NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
विज्ञान
भारत
आईआईएससी के अध्ययन से पता चला, ध्यान देने में दिमाग का कौन सा हिस्सा है जिम्मेदार
भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) में अनुसंधानकर्ताओं ने मस्तिष्क में एक ऐसे हिस्से का पता लगाया है जो इंसान के किसी चीज पर ध्यान देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इस नयी खोज से एडीएचडी जैसी समस्या के नये उपचार तरीके विकसित करने में मदद मिल सकती है ।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
13 Sep 2019
mind
Image courtesy:Patrika

भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) में अनुसंधानकर्ताओं ने मस्तिष्क में एक ऐसे हिस्से का पता लगाया है जो इंसान के किसी चीज पर ध्यान देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इस नयी खोज से एडीएचडी जैसी समस्या के नये उपचार तरीके विकसित करने में मदद मिल सकती है।

‘अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर’ अथवा एडीएचडी ध्यान देने में कमी की समस्या है।पीएनएएस में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि ध्यान मस्तिष्क की सबसे बाहरी परत के साथ जुड़ा होता है। इसे सेरेब्रल कॉरटेक्स कहा जाता है जो कि जानकारी, सोच, स्मृति, भाषा और चेतना से जुड़ा है।

शोधकर्मियों के मुताबिक, हाल ही में वैज्ञानिकों ने सुपीरियर कोलिकुलस (एससी) कहे जाने वाले मस्तिष्क के मध्यवर्ती हिस्से का ध्यान से संबंध होने की दिशा में अध्ययन किया था। भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरू में सहायक प्रोफेसर और अध्ययन में शामिल देवराजन श्रीधरन ने बताया कि एससी क्रमिक विकास की प्रक्रिया के साथ मस्तिष्क का संरक्षित मध्यवर्ती हिस्सा है। यह मछली, छिपकली, पक्षियों और स्तनधारी जंतुओं सहित सभी कशेरुकी जंतुओं में पाया जाता है।

आंखों के पलक झपकने को नियंत्रित करने में इसकी भूमिका का अध्ययन किया गया।

अध्ययनकर्मियों के अनुसार पूर्व के अध्ययनों में कहा गया था कि जब एससी सक्रिय होता है तो बंदर ज्यादा ध्यान देते हैं और यह जब सुसुप्त होते हैं तो उनका ध्यान भटक जाता है।अध्ययनकर्मी एससी की गतिविधि को फंक्शनल एमआरआई कहे जाने वाली एक अलग इमैजिंग तकनीक के जरिए अध्ययन करना चाहते हैं। इससे काम के दौरान दिमाग के विभिन्न हिस्से में सक्रिय रक्त ऑक्सजीन स्तर की पहचान की जा सकती है।

अध्ययन की सह-लेखक वर्षा श्रीनिवासन ने बताया कि एफएमआरआई के जरिए हम जांच करेंगे कि क्या एससी की गतिविधि का संवेदनशीलता और पक्षपात जैसे व्यवहार से कोई जुड़ाव है। इस तरह से यह भी समझने का प्रयास किया जा सकता है कि क्या एससी-कोरटेक्स के जुड़ाव से एडीएचडी जैसी ध्यान संबंधी समस्या का पता लगाया जा सकता है ।

IISC
Indian Institute of Science
Scientists
Superior Colliculus
Human mind
mindset

Related Stories

शोधः हृदय मांसपेशियों की कोशिकाओं में फैटी एसिड को नियंत्रित करने संबंधी नई जानकारी मिली

मानवता को बचाने में वैज्ञानिकों की प्रयोगशालाओं के बाहर भी एक राजनीतिक भूमिका है

वैज्ञानिकों की अपील: आइये तर्क और आपसी विचार की रौशनी फैलाने के लिए वोट करें


बाकी खबरें

  • भाषा
    ज्ञानवापी मामला : अधूरी रही मुस्लिम पक्ष की जिरह, अगली सुनवाई 4 जुलाई को
    30 May 2022
    अदालत में मामले की सुनवाई करने के औचित्य संबंधी याचिका पर मुस्लिम पक्ष की जिरह आज भी जारी रही और उसके मुकम्मल होने से पहले ही अदालत का समय समाप्त हो गया, जिसके बाद अदालत ने कहा कि वह अब इस मामले को…
  • चमन लाल
    एक किताब जो फिदेल कास्त्रो की ज़ुबानी उनकी शानदार कहानी बयां करती है
    30 May 2022
    यद्यपि यह पुस्तक धर्म के मुद्दे पर केंद्रित है, पर वास्तव में यह कास्त्रो के जीवन और क्यूबा-क्रांति की कहानी बयां करती है।
  • भाषा
    श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह प्रकरण में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल
    30 May 2022
    पेश की गईं याचिकाओं में विवादित परिसर में मौजूद कथित साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की संभावना को समाप्त करने के लिए अदालत द्वारा कमिश्नर नियुक्त किए जाने तथा जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बेंगलुरु में किसान नेता राकेश टिकैत पर काली स्याही फेंकी गयी
    30 May 2022
    टिकैत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्थानीय पुलिस इसके लिये जिम्मेदार है और राज्य सरकार की मिलीभगत से यह हुआ है।’’
  • समृद्धि साकुनिया
    कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम जॉब पैकेज में कोई सुरक्षित आवास, पदोन्नति नहीं 
    30 May 2022
    पिछले सात वर्षों में कश्मीरी पंडितों के लिए प्रस्तावित आवास में से केवल 17% का ही निर्माण पूरा किया जा सका है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License