NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
आधार की अनिवार्यता से कम होगी आयुष्मान की पहुँच
सरकार का आदेश इस बाबत कोई स्पष्ट जानकारी नहीं देता कि जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं हैं क्या उन्हें योजना में शामिल करने का कोई वैकल्पिक तरीका खोजा जाएगा।
रवि कौशल
20 Jun 2018
Translated by हर्ष कुमार
आयुष्मान भारत

भारत सरकार की राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना ‘आयुष्मान भारत’ का लाभ सिर्फ आधार कार्ड धारक ही ले पाएँगे। गौरतलब है कि सरकार के अनुसार इस योजना का लाभ 50 करोड़ लोगों को पहुँचेगा। केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए टैंडर में कहा गया है कि वे लाभार्थी जिनके पास आधार कार्ड नहीं है, केवल एक बार ही इस योजना का लाभ ले सकेंगे। योजना का लाभ जारी रखने के लिए उन्हे नज़दीकी आधार कार्ड केंद्र पर पंजीकरण करवाना होगा।

आश्चर्य की बात है कि केंद्र सरकार ने यह फ़ैसला तब लिया जब हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को आदेश दिया था कि योजनाओं का लाभ देने के लिए आधार को अनिवार्य न किया जाये। सरकार का आदेश इस बाबत कोई स्पष्ट जानकारी नहीं देता कि जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं है क्या उन्हें योजना में शामिल करने का कोई वैकल्पिक तरीका खोजा जाएगा।

आदेश के दस्तावेज़ो का अध्ययन करने से मालूम चलता है कि पूरी योजना आधार पर आधारित है। इसकी अनिवार्यता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लाभार्थी को दूसरी बार चिकित्सा के लिए आधार पेश करना आवश्यक होगा। जिन लाभार्थियों के पास आधार नहीं होगा उनसे एक लिखित हलफनामा लिया जाएगा जिसके तहत वे यह सुनिश्चित करेंगे कि अगली बार योजना का लाभ उठाने से पहले उनके पास आधार होगाI

योजना के अंतर्गत अस्पतालों को आयुष्मान मित्रों की नियुक्ति करने का भी आदेश दिया गया है। जिनका काम लोगों की मदद करना, दस्तावेज़ो की जाँच करना, पंजीकरण कराना और योजना के लिए योग्यता से अवगत कराना होगा। आयुष्मान मित्र नज़दीकी आधार केंद्र में अपना पंजीकरण तय समय के अंदर कराने पर भी सलाह देंगे।

योजना के तहत अगर परिवार का कोई सदस्य योजना में शामिल होना चाहता है तो उसे अपनी पहचान का सत्यापन कराना होगा जो केवल आधार से ही हो पाएगा। योजना के तहत राज्य सरकारों को पूरी औपचारिकता निभाने के लिए कहा गया है। ज़्यादतर राज्यों ने योजना के ज्ञापन पर अपनी सहमति दे दी है सिवाय ओडिशा सरकार के। गौरतलब है कि ओडिशा सरकार ने 70 लाख परिवारों को योजना के तहत लाने की माँग रखी थी लेकिन केद्रं ने 61 लाख परिवारों की ही अनुमति दी।

योजना को भारतीय मैडिकल परिषद की भी नाराज़गी झेलनी पड़ी हैI परिषद ने कहा है कि सरकार ने जो रेट तय किया है वो 30 फीसदी प्रक्रिया को भी कवर नहीं करते और इसकी पुन:समीक्षा की जानी चाहिए।

परिषद के अध्यक्ष डा. रवि वानखेड़कर के अनुसार, “कोई अस्पताल बिना मरीज़ों की सुरक्षा से खिलवाड़ करे इन रेट पर काम नहीं कर सकता। सरकार लागत कम करने के लिए लोगों की जान खतरे में डाल रही है। 9,000 रूपये में डिलिवरी का ऑपरेशन माँ और बच्चे दोनों की सुरक्षा के साथ समझौता है”।

वे आगे कहते है केंद्र कि “इस योजना से कोई नई धरोहर तो नहीं बनने वालीI अगर यही निवेश मौजूदा सरकारी अस्पतालों में किया जाये तो ग़रीब जनता के लिए प्राथमिक के साथ-साथ द्वितीय और तृतीय सुविधाएँ भी मुहैया करवाई जा सकती हैंI”

वानखेड़कर ने यह भी कहा कि, “इससे न ही कोई नए अस्पताल बनेंगे और साथ-साथ जो कंपनियाँ इस योजना की देखरेख करेंगीं उनके हाथों सरकार को 400 करोड़ का नुकसान भी झेलना पड़ेगाI बीमा आधारित स्वास्थ्य सेवाएँ एक असफल प्रयास है।“

आयुष्मान भारत
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना
सामाजिक स्वास्थ्य प्रणाली
भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली
मोदी सरकार

Related Stories

किसान आंदोलन के नौ महीने: भाजपा के दुष्प्रचार पर भारी पड़े नौजवान लड़के-लड़कियां

प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में भी 'आयुष्मान भारत' का बुरा हाल : कार्ड होते हुए भी इलाज नहीं

सत्ता का मन्त्र: बाँटो और नफ़रत फैलाओ!

जी.डी.पी. बढ़ोतरी दर: एक काँटों का ताज

5 सितम्बर मज़दूर-किसान रैली: सबको काम दो!

रोज़गार में तेज़ गिरावट जारी है

लातेहार लिंचिंगः राजनीतिक संबंध, पुलिसिया लापरवाही और तथ्य छिपाने की एक दुखद दास्तां

माब लिंचिंगः पूरे समाज को अमानवीय और बर्बर बनाती है

अविश्वास प्रस्ताव: दो बड़े सवालों पर फँसी सरकार!

क्यों बिफरी मोदी सरकार राफेल सौदे के नाम पर?


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के घटते मामलों के बीच बढ़ रहा ओमिक्रॉन के सब स्ट्रेन BA.4, BA.5 का ख़तरा 
    24 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के मामलों में 20 फ़ीसदी से ज़्यादा की कमी आयी है, लेकिन पिछले एक सप्ताह के भीतर स्ट्रेन BA.4 और BA.5 के दो-दो मामले सामने आ चुके है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?
    24 May 2022
    डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को ‘ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’ से रविवार को सम्मानित किया। यूनियन ने अंतरष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड मिलने पर ख़ुशी जताई तो वही केंद्र सरकार पर शोषण का आरोप…
  • भाषा
    बग्गा मामला: उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से पंजाब पुलिस की याचिका पर जवाब मांगा
    24 May 2022
    पंजाब में साहिबजादा अजित सिंह नगर (एसएएस नगर) के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) मनप्रीत सिंह की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार और बग्गा को नोटिस जारी किया है। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    CSTO को यूक्रेन युद्ध में शामिल नहीं किया जाएगा
    24 May 2022
    मध्य एशिया के किसी भी नेता ने सार्वजनिक रूप से नहीं क़बूला है कि यूक्रेन युद्ध के बारे में सीएसटीओ कोई तत्काल चिंता का विषय है।
  • एस.के. पांडे
    किसकी मीडिया आज़ादी?  किसका मीडिया फ़रमान?
    24 May 2022
    जिस तरह भारत प्रेस की आज़ादी की रैंकिंग में फ़िसलता जा रहा है, वैसे में डराने-धमकाने और अधिकारों के हनन के बढ़ते मामलों के साथ मीडिया की आज़ादी के साथ-साथ यूनियनों के गठन की स्वतंत्रता को बचाने की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License