NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अल्जीरियाः कोर्ट ने पत्रकार को सभी आरोपों से बरी किया, जल्द रिहा होने की उम्मीद
सरकार-विरोधी हिरक आंदोलन के समर्थक पत्रकार बेल्केसम द्जिर को पिछले साल जुलाई में गिरफ़्तार किया गया था और उन्हें "ग़लत पहचान" और "ब्लैकमेल" के आरोप में तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
पीपल्स डिस्पैच
24 Sep 2020
अल्जीरिया

अल्जीरियाई पत्रकार बेल्केसम द्जिर को बुधवार 23 सितंबर को अल्जीयर्स की एक अदालत द्वारा सभी आरोपों से बरी कर दिया गया और हिरासत में एक साल से अधिक समय बिताने के बाद उनके रिहा होने की उम्मीद है। ये जानकारी उनके वकील ने दी। द्जीर पर ग़लत पहचान का इस्तेमाल करने और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया गया था और पहले एक आम क़ानून के मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। उनके वकील फातिहा रौइबी ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा कि अल्जीयर्स कोर्ट ने पत्रकार के ख़िलाफ़ किए गए मामले की अत्यधिक संवेदनशीलता का हवाला देते हुए, अन्य जानकारी और अधिक जानकारी से इंकार करते हुए द्जिर के ख़िलाफ़ सभी आरोपों को निरस्त कर दिया है।

34 वर्षीय द्जिर को अल्जीरियाई अधिकारियों ने पिछले साल जुलाई में उस समय हिरासत में लिया था, जब वे निजी टेलीविजन चैनल इचोउरुक न्यूज के लिए काम कर रहे थे। 28 जून को बीर मौरड रईस की अदालत ने उपरोक्त आरोपों के लिए द्जिर को तीन साल की सजा सुनाई थी। उनकी गिरफ्तारी के बाद उन पर "सेना के जवानों का मनोबल गिराने" का भी आरोप लगाया गया और उक्त आरोप में उन पर मुकदमा चलाया गया। अल्जीयर्स की अदालत द्वारा उनके ख़िलाफ़ सभी आरोपों को खारिज करने के बाद रिहाई के इंतज़ार में उन्हें वर्तमान में एल हैराच जेल में रखा गया है।

द्जिर उन कई पत्रकारों में से एक है जिन्हें वर्तमान में अल्जीरियाई अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिया जा रहा है। इनमें से सबसे प्रमुख पत्रकार खालिद द्रारेनी और अब्देलक्रीम ज़ेगिलेचे हैं। दोनों को षड्यंत्रकारी आरोप जैसे "एक निहत्थे सभा को उकसाने", "खतरे में डालना और राष्ट्रीय एकता को कमज़ोर करने" और "गणतंत्र के राष्ट्रपति के व्यक्तित्व को नष्ट करने" को लेकर दो साल की जेल की सजा सुनाई गई है। ये सभी सरकार के आलोचकों को निशाना बनाने और चुप कराने और विशेष रूप से सरकार विरोधी हिरक आंदोलन से जुड़े या समर्थन करने वाले लोगों के लिए विश्वासघात करते हैं।

मानवाधिकार समूह सीएनएलडी (नेशनल कमेटी फॉर लिबर्टीज़ ऑफ़ डिटेनीज) के अनुसार, द्रारेनी और ज़ेगिलेचे के अलावा, हिरक विरोध आंदोलन से जुड़े 61 अन्य अल्जीरियाई नागरिकों को वर्तमान में सरकार द्वारा अवैध रूप से हिरासत में लिया जा गया है, जिनमें कई पत्रकार,कार्यकर्ता, वकील, विपक्षी लोग और हिरक प्रदर्शनकारी शामिल हैं। अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन, प्रेस फ्रीडम वॉचडॉग और अल्जीरियाई नागरिक समाज समूहों ने बार-बार सरकार से सभी राजनीतिक क़ैदियों को बिना शर्त रिहा करने की मांग की है। इनमें से कई बिना किसी आरोप या मुक़दमे के अनिश्चित काल के लिए जेल में बंद हैं।

Algeria
press freedom in algeria
attacks against journalists

Related Stories

प्रसिद्ध अल्जीरियाई पत्रकार मोहम्मद मौलौद्ज को आतंकवाद के आरोप में हिरासत में लिया गया

अल्जीरिया में 100 से अधिक हिरक प्रदर्शनकारी रिहा

अल्जीरियाई स्वतंत्रता दिवस पर जेल में बंद हिरक आंदोलन के 18 कार्यकर्ता रिहा

अल्जीरियाई वामपंथी पार्टी के नेता फेथी घारेस फ़र्ज़ी आरोपों में गिरफ़्तार

वित्त मंत्री अयमन बेनअब्दर्रह्मान अल्जीरिया के नए प्रधानमंत्री

अल्जीरियाई पुलिस ने प्रमुख मानवाधिकार और अत्याचार-विरोधी कार्यकर्ता फ़ातिहा ब्रिकी को हिरासत में लिया

सत्ता-समर्थक दल अल्जीरियाई चुनावों में आगे

यूएन ने अल्जीरिया से हिरक प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ मानवाधिकारों के हनन को रोकने का आह्वान किया

अल्जीरिया के हिरक आंदोलन ने प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फ़ैसले की निंदा की

अल्जीरिया : हिरक आंदोलन के नेता संदिग्ध आरोपों में गिरफ़्तार


बाकी खबरें

  • Ramjas
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल
    01 Jun 2022
    वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया(SFI) ने दक्षिणपंथी छात्र संगठन पर हमले का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने भी क़ानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। परन्तु छात्र संगठनों का आरोप है कि…
  • monsoon
    मोहम्मद इमरान खान
    बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग
    01 Jun 2022
    पटना: मानसून अभी आया नहीं है लेकिन इस दौरान होने वाले नदी के कटाव की दहशत गांवों के लोगों में इस कदर है कि वे कड़ी मशक्कत से बनाए अपने घरों को तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। गरीबी स
  • Gyanvapi Masjid
    भाषा
    ज्ञानवापी मामले में अधिवक्ताओं हरिशंकर जैन एवं विष्णु जैन को पैरवी करने से हटाया गया
    01 Jun 2022
    उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके पुत्र विष्णु जैन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पैरवी कर रहे थे। इसके साथ ही पिता और पुत्र की जोड़ी हिंदुओं से जुड़े कई मुकदमों की पैरवी कर रही है।
  • sonia gandhi
    भाषा
    ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी को धन शोधन के मामले में तलब किया
    01 Jun 2022
    ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष को आठ जून को पेश होने को कहा है। यह मामला पार्टी समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था।
  • neoliberalism
    प्रभात पटनायक
    नवउदारवाद और मुद्रास्फीति-विरोधी नीति
    01 Jun 2022
    आम तौर पर नवउदारवादी व्यवस्था को प्रदत्त मानकर चला जाता है और इसी आधार पर खड़े होकर तर्क-वितर्क किए जाते हैं कि बेरोजगारी और मुद्रास्फीति में से किस पर अंकुश लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना बेहतर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License