NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
आख़िर क्यों हुआ रेल मंत्री पीयूष गोयल का विरोध?
रेल कर्मचारी जिन दो मुद्दों को लेकर मांग कर रहे थे उनमें एक है पुरानी पेंशन की बहाली और दूसरी मांग है अप्रेंटिस कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति।
मुकुंद झा
17 Nov 2018
रेल मंत्री का विरोध

 

शुक्रवार, 16 नवंबर को  उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रेल मंत्री पीयूष गोयल को रेलवे  कर्मचारियों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। पुरानी पेंशन योजना लागू करने और अप्रेंटिस भर्ती की मांग को लेकर नाराज़ कर्मचारियों ने अपना विरोध दर्ज करने के लिए रेल मंत्री  मुर्दाबाद के नारे लगाए। विरोध इतना भारी था की  पीयूष गोयल को कार्यक्रम स्थल से सीधे लखनऊ स्थित अमौसी एयरपोर्ट जाना पड़ा।

दरअसल, उत्तरी रेलवे मेन्स यूनियन के 70वें वार्षिक अधिवेशन  में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर रहे रेल मंत्री के सामने नई भर्तियों वाले अप्रेंटिस कर्मचारी लंबित मांगों का मुद्दा उठा रहे थे। इस पर रेल मंत्री ने आश्वासन दिया मगर इससे कर्मी संतुष्ट नहीं हुए। इसपर  रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कर्मचारी यूनियन पर नौजवान कर्मियों को भड़काने का आरोप लगा दिया, जिसके बाद वहाँ मौजूद कर्मचारियों का गुस्सा और भड़क गया  जिसका शिकार मंत्री जी को होना पड़ा।

कर्मचारी जिन दो मुद्दों को लेकर मांग कर रहे थे उनमें एक है पुरानी पेंशन की बहाली और दूसरी मांग है अप्रेंटिस कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति। आपमें से बहुत लोग शायद न जानते हों कि अप्रेंटिस क्या होता है। आइए पहले आपको बताएं कि अप्रेंटिस क्या है।

इसे भी पढ़े :- रेलवे: लोको पायलेट कल से दो दिन की भूख हड़ताल पर

अप्रेंटिस क्या है?

अप्रेंटिस का अर्थ होता है प्रशिक्षु। अप्रेंटिसशिप एक प्रकार की प्रशिक्षण प्रणाली है जिसमें उम्मीदवार को नौकरी के सारे गुर सिखाये जाते हैं। ये एक ट्रेनिंग प्रक्रिया है इसमें आपको किसी सरकारी दफ्तर या किसी निजी दफ्तर में होने वाले काम का प्रशक्षिण दिया जाता है।

अप्रेंटिसशिप एक या डेढ़ साल की कुशलता और योग्यता की ट्रेनिंग होती है। इसमें प्रशिक्षु को पैसे भी दिए जाते हैं। साथ ही साथ आपको उसी आर्गेनाइजेशन में स्थायी नौकरी भी मिल सकती है।

रेलवे अप्रेंटिस

भारतीय रेलवे में नौकरी करने का बहुत अच्छा मौका होता है रेलवे अप्रेंटिस। रेलवे से अप्रेंटिस करने वाले युवाओं को रेलवे स्थायी नौकरी प्रदान करता है। इसके अनुसार रेलवे के तकनीकी विभाग में पहले से ही 20% पद रेलवे से अप्रेंटिस करने वाले प्रशुक्षों के लिए सुरक्षित रहते थे।

इस पूरे मामले पर बात करते हुए उत्तरी रेलवे मेन्स यूनियन, वही यूनियन जिसके आमन्त्रण पर रेल मंत्री शुक्रवार के कार्यक्रम में शामिल हुए थे, के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एसयू साह ने कहा कि पहले रेलवे में  नौकरी में इन अप्रेंटिस को प्राथमिकता दी जाती थी, परन्तु अब इसको तबाह करने की कोशिश हो रही है जिससे इसके तहत ट्रेनिंग पा चुके नौजावन को नौकरी नहीं मिल रही है। इसको लेकर वहाँ मौजूद कर्मचारियों ने मंत्री जी से सवाल किये।

इसे भी पढ़े :- मुंबई रेल रोको: अप्रेंटिस छात्रों ने की रेलवे में नौकरी की माँग­

नई पेंशन नीति का विरोध क्यों ?

कर्मचारियों की दूसरी सबसे अहम मांग है पुरानी पेंशल की बहाली। सरकार की नए पेंशन निति का विरोध केवल रेलवे कर्मचारी ही नहीं बल्कि सभी निगमों के कर्मचारी कर रहे हैं। उनके मुताबिक इस नई नीति के तहत कर्मचारी की पेंशन सुनिश्चित नहीं है, जो पहले निश्चित होती थी। अब उनके पैसों को सरकार शेयर मार्केट में लगा रही है, उस पर फायदा हो या नुकसान वो कर्मचारी का होगा। यानी इसमें बड़ा जोखिम है। इसी को लेकर सभी कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं।

इस पर साह ने कहा  कि जो पेंशन कर्मचारी की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा होती थी, यह सरकार उसके इस पक्ष को पूरी तरह से खत्म कर रही है। अब कर्मचारी के सेवानिवृत्ति के बाद कोई सुरक्षा नहीं है। वो आगे कहते हैं कि विधायक और सांसदों को एक दिन के कार्यकाल के बाद भी एक निश्चित पेंशन दी जाती है तो जो कर्मचारी अपना पूरा जीवन काम करने में बिताता है उसको पेंशन क्यों न मिले?

इस तरह के ही सवाल कल लखनऊ में मौजूद कर्मचारियों ने मंत्री जी से पूछे और उन्हें उम्मीद थी की वो इस पर एक संतोषजनक उत्तर देंगे परन्तु उन्होंने इस पर कोई भी उत्तर नहीं दिया बल्कि उन्होंने कर्मचारी यूनियन पर कर्मचरियों को भड़काने का आरोप लगाया तो वहाँ मौजूद कर्मचारियों ने मंत्री जी खिलाफ नारेबाज़ी की और उनके इस व्यवहार का विरोध जताया। यूनियन मुताबिक सरकार खुद को राजा न माने, हम कर्मचारी लड़कर अपना हक लेना जानते हैं और हम अपनी मांगों को लेकर संघर्ष जारी रखेंगे और सरकार फिर भी नहीं मानी तो हम इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन कर मोर्चाबंदी करेंगे।

 इसे भी पढ़े :- रेलगाड़ियों में ड्राईवर के लिए अबतक शौचालय नहीं!

piyush goyal
indian railways
BJP Govt
railways worker
UP
Lucknow

Related Stories

15 राज्यों की 57 सीटों पर राज्यसभा चुनाव; कैसे चुने जाते हैं सांसद, यहां समझिए...

ट्रेन में वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली छूट बहाल करें रेल मंत्री: भाकपा नेता विश्वम

बढ़ती नफ़रत के बीच भाईचारे का स्तंभ 'लखनऊ का बड़ा मंगल'

लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश

केंद्र का विदेशी कोयला खरीद अभियान यानी जनता पर पड़ेगा महंगी बिजली का भार

कोयले की किल्लत और बिजली कटौती : संकट की असल वजह क्या है?

लखनऊ: महंगाई और बेरोज़गारी से ईद का रंग फीका, बाज़ार में भीड़ लेकिन ख़रीदारी कम

लखनऊ: अतंर्राष्ट्रीय शूटिंग रेंज बना आवारा कुत्तों की नसबंदी का अड्डा

लखनऊ: देशभर में मुस्लिमों पर बढ़ती हिंसा के ख़िलाफ़ नागरिक समाज का प्रदर्शन

महानगरों में बढ़ती ईंधन की क़ीमतों के ख़िलाफ़ ऑटो और कैब चालक दूसरे दिन भी हड़ताल पर


बाकी खबरें

  • भाषा
    ज्ञानवापी मामला : अधूरी रही मुस्लिम पक्ष की जिरह, अगली सुनवाई 4 जुलाई को
    30 May 2022
    अदालत में मामले की सुनवाई करने के औचित्य संबंधी याचिका पर मुस्लिम पक्ष की जिरह आज भी जारी रही और उसके मुकम्मल होने से पहले ही अदालत का समय समाप्त हो गया, जिसके बाद अदालत ने कहा कि वह अब इस मामले को…
  • चमन लाल
    एक किताब जो फिदेल कास्त्रो की ज़ुबानी उनकी शानदार कहानी बयां करती है
    30 May 2022
    यद्यपि यह पुस्तक धर्म के मुद्दे पर केंद्रित है, पर वास्तव में यह कास्त्रो के जीवन और क्यूबा-क्रांति की कहानी बयां करती है।
  • भाषा
    श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह प्रकरण में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल
    30 May 2022
    पेश की गईं याचिकाओं में विवादित परिसर में मौजूद कथित साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की संभावना को समाप्त करने के लिए अदालत द्वारा कमिश्नर नियुक्त किए जाने तथा जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बेंगलुरु में किसान नेता राकेश टिकैत पर काली स्याही फेंकी गयी
    30 May 2022
    टिकैत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्थानीय पुलिस इसके लिये जिम्मेदार है और राज्य सरकार की मिलीभगत से यह हुआ है।’’
  • समृद्धि साकुनिया
    कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम जॉब पैकेज में कोई सुरक्षित आवास, पदोन्नति नहीं 
    30 May 2022
    पिछले सात वर्षों में कश्मीरी पंडितों के लिए प्रस्तावित आवास में से केवल 17% का ही निर्माण पूरा किया जा सका है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License