NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका में सरकार ठप
आईएएनएस
20 Jan 2018
america

वाशिंगटन, 20 जनवरी (आईएएनएस)| सीनेट में अल्पकालिक व्यय विधेयक पारित नहीं हो पाने से अमेरिका में सरकार का कामकाज शनिवार को ठप होना शुरू हो गया है। इस संकट के कारण हजारों कर्मचारियों को अवैतनिक छुट्टी पर जाना होगा। मीडिया रपटों में कहा गया है कि सरकार के सामने यह संकट ऐसे समय में आ खड़ा हुआ है, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति के रूप में अपना पहला साल पूरा कर रहे हैं। 

बीबीसी के मुताबिक, अमेरिका के इतिहास में यह पहला मौका है, जब कांग्रेस के दोनों सदनों और व्हाइट हाउस पर एक ही पार्टी का नियंत्रण है, फिर भी सरकार को इस संकट का सामना करना पड़ा है। 

अंतिम क्षण में भी इस मुद्दे पर दोनों दलों ने बैठक की, फिर भी 16 फरवरी तक के लिए सरकार को निधि मुहैया कराने वाले विधेयक के लिए आवश्यक 60 मत नहीं मिल सके। 

बजट प्रस्ताव शुक्रवार रात रिपब्लिकन ने पेश किया और इसके पक्ष में 50 मत प्राप्त मिले, जबकि विरोध में 48 मत पड़े। लेकिन ये मत निधि को मंजूरी देने के लिए अपर्याप्त रहे। चार रिपब्लिकन नेताओं ने विधेयक के खिलाफ मतदान किया, जबकि पांच डेमोक्रेट सदस्यों ने इसका समर्थन किया। 

इससे पहले गुरुवार रात प्रतिनिधि सभा के सदस्यों ने फरवरी तक के सरकारी खर्च के लिए विधेयक को 197 के मुकाबले 230 मतों से पारित कर दिया था। 

समाचार पत्र 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने अपनी रपट में कहा है कि मध्यरात्रि तक की समयसीमा समाप्त होने के कुछ मिनट पहले ही व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा हक्काबी सैंडर्स ने ट्विटर के जरिए इसे "शूमर शटडाउन" करार दिया और इसके लिए सीनेट के डेमोक्रेट नेताओं को जिम्मेदार ठहराया। सीनेट में शीर्ष डेमोक्रेट नेता चक शूमर को इस अल्पकालिक विधेयक का मुख्य विरोधी माना गया है।

सैंडर्स ने कहा, "आज रात उन लोगों ने हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा, सैन्य परिवारों, मासूम बच्चों और सभी अमेरिकी लोगों की सेवा करने की हमारे देश की क्षमता पर राजनीति को ऊपर रखा।"

उन्होंने कहा, "जब डेमोक्रेट ने अपनी बेकार की मांगों को लेकर हमारे वैध नागरिकों को बंधक बना लिया है, तो ऐसे में हम अवैध आप्रवासियों की स्थिति पर कोई बातचीत नहीं करेंगे।" 

सैंडर्स ने कहा, "यह असफल विघ्नकारियों का आचरण है, न कि सांसदों का।"

उन्होंने कहा कि राजनीतिक रूप से पैदा की गई बंदी की इस स्थिति के दौरान अमेरिकी लोगों को बचाने के लिए राष्ट्रपति और उनका प्रशासन लड़ेगा। 

सीनेट में विधेयक नामंजूर होने का मतलब है कि जबतक बजट पर सहमति नहीं बन जाती, तबतक कई सरकारी सेवाएं बंद रहेंगी।

इस तरह की पिछली बंदी 2013 में बराक ओबामा प्रशासन के दौरान हुई थी, जो 16 दिनों तक चली थी। तमाम संघीय कर्मचारियों को छुट्टी पर जाना पड़ा था।

ट्रंप ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा, "वे हमारी महान सेना या अत्यंत खतरनाक दक्षिणी सीमा की सुरक्षा के लिए अच्छा नहीं कर रहे। डेमोक्रेट कर कटौती की बड़ी सफलता को बेकार करने में मदद के लिए यह बंदी चाहते हैं।"

--आईएएनएस


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License