NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
आखिर क्यों जरुरी है तर्कसंगत सोच के लिए लड़ना?
राष्ट्रवाद की आड़ में तर्क संगत सोच पर लगातार वार जारी है।
ऋतांश आज़ाद
27 Aug 2017
आखिर क्यों जरुरी है तर्कसंगत सोच के लिए लड़ना?

मालेगांव ब्लास्ट  के मुख्य आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिलने के बाद बुधवार को  रिहा कर दिया गया।  पुरोहित को 9 साल बाद इस बिनाह पर बेल मिली कि उनके खिलाफ सबूतों में अंतर्विरोध पाए गए हैं । उन्हें लेने बाकायदा आर्मी की गाड़ियों का एक काफिला नवी मुंबई के तजोला जेल पंहुचा। 9 साल बाद जेल  से बाहर आने के बाद पुरोहित ने कहा "आर्मी मेरी उम्मीद पर खरी उतरी है और मेरे आर्मी के सहकर्मी हमेशा से मेरे साथ खड़े रहे हैं।  मुझे कभी भी नहीं लगा कि मैं आर्मी से अलग हूँ "

श्रीकांत पुरोहित को 2008 में ATS ने  मालेगांव  धमाके  कराने  के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।  ATS के उस समय के अध्यक्ष हेमंत करकरे ने मालेगांव धमाकों की  साज़िश का खुलासा किया, साथ ही उन्होंने एक हिन्दुत्ववादी संगठन "अभिनव भारत" को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया । इस संगठन  के नेटवर्क की जांच के दौरान ही हेमंत करकरे की मुंबई के 26 /11  के हमले के दौरान मौत हो गयी। इसके बाद 2011 में यह केस NIA को सौंप दिया गया।

 
सितम्बर 2008  में दो बम धमाके हुए, जिसमें  7 लोगों की मौत हुई और 100 लोग घायल हुए। ATS ने इस मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, पुरोहित और रिटायर्ड मेजर उपाध्याय को गिरफ्तार किया।  इसी मामले की जांच के दौरान ‘अभिनव भारत’ नामक  संस्था का नाम सामने आया।  ATS  की जांच के मुताबिक श्रीकांत पुरोहित ने कुछ और साथियों के साथ 2007 में ‘अभिनव भारत’ संस्था बनाई थी। जांच के दौरान यह भी पता चला कि पुरोहित ने मालेगांव धमाकों में आर डी एक्स पहुंचाने का काम भी अपने ज़िम्मे लिया था। 

‘अभिनव भारत’ का मकसद  भारत का संविधान हटाकर हिन्दू स्मृतियों और वैदिक परंपरा को  स्थापित करना था ।  साथ ही भारत को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र की जगह हिन्दू राष्ट्र बनाना था। पुरोहित का मानना था कि जो भी उनकी इस मुहिम के खिलाफहोगा उन्हें खत्म कर दिया जायेगा। इस आतंकवादी संस्था की मुलाकातों में प्रज्ञा ठाकुर, श्रीकांत पुरोहित के साथ स्वामी असीमानंद भी शामिल थे।

2010 में असीमानंद ने ये कबूल किया कि उन्होंने  मक्का मस्जिद , अजमेर शरीफ , मालेगांव और समझौता एक्सप्रेस में धमाके करवाये थे ।  पर 2011 में वो अपने बयान से पलट गए और कहा कि ये बयान  उन्होंने NIA के दबाव में दिया था। इसी  दौरान भगवा आतंकवाद के एक  और संगठन ‘सनातन संस्था’  का नाम सामने आने लगा ।  2008 में इस संस्था के 6 लोगों को ठाणे में एक धमाका करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस घटना के मुकदमें में  2 लोगों को इसमें दोषी  पाया गया , पर बाद में वे बेल पर रिहा हो गये। इसके बाद  संस्था से जुड़े लोगों को गोवा में हुए ब्लास्ट के लिए भी आरोपी  बनाया  गया। पर 2013  की  घटनाओं के बाद  इस संस्था का नाम फिर से सुर्ख़ियों में आ गया।  2013 में  नरेंद्र  दाभोलकर और उनके बाद कामरेड पानसरे और कलबुर्गी की हत्या का आरोप ‘सनातन संस्था’ से जुड़े लोगों पर लगा। ये तीनों ही लोग देश में तर्क संगत विचारों के प्रचार के  लिये समर्पित थे । इसी वजह से वे अंध विश्वास फ़ैलाने वाली इस संस्था के निशाने पर आ गए थे। नरेंद्र  दाभोलकर की संस्था ने  बताया  की उन्हें सालों से क़त्ल करने की धमकियां मिल रही थीं। सनातन संस्था की हिन्दू जनजागृति समिति वेबसाइट पर नज़र डाली जाये, तो उसमें  साफ़ तौर पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफ़रत  और हिन्दू राष्ट्र बनाने का प्रोग्राम मिलता है।  इसके अलावा इसकी वेबसाइट पर  हिन्दू राष्ट्र स्थापित करने की टाइमलाइन दी गयी है। वेबसाइट के अनुसार  2025 तक हिन्दू राष्ट्र स्थापित कर लिया जायेगा। 

अगर  महाराष्ट्र के इतिहास पर नज़र डाली जाये  तो ये यह पता चलता है कि यह राज्य अम्बेडकरवादी और वामपंथी आंदोलनों का गढ़ रहा है। महाराष्ट्र में ‘प्रतिसरकार का आंदोलन’ और बाद में  ट्रेड यूनियन आंदोलन इसकी एक बड़ी मिसालें हैं ।  पर 70  के दशक में शिव सेना के उभार के साथ  हिन्दुत्व और क्षेत्रवाद की राजनीति का भी उभार हुआ, जिसने वहां के ट्रेड यूनियन आंदोलन की कमर तोड़ दी। इसी के साथ बाबरी मस्जिद के 1992 में ढहाए जाने के बाद इस राजनीति ने और तेज़ी से सर उठाना शुरू किया। इस सब के बावजूद नरेंद्र दाभोलकर और पानसरे द्वारा चलायी जा रही मुहीम इन कट्टर पंथी संगठनो के लिए मुश्किलें पैदा कर रही थी। 

गौरतलब है कि बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और पुरोहित दोनों को बेल मिल गयी है साथ ही साथ  असीमानंद सबूतों के आभाव में बरी हो गये हैं।  साथ  ही ‘सनातन संस्था’ के बारे में भी सत्ता पक्ष का रवैया भी काफी नरम रहा है।  उनसे जुड़े किसी भी व्यक्ति को सजा नहीं हुई  और ना ही इस संस्था पर रोक लगी है । इस बात में कोई शक नहीं है, कि आरएसएस और इन आतंकी संगठनों का लक्ष्य  हिन्दू राष्ट्र की स्थापना है।  इसी वजह से इनके गतिविधियों को न सिर्फ नज़र अंदाज़ किया जा रहा है बल्कि अंदरूनी तौर पर  समर्थन भी दिया जा रहा है। 
यहाँ एक और बात जोड़ने की आवश्यकता है कि  सेना ने  जिस तरह पुरोहित का समर्थन किया है , ये एक खतनाक चलन की ओर इशारा कर रहा है ।आर्मी के कुछ रिटायर्ड जनरलों द्वारा लगातार हिंदूवादी मुहिमों का समर्थन किया जा  रहा है।  2014 के बाद ये प्रवति काफी बढ गयी है, जिसको दक्षिण पंथियों ने हवा देनी शुरू की है। 

इस तरह से राष्ट्रवाद की आड़ में तर्क संगत सोच पर लगातार वार जारी है।  भगवा आतंकवाद , गौ रक्षकों  की मुहिम और तार्किक सोच पर हमला देश में फासीवाद के बढ़ते कदमों की आहट सुना रहे हैं। इसे  हराने के लिये तर्क संगत विचारधारा के प्रचार के  साथ कानूनी लड़ाई लड़ना भी ज़रूरी है।

भाजपा
कर्नल पुरोहित
मालेगांव
हिन्दुत्ववादी संगठन

Related Stories

#श्रमिकहड़ताल : शौक नहीं मज़बूरी है..

आपकी चुप्पी बता रहा है कि आपके लिए राष्ट्र का मतलब जमीन का टुकड़ा है

अबकी बार, मॉबलिंचिग की सरकार; कितनी जाँच की दरकार!

आरक्षण खात्मे का षड्यंत्र: दलित-ओबीसी पर बड़ा प्रहार

झारखंड बंद: भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन के खिलाफ विपक्ष का संयुक्त विरोध

झारखण्ड भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल, 2017: आदिवासी विरोधी भाजपा सरकार

यूपी: योगी सरकार में कई बीजेपी नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप

मोदी के एक आदर्श गाँव की कहानी

क्या भाजपा शासित असम में भारतीय नागरिकों से छीनी जा रही है उनकी नागरिकता?

बिहार: सामूहिक बलत्कार के मामले में पुलिस के रैवये पर गंभीर सवाल उठे!


बाकी खबरें

  • aaj ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    धर्म के नाम पर काशी-मथुरा का शुद्ध सियासी-प्रपंच और कानून का कोण
    19 May 2022
    ज्ञानवापी विवाद के बाद मथुरा को भी गरमाने की कोशिश शुरू हो गयी है. क्या यह धर्म भावना है? क्या यह धार्मिक मांग है या शुद्ध राजनीतिक अभियान है? सन् 1991 के धर्मस्थल विशेष प्रोविजन कानून के रहते क्या…
  • hemant soren
    अनिल अंशुमन
    झारखंड: भाजपा काल में हुए भवन निर्माण घोटालों की ‘न्यायिक जांच’ कराएगी हेमंत सोरेन सरकार
    18 May 2022
    एक ओर, राज्यपाल द्वारा हेमंत सोरेन सरकार के कई अहम फैसलों पर मुहर नहीं लगाई गई है, वहीं दूसरी ओर, हेमंत सोरेन सरकार ने पिछली भाजपा सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार-घोटाला मामलों की न्यायिक जांच के आदेश…
  • सोनिया यादव
    असम में बाढ़ का कहर जारी, नियति बनती आपदा की क्या है वजह?
    18 May 2022
    असम में हर साल बाढ़ के कारण भारी तबाही होती है। प्रशासन बाढ़ की रोकथाम के लिए मौजूद सरकारी योजनाओं को समय पर लागू तक नहीं कर पाता, जिससे आम जन को ख़ासी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है।
  • mundka
    न्यूज़क्लिक टीम
    मुंडका अग्निकांड : क्या मज़दूरों की जान की कोई क़ीमत नहीं?
    18 May 2022
    मुंडका, अनाज मंडी, करोल बाग़ और दिल्ली के तमाम इलाकों में बनी ग़ैरकानूनी फ़ैक्टरियों में काम कर रहे मज़दूर एक दिन अचानक लगी आग का शिकार हो जाते हैं और उनकी जान चली जाती है। न्यूज़क्लिक के इस वीडियो में…
  • inflation
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब 'ज्ञानवापी' पर हो चर्चा, तब महंगाई की किसको परवाह?
    18 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार शर्मा सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकार के पास महंगाई रोकने का कोई ज़रिया नहीं है जो देश को धार्मिक बटवारे की तरफ धकेला जा रहा है?
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License