NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
एशिया के बाकी
अमेरिकी, अफगान बलों के हाथों मारे जाने वाले नागरिकों की संख्या अधिक: संयुक्त राष्ट्र
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन ने एक रिपोर्ट में कहा है कि 2019 के पहले तीन महीनों में 305 नागरिकों की मौत के लिए अंतरराष्ट्रीय और सरकार समर्थक सेनाएं जिम्मेदार थीं, जबकि विद्रोही समूहों ने 227 लोगों की हत्या की।
भाषा, एएफपी
24 Apr 2019
सांकेतिक तस्वीर
Image Courtesy: Military.com

काबुल। संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट में कहा है कि अफगानिस्तान में अमेरिका और अन्य सरकार समर्थक बलों के अभियान में मरने वाले लोगों की तादाद पहली बार, तालिबान और दूसरे आतंकवादी समूह के हाथों मारे जाने वाले लोगों की संख्या से अधिक हो गई है।

यह दु:खद आंकड़ा ऐसे समय में सामने आया है जब अमेरिका तालिबान के साथ शांति समझौते पर जोर देने के साथ-साथ इस देश में वायु सेना की कार्रवाई तेज कर रहा है। तालिबान को साल 2001 में यहां से खदेड़ दिया गया था। तब से अब तक, किसी भी समय के मुकाबले देश के अधिकतर हिस्से पर तालिबान का नियंत्रण या प्रभाव है।

अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) ने एक तिमाही रिपोर्ट में कहा है कि 2019 के पहले तीन महीनों में 305 नागरिकों की मौत के लिए अंतरराष्ट्रीय और सरकार समर्थक सेनाएं जिम्मेदार थीं, जबकि विद्रोही समूहों ने 227 लोगों की हत्या की।

यूएनएएमए ने बताया कि ज्यादातर मौतें हवाई हमलों या जमीन पर उन खोज अभियानों की वजह से हुईं, जो मुख्य रूप से अमेरिका समर्थित अफगान सेना द्वारा चलाए गए।

रिपोर्ट में बताया गया है, ‘‘यूएनएएमए ने अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों और अंतरराष्ट्रीय सैन्य बलों, दोनों से उनके निष्कर्षों के परिणामों को प्रकाशित करने के लिए और पीड़ितों को उचित मुआवजा प्रदान करने के लिए नागरिकों के हताहत होने संबंधी आरोपों की जांच करने का आग्रह किया है।’’

यूएनएएमए ने अफगानिस्तान में बिगड़ते सुरक्षा हालात के बीच 2009 में नागरिकों के हताहत होने संबंधी आंकड़ों को संकलित करना शुरू किया था।

Afganistan
american forces in afghanistan
NATO
nato forces
TALIBAN
UNO
UNAMA

Related Stories

बाइडेन ने यूक्रेन पर अपने नैरेटिव में किया बदलाव

90 दिनों के युद्ध के बाद का क्या हैं यूक्रेन के हालात

यूक्रेन युद्ध से पैदा हुई खाद्य असुरक्षा से बढ़ रही वार्ता की ज़रूरत

खाड़ी में पुरानी रणनीतियों की ओर लौट रहा बाइडन प्रशासन

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

यूक्रेन में संघर्ष के चलते यूरोप में राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 

भोजन की भारी क़िल्लत का सामना कर रहे दो करोड़ अफ़ग़ानी : आईपीसी

नाटो देशों ने यूक्रेन को और हथियारों की आपूर्ति के लिए कसी कमर

रूस ने पश्चिम के आर्थिक प्रतिबंधों का दिया करारा जवाब 

तालिबान को सत्ता संभाले 200 से ज़्यादा दिन लेकिन लड़कियों को नहीं मिल पा रही शिक्षा


बाकी खबरें

  • सत्यम कुमार
    उत्तराखंड : ज़रूरी सुविधाओं के अभाव में बंद होते सरकारी स्कूल, RTE क़ानून की आड़ में निजी स्कूलों का बढ़ता कारोबार 
    28 Apr 2022
    उत्तराखंड राज्य में विद्यालयों की स्थिति के आंकड़े दिखाते हैं कि सरकारी स्कूलों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिसके चलते विद्यार्थियों का नामांकन कम हो रहा है, और अंत में कम नामांकन के चलते स्कूल बंद…
  • प्रेम कुमार
    ‘जनता की भलाई’ के लिए पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के अंतर्गत क्यों नहीं लाते मोदीजी!
    28 Apr 2022
    अगर पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में लाए जाते हैं तो कीमत में 30 से 40 रुपये प्रति लीटर तक की कमी हो जाएगी। जनता केंद्र और राज्यों के दोहरे कराधान से भी बच जाएगी। जनता की भलाई के लिए बीजेपी की सरकार…
  • वी. श्रीधर
    एलआईसी की आईपीओ: बड़े पैमाने का घोटाला
    28 Apr 2022
    एलआईसी को लिस्टेड करने की इस बेबुनियाद हड़बड़ी में दिग्गज "निवेशकों" के पैसे बनाने की सनक को बढ़ावा देते हुए लोगों के हितों की भयानक अनदेखी नज़र आती है। आईपीओ की क़ीमत से यह संकेत मिलता है कि यह शायद…
  • सुभाष गाताडे
    दलित जननेता जिग्नेश को क्यों प्रताड़ित कर रही है भाजपा? 
    28 Apr 2022
    ‘क्या अपने राजनीतिक आकाओं के फायदे के लिए एक जननेता को प्रताड़ित और आतंकित किया जा रहा है’?
  • अनीस ज़रगर
    कश्मीर में एक आर्मी-संचालित स्कूल की ओर से कर्मचारियों को हिजाब न पहनने के निर्देश
    28 Apr 2022
    पूर्व मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ़्ती ने भाजपा पर महिलाओं की आजादी पर अंकुश लगाने का आरोप लगाया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License