NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
आईजीआईएमएस भी बना महिलाओं के शोषण का अड्डा?
नर्सिंग की छात्रा खुशबू कुमारी की साथी छात्राओं और परिजनों का सीधा आरोप है कि उसका इतना मानसिक शोषण किया गया कि वह आत्महत्या करने को मजबूर हो गई। इसको लेकर बिहार के छात्र, महिला संगठन ऐडवा के “भाजपा भगाओ-बेटी बचाओ” नारे के साथ 10 दिसंबर को मुख्यमंत्री का घेराव करेंगे।
मुकुंद झा
09 Dec 2018
खुशबु हत्याकांड

बिहार लगातार महिलाओं के लिए खतरनाक व भयावह होता जा रहा है। अभी कुछ माह पूर्व हमने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम प्रकरण देखा, उसके बाद हमने देखा किस तरह से एक महिला को नग्न करके घुमाया गया था। ये सब सुशासन बाबू कहे जाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राज में हो रहा है और यह रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

अब एक और नया मामला सामने आया है। बीते दिनों इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) में नर्सिंग की छात्रा खुशबू कुमारी की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इसमें अब वहाँ की छात्राओं ने कई ऐसे खुलासे किये हैं जो आईजीआईएमएस के प्रशासन पर गंभीर प्रश्न लगा रहे हैं। छात्राओं का कहना है कि कॉलेज प्रशसन द्वारा उन्हें लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है, इसी से परेशान होकर खुशबू ने आत्महत्या कर ली,  छात्राएं कहती हैं कि ये आत्महत्या नहीं संस्थागत हत्या है।

47323879_2328231067205637_1283101216024297472_n.jpg

महिला उत्पीड़न

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की तर्ज पर बिहार में बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर 1983 में पटना में आईजीआईएमएस कि स्थापना राज्य विधानसभा के एक्ट के तहत हुई थी और ये पूरे बिहार और झारखंड के सबसे बेहतरीन स्वास्थ्य संस्थानों में से एक है। लेकिन पिछले कई वर्षों में ये कई अन्य कारणों से भी चर्चा का विषय रहा है। पिछले वर्ष ये चर्चा में तब आया जब इसने अपने यहाँ कार्य करने वाली महिला अधिकारियों से उनकी वर्जिनिटी को लेकर जानकारी मांगी थी।

इसबार भी जिन कारणों से ये चर्चा में है वो बहुत ही भयावह है। 4 दिंसबर को नर्सिंग कि प्रथम वर्ष की छात्रा खुशबू के आत्महत्या के बाद कई अन्य छात्राओं ने बाहर आकर जो बताया वो बहुत ही डराने वाला है।

आईजीआईएमएस की दूसरी वर्ष की छात्रा ने नाम न छापने की शर्त पर न्यूज़क्लिक को बताया कि किस प्रकार से वहाँ छोटी-छोटी बात को लेकर उन्हें प्रताड़ित किया जाता था। उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक बार उनकी सहेली ने जल्दी के कारण स्टाफ के शौचालय का प्रयोग कर लिया था उसके बाद वहाँ शिक्षकों ने उसे भद्दी-भद्दी गालियाँ दी और उसके पूरे स्टाफ और कॉलेज के सामने उसकी बेइज्जती की।

उन्होंने कहा कि यहाँ कई छात्राएं ऐसी हैं जिनकी शादी हो चुकी है और कई के बच्चे भी हैं, परन्तु वो घर पर रहते हैं इसको लेकर भी हमारे कई शिक्षक भद्दे कमेंट्स करते हैं। वे हमारे शरीर और हमारे परिवार को लेकर तरह-तरह की बातें करते हैं।

खुशबू की मौत का जिम्मेदार कौन ?

खुशबू अपने कॉलेज की आंतरिक परीक्षा में असफल हो गई थी। खुशबू की साथी छात्राओं का आरोप है कि इसके बाद प्रिंसिपल व अन्य शिक्षकों ने उसे मानसिक रूप से इतना परेशान किया व उस पर कई ऐसे कमेंट किये कि वह टूट गई। छात्राओं का यह भी आरोप है कि मृतका खूशबू का मोबाइल फोन प्राचार्या ने छीन लिया था, जिससे भी वो बहुत परेशान थी|

कई छात्राओं का कहना है कि ये सब हमारे लिए अब आम बात हो गई, लेकिन शायद खुशबू के लिए नया था और वो इसे बर्दाश्त न कर सकी और उसने आत्महत्या कर ली। इसके लिए कोई जिम्मेदार है तो वो यहाँ की प्राचार्य, शिक्षक व प्रशासन के लोग हैं उन पर हत्या का मुकदमा चलना चाहिए।

47578095_2328230457205698_2345103477065121792_n.jpg

इंसाफ के लिए आंदोलन

इस मामले में प्रदर्शन कर रहे छात्रों को अब राजनीतिक दलों के साथ ही कई अन्य जन संगठनो का भी समर्थन मिल रहा है। इसी क्रम में बीते शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में  पारा मेडिकल छात्रों समेत अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति (एडवा), युवा संगठन डीवाईएफआई और एसएफआई ने संयुक्त रूप से गांधी मैदान स्थित गांधी मूर्ति से कारगिल चौक तक कैंडिल मार्च किया। कारगिल चौक पर खुशबू कुमारी के लिए श्रद्धांजलि सभा हुई। इस  दौरान पारा मेडिकल के छात्र-छात्रों व सभ्य समाज के लोगों में सरकार और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जबरदस्त रोष था।

प्रदर्शनकरियों ने आईजीआईएमएस पारा मेडिकल कॉलेज की प्रिसिंपल अनुजा डेनियल की गिरफ्तारी के साथ खुशबू की आत्महत्या को हत्या कहा।

अब तक की जाँच से संतुष्ट नहीं है परिवार और छात्र

पटना के शास्त्री नगर थानाध्यक्ष ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए बताया कि उन्होंने खुशबू के पति की शिकायत पर कालेज के प्रिंसिपल सहित पांच संकाय सदस्यों पर प्राथमिकी दर्ज की है जिसमें उन्होंने आईपीसी कि धारा के साथ ही एससी/एसटी एक्ट की विभिन्न धराओं में शिकायत दर्ज कराई है और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इसको लेकर अभी पुलिस जाँच कर रही है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी तीन सदस्य जांच टीम गठित की गयी है, जिसे सोमवार को जांच रिपोर्ट देनी है।

लेकिन अबतक जाँच में कुछ खास नहीं आया है। इसको लेकर छात्रों व परिवार में पुलिस के कार्यशैली को लेकर भारी असंतोष है। शुक्रवार को निकाले गए कैंडिल मार्च में शामिल खुशबू के पति मिशू राज ने सीधे तौर पर कहा कि उनकी पत्नी को प्रताड़ित कर उसे मार डाला गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

एसएफआई के राज्य कार्यकारिणी सदस्य निशांत ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि पुलिस ठीक से कार्य नहीं कर रही है।  उन्होंने कहा की अगर प्रिंसिपल अनुजा दयाल की गिरफ्तारी और मामले की सीबीआई जांच 48 घंटे के अन्दर शुरू नहीं हुई तो सभी मेडिकल कॉलेजों को बंद कराया जाएगा और पूरे बिहार के छात्र इस आंदोलन को सड़क पर उतरकर लड़ेगा। इस महिला, युवा और छात्र विरोधी सरकार को सबक सिखाएगा| 

मार्च में शामिल ऐडवा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राम परी देवी ने नीतीश की बिहार सरकार को बेटी विरोधी बताया और कहा कि बिहार के शैक्षणिक संस्थानों में लगातार छात्रों के साथ यौन और मानसिक शोषण हो रहा है और सरकार इसे रोकने के लिए कुछ नहीं कर रही है, बल्कि सरकार आरोपियों को बचाने में लगी हुई है।

उन्होंने कहा की आईजीआईएमएस की नर्सिंग की छात्रा खुशबू कुमारी का प्रिंसिपल द्वारा इतना मानसिक शोषण किया गया कि वह आत्महत्या करने को मजबूर हो गई। उन्होंने कहा कि हमलोग मांग करते हैं कि इस मामले के सभी दोषियों को खिलाफ बिना किसी देरी के कार्रवाई हो और यहाँ छात्राओं का काफी समय से शोषण हो रहा था। इसकी सीधे जिम्मेदारी सीधे स्वास्थ्य मंत्री की है इसलिए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को इस्तीफा देना चाहिए।

“भाजपा भगाओ-बेटी बचाओ”

राम परी देवी बताया कि ऐडवा सोमवार, 10 दिसंबर को “भाजपा भगाओ-बेटी बचाओ” नारे के साथ मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शन करेगी। उन्होंने इसमें बिहार के छात्रों से शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि हम मिलकर महिलाओं,बच्चियों, छात्राओं पर बढ़ते अपराध के खिलाफ संघर्ष को तेज़ करेंगे।

 

Bihar
खुशबु हत्याकांड
Nitish Kumar
IGIMS
PATNA

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका

बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’

बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी


बाकी खबरें

  • corona
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के मामलों में क़रीब 25 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई
    04 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,205 नए मामले सामने आए हैं। जबकि कल 3 मई को कुल 2,568 मामले सामने आए थे।
  • mp
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    सिवनी : 2 आदिवासियों के हत्या में 9 गिरफ़्तार, विपक्ष ने कहा—राजनीतिक दबाव में मुख्य आरोपी अभी तक हैं बाहर
    04 May 2022
    माकपा और कांग्रेस ने इस घटना पर शोक और रोष जाहिर किया है। माकपा ने कहा है कि बजरंग दल के इस आतंक और हत्यारी मुहिम के खिलाफ आदिवासी समुदाय एकजुट होकर विरोध कर रहा है, मगर इसके बाद भी पुलिस मुख्य…
  • hasdev arnay
    सत्यम श्रीवास्तव
    कोर्पोरेट्स द्वारा अपहृत लोकतन्त्र में उम्मीद की किरण बनीं हसदेव अरण्य की ग्राम सभाएं
    04 May 2022
    हसदेव अरण्य की ग्राम सभाएं, लोहिया के शब्दों में ‘निराशा के अंतिम कर्तव्य’ निभा रही हैं। इन्हें ज़रूरत है देशव्यापी समर्थन की और उन तमाम नागरिकों के साथ की जिनका भरोसा अभी भी संविधान और उसमें लिखी…
  • CPI(M) expresses concern over Jodhpur incident, demands strict action from Gehlot government
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    जोधपुर की घटना पर माकपा ने जताई चिंता, गहलोत सरकार से सख़्त कार्रवाई की मांग
    04 May 2022
    माकपा के राज्य सचिव अमराराम ने इसे भाजपा-आरएसएस द्वारा साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करार देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं अनायास नहीं होती बल्कि इनके पीछे धार्मिक कट्टरपंथी क्षुद्र शरारती तत्वों की…
  • एम. के. भद्रकुमार
    यूक्रेन की स्थिति पर भारत, जर्मनी ने बनाया तालमेल
    04 May 2022
    भारत का विवेक उतना ही स्पष्ट है जितना कि रूस की निंदा करने के प्रति जर्मनी का उत्साह।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License