NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
आधार लीक मामला: UIDAI ने की पत्रकार के खिलाफ FIR , पत्रकारों ने किया विरोध
एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया: पुलिस द्वारा ट्रिब्यून के रिपोर्टर पर कार्यवाही साफ़ तौर पर रिपोर्टर को डराने के लिए की गयी है I
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
08 Jan 2018
Aadhaar data leak
courtesy : Indian Express

एक चौंका देने वाले घटनाकर्म में UIDAI  जो कि आधार कार्ड जारी करने और संचालन करने वाली संस्था है, ने आधार कार्ड डेटा में लीक के मामले को उजागर करने वाले पत्रकार पर ही FIR दर्ज़ कर दी है I 6 जनवरी को दर्ज़ किये गए इस FIR के बाद से ही लगातार पत्रकार और पत्रकारों से जुड़े संगठनों ने इसके खिलाफ बयान जारी किये हैं I

एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने अपने बयान में इस घटना की निंदा करते हुए कहा है कि “ पुलिस द्वारा ट्रिब्यून के रिपोर्टर पर कार्यवाही साफ़ तौर पर रिपोर्टर को डराने के लिए की गयी है , ट्रिब्यून की जाँच रिपोर्ट आम लोगों के लिए बहुत ज़रूरी हैI” इसके अलावा एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया का कहना है कि ये कार्यवाही न सिर्फ गलत है बल्कि ये अभिव्यक्ति की आज़ादी के खिलाफ भी है I एडिटर्स गिल्ड ने आगे जोड़ा कि “UIDAI को रिपोर्टर पर कार्यवाही करने के बजाय ,इस बात अंदरूनी जाँच करनी चाहिए कि आधार कार्ड डेटा में तथाकथित लीक कैसे हो पायी”,“साथ ही इस मामले में , सम्बंधित मंत्रालय को हस्तक्षेप करना चाहिए I”

एडिटर्स गिल्ड के अलावा प्रेस क्लब हो इंडिया, इंडियन वुमेनस प्रेस क्लब और प्रेस ऐसोसियेशन ने भी इस कार्यवाही के खिलाफ एक स्टेटमेंट जारी किया है I इसमें कहा गया है कि “अगर आधार डेटा में कोई सेंध ही नहीं की गयी तो फिर कोई गुनाह ही कैसे हुआ? UIDAI आधार डेटा की सुरक्षा में कमियों को सुधारने के बजाय, उन्हीं पर कार्यवाही कर रहा है जिनका कार्य आम जन की भलाई के लिए किया गया लगता है I” इस स्टेटमेंट में आगे कहा गया है कि ये कार्यवाही पत्रकार को “डराने के लिए की गयी है, साथ ही ये आज़ाद और खोजी पत्रकारिता पर हमला हैI" अपने स्टेटमेंट में आगे उन्होंने एडिटर्स गिल्ड की तरह इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी के खिलाफ एक कदम बताया I

इनके अलावा इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन ने भी इस कार्यवाही की निंदा करते हुए कहा है कि “ ये कार्यवाही UIDAI के अंदर चल रहे भ्रष्टाचार को छुपाने की कोशिश है” साथ ही उन्होंने इसे प्रेस पर सीधा हमला बताया है I इंडियन जर्नलिस्ट अस्सोसियेशन ने इस मामले में इंडियन प्रेस काउंसिल से हस्तक्षेप की माँग भी की है I

गौतलब है कि इससे पहले 3 जनवरी को ट्रिब्यून में एक खबर छपी थी जिसमें बताया गया था कि किस तरह उनके रिपोर्टर ने सिर्फ 500 रुपये में एक अनजान व्यक्ति से करीब 100 करोड़ लोगों की आधार कार्ड डिटेल्स तक पहुँच प्राप्त करली थी I ट्रिब्यून की रिपोर्ट में बताया गया है कि उन्हें डेटा तक पहुँच इस शख्स से सिर्फ 10 मिनट में व्हाट्सप पर मिली ,जिसके बाद उन्हें डेटा तक पहुँचने के लिए ID और पासवर्ड मिला I इस ID और पासवर्ड से पोर्टल में किसी भी व्यक्ति का आधार कार्ड नंबर लिखने पर उस व्यक्ति की सारी पर्सनल जानकारियाँ प्राप्त हो सकती हैं I ट्रिब्यून के मुताबिक आधार कार्ड डेटा बेचने का ये रैकेट करीबन 6 महीने से चल रहा है Iट्रिब्यून की इस खबर के बाद आधार कार्ड की सुरक्षा पर उठ रहे सवालों को और बल मिलने लगा है I 

इस खबर के बाद UIDAI ने कहा है कि ट्रिब्यून में छापी ये खबर गलत है और आधार कार्ड का सारा डेटा सुरक्षित है I इसके साथ ही उन्होंने  6 जनवरी को रिपोर्टर रचना खरे और दो और लोगों पर FIR भी दर्ज़ करा दी I इनके खिलाफ IPC की धारा 419 ( भेष बदलकर धोखा देना ) 420 ( धोखा देना ) ,468(जालसाज़ी ) और 471 (फ़र्ज़ी दस्तावेज़ बनाना ) , IT एक्ट और आधार एक्ट के अंतर्गत केस दर्ज़ किया गया है .

Aadhar card data leak
Aadhar card
tribune reporter
Right to privacy
UIDAI
Editors guild of india
Press club of india

Related Stories

आधार को मतदाता सूची से जोड़ने पर नियम जल्द जारी हो सकते हैं : मुख्य निर्वाचन आयुक्त

सात बिंदुओं से जानिए ‘द क्रिमिनल प्रोसीजर आइडेंटिफिकेशन बिल’ का क्यों हो रहा है विरोध?

देश में पत्रकारों पर बढ़ते हमले के खिलाफ एकजुट हुए पत्रकार, "बुराड़ी से बलिया तक हो रहे है हमले"

क्या पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर के लिए भारत की संप्रभुता को गिरवी रख दिया गया है?

कैसे भारतीय माताओं के लिए निर्धारित 84,000 करोड़ रुपयों से उन्हें वंचित रखा गया

वोटर आईडी और आधार लिंकिंग : वोट कब्ज़ाने का नया हथियार!

खोज ख़बरः गुप्त मतदान और लोकतंत्र पर हमला है आधार को वोटर i-card से जोड़ने वाला क़ानून

चुनाव सुधार बिल दोनों सदनों में पास, विपक्ष ने उठाया निजता के अधिकार का सवाल

डेटा संरक्षण विधेयक की ख़ामियां और जेपीसी रिपोर्ट की भ्रांतियां

पेगासस पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला गांधी, राम मोहन राय के नज़रिये की अभिव्यक्ति है


बाकी खबरें

  • मनोलो डी लॉस सैंटॉस
    क्यूबाई गुटनिरपेक्षता: शांति और समाजवाद की विदेश नीति
    03 Jun 2022
    क्यूबा में ‘गुट-निरपेक्षता’ का अर्थ कभी भी तटस्थता का नहीं रहा है और हमेशा से इसका आशय मानवता को विभाजित करने की कुचेष्टाओं के विरोध में खड़े होने को माना गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट
    03 Jun 2022
    जस्टिस अजय रस्तोगी और बीवी नागरत्ना की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आर्यसमाज का काम और अधिकार क्षेत्र विवाह प्रमाणपत्र जारी करना नहीं है।
  • सोनिया यादव
    भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल
    03 Jun 2022
    दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता पर जारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट भारत के संदर्भ में चिंताजनक है। इसमें देश में हाल के दिनों में त्रिपुरा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में मुस्लिमों के साथ हुई…
  • बी. सिवरामन
    भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति
    03 Jun 2022
    गेहूं और चीनी के निर्यात पर रोक ने अटकलों को जन्म दिया है कि चावल के निर्यात पर भी अंकुश लगाया जा सकता है।
  • अनीस ज़रगर
    कश्मीर: एक और लक्षित हत्या से बढ़ा पलायन, बदतर हुई स्थिति
    03 Jun 2022
    मई के बाद से कश्मीरी पंडितों को राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास के लिए  प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत घाटी में काम करने वाले कम से कम 165 कर्मचारी अपने परिवारों के साथ जा चुके हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License