के तहत कंपनी को क़ायम रखने की अधिक संभावना है।

 

 

 

 

 

 

R.COM
reliance industry
RELIANCE COMMUNICATION
BANKRUPTCY
INSOLVENCY

Related Stories

धन्नासेठों की बीमार कंपनियों से पैसा वसूलने वाला क़ानून पूरी तरह बेकार

लवासा बैंकरप्सी : NCLT ने देनदारों को ''संगठित औद्योगिक दिवाला प्रक्रिया'' अपनाने का आदेश दिया

अक्टूबर में तीन एजेंसियों ने पतंजलि की ''बैंक ऋण सुविधा'' की रेटिंग गिराई

उद्योगपति-राजनेता और अफसर : ये गठजोड़ क्या कहता है?

अनिल अंबानी को 4 हफ्ते में 453 करोड़ चुकाने के आदेश, वरना होगी जेल

अरुंधति, लोकपाल और रिलायंस : पूर्व सचिव ने उठाए गंभीर सवाल लेकिन सरकार खामोश

अरुंधति भट्टाचार्य और रिलायंस : सवाल नैतिकता का है


बाकी खबरें

  • बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी
    18 May 2022
    ज़िला अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए स्वीकृत पद 1872 हैं, जिनमें 1204 डॉक्टर ही पदस्थापित हैं, जबकि 668 पद खाली हैं। अनुमंडल अस्पतालों में 1595 पद स्वीकृत हैं, जिनमें 547 ही पदस्थापित हैं, जबकि 1048…
  • heat
    मोहम्मद इमरान खान
    लू का कहर: विशेषज्ञों ने कहा झुलसाती गर्मी से निबटने की योजनाओं पर अमल करे सरकार
    18 May 2022
    उत्तर भारत के कई-कई शहरों में 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पारा चढ़ने के दो दिन बाद, विशेषज्ञ जलवायु परिवर्तन के चलते पड़ रही प्रचंड गर्मी की मार से आम लोगों के बचाव के लिए सरकार पर जोर दे रहे हैं।
  • hardik
    रवि शंकर दुबे
    हार्दिक पटेल का अगला राजनीतिक ठिकाना... भाजपा या AAP?
    18 May 2022
    गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले हार्दिक पटेल ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। हार्दिक पटेल ने पार्टी पर तमाम आरोप मढ़ते हुए इस्तीफा दे दिया है।
  • masjid
    अजय कुमार
    समझिये पूजा स्थल अधिनियम 1991 से जुड़ी सारी बारीकियां
    18 May 2022
    पूजा स्थल अधिनयम 1991 से जुड़ी सारी बारीकियां तब खुलकर सामने आती हैं जब इसके ख़िलाफ़ दायर की गयी याचिका से जुड़े सवालों का भी इस क़ानून के आधार पर जवाब दिया जाता है।  
  • PROTEST
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पंजाब: आप सरकार के ख़िलाफ़ किसानों ने खोला बड़ा मोर्चा, चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर डाला डेरा
    18 May 2022
    पंजाब के किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राजधानी में प्रदर्शन करना चाहते हैं, लेकिन राज्य की राजधानी जाने से रोके जाने के बाद वे मंगलवार से ही चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास धरने पर बैठ गए हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License