NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
विज्ञान
भारत
आज़मगढ़ गैंगरेप में दोहरा अन्याय : पीड़िता के साथ खड़े होने की बजाय स्कूल ने लौटाया?
यूपी के आजमगढ़ में स्‍कूल जा रही नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है। वहीं स्‍कूल प्रशासन पर घटना के बाद पीड़‍िता को पढ़ाई के लिए आने पर पाबंदी लगाने का भी आरोप है। हालांकि एसपी त्रिवेणी सिंह ने इस खबर का खंडन करते हुए इसे निराधार बताया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
24 Sep 2019
gang rape
प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से मानवता को शर्मशार करने वाली घटना सामने आई है। 19 सितंबर को एक नाबालिग छात्रा का बोलेरो में सवार दो लोगों ने उस समय अपहरण कर लिया गया था जिस समय वह अपने स्‍कूल जा रही थी। छात्रा के साथ गैंगरेप के बाद दोनों उसे बेहोशी की हालत में छोड़कर भाग गए थे।

हालांकि पुलिस ने इस सिलसिले में दो लोगों की गिरफ्तारी की है और जिस गाड़ी में पीड़‍िता को अगवा किया गया था वह गाड़ी भी बरामद हो गई है। वहीं, स्‍कूल प्रशासन पर इस घटना के बाद लड़की का नाम रजिस्‍टर से काट देने का आरोप भी सामने आया है। खबरों के अनुसार गैंगरेप की जानकारी होने पर कृषक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बेलहरी के प्रधानाचार्य ने पीड़िता का नाम विद्यालय से ही काट दिया है।

अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक प्रबंधक ने छात्रा को विद्यालय आने से रोक दिया। साथ ही ये भी कहा कि इससे स्कूल के अन्य छात्राओं पर बुरा असर पड़ेगा और स्कूल की इमेज पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

हालांकि मामले के तूल पकड़ने और सवालों के घेरे में आने के बाद प्रबंधक रामचंदर ने मीडिया से यह कहते हुए अपना बचाव किया कि उन्‍होंने लड़की से बस कुछ दिनों के लिए घर पर रहने को कहा है, जब तक कि सबकुछ शांत नहीं हो जाता।

पीड़ित छात्रा के एक परिजन ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, 'जब लड़की स्कूल पहुंची तो स्कूल से उसे वापस घर जाने को कह दिया गया। साथ ही उससे आने वाले कुछ दिनों तक स्कूल ना आने की बात भी कही गई। जिसके बाद लड़की घर आकर खूब रोई।'

इस मामले में जिला विद्यालय निरीक्षक वीके शर्मा ने बताया, 'मुझे इस घटना की जानकारी नहीं है। ये बेहद आपत्तिजनक बात है। इसकी जांच कराई जाएगी, जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।'

छात्रा के परिजन ने न्यूज़क्लिक से कहा, ‘19 सितंबर की सुबह लड़की जब स्कूल जा रही थी। तभी रास्ते में दो लड़के बोलेरो से पहुंचे और लड़की को अगवा कर लिया। जिसके बाद उन लोगों ने किसी सुनसान जगह पर बोलेरो खड़ी की और लड़की को बंदूक दिखाकर नशीला लड्डू खिलाया। फिर दोनों ने उसके साथ गलत काम किया।'

इस संबंध में एसपी त्रिवेणी सिंह ने मीडिया को बताया कि 22 सितंबर को इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया। 23 सितंबर को सरायमीर थाने की पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर चालान कर दिया है। दोनों आरोपी सरायमीर थाना क्षेत्र के अलग-अलग गांव के रहने वाले हैं। साथ ही घटना में प्रयुक्त बोलेरो बरामद कर ली गई।

सिंह ने पीड़‍ित छात्रा के स्‍कूल से नाम काटने की खबर का खंडन करते हुए इसे निराधार बताया है।

इस संबंध में स्थानीय लोगों ने न्यूज़क्लिक को बताया कि जिस माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक ने पीड़िता को ये फैसला सुनाया है उसकी मान्यता पर ही कई सवाल हैं। कुछ लोगों का कहना है कि विद्यालय की मान्यता जूनियर तक है और यहां बच्चों को बिना किसी सुविधा के ऐसे ही पढ़ाया जाता है। तो वहीं कुछ लोग बताते हैं कि स्कूल की प्राइमरी की भी मान्यता नहीं है लेकिन उसके उलट यहां पर मड़ई में इंटर तक की कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। हाईस्कूल व इंटर के छात्रों का प्रवेश लिया गया है। शिक्षा विभाग के लोग जब जांच में पहुंचते हैं। कोचिंग संचालित करने की बात बताई जाती है। कोचिंग संचालित करने के नाम पर वह बचता रहा है।

gang rape
minor girl raped
Girl child
sexual violence
violence against women
UttarPradesh
yogi sarkar

Related Stories

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन

2023 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तेज़ हुए सांप्रदायिक हमले, लाउडस्पीकर विवाद पर दिल्ली सरकार ने किए हाथ खड़े

प्रयागराज में फिर एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या, दो साल की बच्ची को भी मौत के घाट उतारा

प्रयागराज: घर में सोते समय माता-पिता के साथ तीन बेटियों की निर्मम हत्या!

बिहार: आख़िर कब बंद होगा औरतों की अस्मिता की क़ीमत लगाने का सिलसिला?

उत्तर प्रदेश: योगी के "रामराज्य" में पुलिस पर थाने में दलित औरतों और बच्चियों को निर्वस्त्र कर पीटेने का आरोप

बिहार: 8 साल की मासूम के साथ बलात्कार और हत्या, फिर उठे ‘सुशासन’ पर सवाल

यूपी: अयोध्या में चरमराई क़ानून व्यवस्था, कहीं मासूम से बलात्कार तो कहीं युवक की पीट-पीट कर हत्या

मध्य प्रदेश : मर्दों के झुंड ने खुलेआम आदिवासी लड़कियों के साथ की बदतमीज़ी, क़ानून व्यवस्था पर फिर उठे सवाल


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License